Gharana wetland: साइबेरियन राजहंसों से फिर गुलजार हुआ घराना वेटलैंड
लोग परिंदों के विचरण में अड़चन नही डाल पाएं इसके लिए वन्यजीव संरक्षण विभाग के कर्मचारी दिन राज नजर रखे हुए हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता। लंबे समय तक दूरियां बनाए रखने वाले प्रवासी पक्षी राजहंस, सरपट्टी सवन (बार हेडड गीज) की वापसी से भारत-पाक सीमा पर स्थित घराना वेटलैंड गुलजार हो गया है। तालाब में अठखेलियां कर इन विदेशी पक्षियों ने लोगों में रोमांच भर दिया है। तकरीबन तीन से चार हजार सरपट्टी सवन दिन भर तालाब में उतर रहे हैं और पूरे दिन का समय यहां पर गुजार रहे हैं। हालांकि सुबह शाम इन पक्षियों का सीमा के उस पार पाकिस्तान में भी आना जाना लगा रहता है मगर अधिकांश समय यह पक्षी इस ओर घराना वेटलैंड के तालाब में ही गुजार रहे हैं।
तालाब में उतरते समय और अठखेलियां करते समय इन पक्षियों के शोर से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है। प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए दूर दूर से पर्यटकों के यहां पहुंचने का क्रम भी तेज हो गया है। विभिन्न स्कूलों के बच्चे यहां पर पहुंच रहे हैं और पक्षियों की उड़ान व अठखेलियों का आनंद उठा रहे हैं। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का कहना है कि यह जगह एक अच्छा पिकनिक स्थल बन सकता है। जम्मू से आई मधु ने बताया कि पिछले माह भी वह घराना आई लेकिन प्रवासी पक्षी नही दिखे। अब तो पूरा तालाब ही पक्षियों से भर अाया है।
जम्मू से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर स्थित इस वेटलैंड में दूसरे कई प्रजाति के पक्षी भी डेरा लगाए हुए हैं इनमें तिदारी, मर्गाबी, सींख पर, बेखुर बतख प्रमुख है। लेकिन राजहंस सरपट्टी सवन की संख्या सबसे अधिक हैं। इस बार घराना क्षेत्र का किसान भी इन पक्षियों से बेफिक्र है क्योंकि पिछले समय में बारिश के कारण किसान यहां गेहूं की बिजाई ही नही कर पाए। ऐसे में फसल के नुकसान का इस बार किसानों को डर नही सता रहा। लेकिन यह पक्षी दाना दुनका चुगने के लिए अब दूर क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। बहरहाल घराना में बैठ रहे प्रवासी पक्षियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
लोग परिंदों के विचरण में अड़चन नही डाल पाएं, इसके लिए वन्यजीव संरक्षण विभाग के कर्मचारी दिन राज नजर रखे हुए हैं। वन्यजीव संरक्षण विभाग के रेंज आफिसर वेटलैंड रिशी पाल ने बताया कि देरी से ही सही, इस बार अच्छी संख्या में सरपट्टी सवन घराना में पहुंचे हैं।