Move to Jagran APP

Mata Vaishno Devi: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किए बंद

बोर्ड एक-एक कर श्रद्धालुओं को आपस में दूरी बनाए रखते हुए गुफा के दर्शनों को भेज रहा है। श्रद्धालु भी बाहर से ही गर्भ जून गुफा के दर्शन कर रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 06:27 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:27 PM (IST)
Mata Vaishno Devi: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किए बंद
Mata Vaishno Devi: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गर्भ जून गुफा के कपाट किए बंद

कटड़ा, राकेश शर्मा। दुनिया भर में भय का सबब बन चुके कोरोना वायरस का असर वैष्णो देवी यात्रा पर भी पड़ने लगा है।यात्रा में अब हर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ दिनों में जहां रोजाना 22000 से 28000 श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे थे। अब यह संख्या गिरकर करीब 15000 से 17000 के बीच पहुंच गई है। आज मंगलवार को शाम 5:30 तक करीब 9500 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवाकर भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे।

loksabha election banner

हालांकि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी श्रद्धालुआें के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। लोगों को भीड़-भाड़ से दूर रखने के इरादे से ही बोर्ड ने भवन मार्ग पर धार्मिक अर्द्धकुंवारी मंदिर परिसर में स्थित पवित्र गर्भ जून गुफा के कपाट फिलहाल बंद कर दिए हैं। श्राइन बोर्ड ने पवित्र गुफा के प्रवेश द्वार में अपना दान पत्र लगा दिया है। अब श्रद्धालु इस दिव्य गुफा के मात्र कुछ फिट दूरी से ही दर्शन कर रहे हैं। यह फैसला कोरोना वायरस को लेकर श्राइन बोर्ड एहतियात के तौर पर लिया गया है।

मां वैष्णो ने 9 महीने इस गुफा में किया था तप

पौराणिक कथा के अनुसार जब भैरवनाथ मां वैष्णो देवी को पकड़ने के लिए उनके पीछे लगा हुआ था तब मां ने इस गुफा में 9 महीने रहकर तपस्या की थी। जैसे एक मां के पेट में 9 महीने बच्चा रहता है उसी तरह मां वैष्णो इस गुफा में रही। इसी वजह से इस गुफा का नाम गर्भ जून पड़ा। ऐसी मान्यता है कि वैष्णो देवी यात्रा के दौरान जो भी श्रद्धालु इस गुफा के भीतर से गुजरता है, उसके सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं। मां वैष्णो देवी की कृपा सदैव बनी रहती है। करीब 50 से 60 मीटर लंबी इस संकरी गुफा को देखने से लगता है कोई आम व्यक्ति भी इसमें से गुजर नहीं पाएगा परंतु यह मां वैष्णो देवी का चमत्कार ही है कि इस गुफा के भीतर मोटे से मोटा व्यक्ति भी आसानी के साथ मां के जयकारे लगाते हुए गुजर जाता है।

श्रद्धालुओं की जीवन में एक बार तमन्ना होती है कि वह एक बार जरूर इस गुफा के भीतर से गुजरे। अपने दुख-दर्द मां वैष्णो देवी की कृपा से दूर कर सके। यही वजह है कि गुफा के प्रांगण में हर पल सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। गुफा से गुजरने के लिए श्रद्धालु घंटों अपनी बारी का इंतजार करते हैं परंतु आज मां का प्रांगण विरान नजर आ रहा है। श्रद्धालु इस फैसले से निराश भी हैं परंतु केरोनावारस के प्रकोप से बचने के लिए बोर्ड द्वारा लिए गए इस फैसले का हर कोई स्वागत भी कर रहा है। श्रद्धालु गुफा के बाहर से ही दर्शन कर अागे यात्रा पर बढ़ रहे हैं। इस समय भी बोर्ड के कर्मचारी एक-एक कर श्रद्धालुओं को आपस में दूरी बनाए रखते हुए गुफा के दर्शनों को भेज रहा है। श्रद्धालु भी बाहर से ही गर्भ जून गुफा के दर्शन कर रहे हैं। 

दिव्य आरती में भी श्रद्धालुओं की संख्या हुई कम

श्राइन बोर्ड प्रशासन ने सुबह व शाम के समय दरबार में होने वाली मां वैष्णो देवी की दिव्य आरती यानी अटका आरती में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी है। आमतौर पर आरती में 250 से 300 श्रद्धालु बैठकर मां वैष्णो देवी की आरती का आनंद लेते थे। परंतु अब बोर्ड ने यह संख्या कम करके 100 कर दी है। यही नहीं हरेक श्रद्धालु के बीच 2 से 3 फीट का फासला भी रखा जा रहा है। आरती में शामिल होने से पहले पवित्र स्थल को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं को भी सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लिया जा रहा है। दर्शनों के लिए लगने वाली लंबी कतारों को लेकर भी जरूरी कदम उठाए गए हैं। प्रत्येक श्रद्धालु में 2 से 3 फीट का फैसला रखा गया है। एक-एक करके श्रद्धालु को मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शनों के लिए गुफा की ओर भेजा जा रहा है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि मां वैष्णो देवी के दिव्य दर्शन करने के दौरान गुफाओं के भीतर भीड़-भाड़ न हो। बोर्ड के अधिकारी तथा कर्मचारी इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.