Mata Vaishno Devi: मां वैष्णो देवी यात्रा शुरू करने की SOP तैयार, बस केंद्र सरकार के आदेश का इंतजार
शुरूआत में केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को ही यात्रा पर आने की अनुमति प्रदान की जाएगी। यानी जम्मू-कश्मीर के अलावा देश-विदेश से कोई भी श्रद्धालु यात्रा पर नहीं आ पाएगा।
कटड़ा, राकेश शर्मा। कोविड-19 यानी कोरोना प्रकोप के कारण गत 18 मार्च से बंद श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedure or SOP) लगभग तैयार कर लिया है। बस अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार है। जब भी निकट भविष्य में वैष्णो देवी यात्रा आरंभ होती है तो इसमें श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखी जाएगी, जोकि पांच से छह प्रतिदिन होगी। यही नहीं शुरूआत में केवल स्थानीय श्रद्धालुओं को ही यात्रा पर आने की अनुमति प्रदान की जाएगी। यानी जम्मू-कश्मीर के अलावा देश-विदेश से कोई भी श्रद्धालु यात्रा पर नहीं आ पाएगा। कोरोना प्रकोप के पूरी तरह समाप्त होने तक रजिस्ट्रेशन कांउंटर बंद ही रहेंगे। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा और अपना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी साथ रखना होगा।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से माता वैष्णो देवी के हरेक प्रवेश द्वार यानी दर्शनी ड्योडी बाण गंगा और नए ताराकोट मार्ग पर डॉक्टरों पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ तैनाती की जाएगी, जो स्वास्थ्य जांच करने के बाद ही श्रद्धालुओं को यात्रा पर रवाना करेंगे। देश के अन्य राज्याें की तरह जम्मू-कश्मीर में भी लॉकडाउन 4 जारी है। रेड जोन को छोड़ ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले इलाकों में काफी हद तक रियायतें दी गई हैं। कटड़ा में भी अब धीरे-धीरे जीवन सामान्य होने लगा है। स्थानीय स्तर पर व्यापारिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ने लगी हैं परंतु माता वैष्णो देवी यात्रा बंद होने की वजह से होटल, रेस्तरां व भेंट, ड्राइ फ्रूट आदि दुकानें अभी भी बंद हैं।
रेल और हवाई सेवाएं शुरू होने के बाद यहां के व्यापारियों को लगता है कि जल्द ही केंद्र सरकार देश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को खोलने की घोषणा कर सकता है। जिनमें विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी मंदिर भी प्रमुख है। हालांकि वैष्णो देवी भवन के कपाट श्रद्धालुओं के लिए कब खुलेंगे यह फैसला केंद्र सरकार का होगा। बोर्ड को उसी का इंतजार है। यात्रा आरंभ होने पर उसका आकार तथा स्वरूप क्या होगा इस पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड निरंतर मंथन कर रहा है। बोर्ड ने इसके लिए एसओपी भी लगभग तैयार कर लिया है।
घोड़ा पिट्ठू अथवा पालकी भी उपलब्ध होगी: सूत्रों के अनुसार वैष्णो देवी यात्रा आरंभ करने के समय इच्छुक श्रद्धालुओं को भवन मार्ग पर चलने वाली बैटरी कार व घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी भी उपलब्ध होगी। इसके लिए सबसे पहले स्थानीय घोड़ा, पिट्ठू, पालकी आदि का कार्य करने वाले मजदूरों को ही मौका मिलेगा। बोर्ड द्वारा चिन्हित किए गए ये सभी मजदूर कटड़ा व आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार श्राइन बोर्ड ने 450 घोड़ा चालकों की पहचान कर उनकी सूची भी तैयार कर ली है।
यात्रा मार्ग पर सैनिटाइज यूनिट की होगी तैनाती: मां वैष्णो देवी के 13 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग पर प्रत्येक 3 किलोमीटर पर सैनिटाइजर यूनिट की तैनाती होगी। यात्रा के समय प्रत्येक घोड़े को करीब 1 या 2 मिनट के उपरांत छोड़ा जाएगा ताकि शारीरिक दूरी निरंतर बनी रहे। वहीं प्रत्येक सैनिटाइजर यूनिट में घोड़ा, पिट्ठू, अथवा पालकी के रूप में कार्य करने वाले मजदूर सैनिटाइज होंगे। इसके अलावा शारीरिक दूरी को लेकर विशेष दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे|
अटका आरती भी नहीं होगी: वैष्णो देवी यात्रा शुरू होने के शुरुआती दिनों में दिव्य आरती में बैठने की श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्राचीन गुफा के समक्ष सुबह व शाम को होने वाली दिव्य आरती यानी अटका आरती में केवल मुख्य पुजारी या फिर बोर्ड के सदस्य ही मौजूद रहेंगे। श्रद्धालु इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा पवित्र अर्द्धकुंवारी मंदिर के प्रांगण में स्थित पवित्र गर्भ जून गुफा में भी प्रवेश पर रोक लागू रहेगी। श्रद्धालु इस पवित्र गुफा के प्रवेश द्वार पर ही माथा टेक कर वापिस आ जाएंगे।
सैनिटाइजर टनल-फ्लेक्सिग्लास क्यूब्स बनाने का कार्य जल्द होगा शुरू: मां वैष्णो देवी प्रवेश द्वार यानी दर्शनी ड्योडी तथा ताराकोट मार्ग पर फोरलेन विषाणुनाशक टनल स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा भवन पर पवित्र गुफा से लेकर मनोकामना भवन तक और अर्द्धकुंवारी मंदिर के प्रांगण में भी फ्लेक्सि ग्लास क्यूब्स बनाने की तैयारी की जा रही है। ताकि दर्शन करते समय श्रद्धालु शारीरिक दूरी बनाए रखें। इसके अलावा भवन मार्ग पर हैंड फ्री फूट ऑपरेटर सैनिटाइजर सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। इन सभी पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। श्राइन बोर्ड भवन मार्ग पर जीपीएस सिस्टम भी स्थापित करेगा ताकि प्रत्येक श्रद्धालु पर नजर रखी जा सके।
इन योजनाओं पर भी हो रहा विचार: कोविड-19 महामारी को लेकर यात्रा के दौरान किसी भी तरह का संक्रमण न हो इसके लिए यात्रा के जाने और आने के रास्ते को अलग-अलग रखने पर भी विचार किया जा रहा है। मार्ग पर स्थित दुकानों व भोजनालयों, लंगर आदि में भी शारीरिक दूरी रहे इसके लिए भी इंतजाम किए जा रहे हैं। ऐसा व्यवस्था की जा रही है कि वैष्णो देवी भवन में करीब 470 से 490 श्रद्धालु एक घंटे के भीतर मां के अलौकिक दर्शन कर पाएंगे। ताकि यात्रा को निरंतर सुचारू रखने में कोई परेशानी न हो। व्यवस्था पर नजर रखने के लिए श्राइन बोर्ड विभिन्न टीमों का गठन करेगा। इन सभी बिंदुओं पर केंद्रित करती श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की एसओपी लगभग तैयार है। इसे गृहमंत्रालय को भेज दिया गया है। मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।