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Amarnath Yatra 2022 : पहलगाम में लिद्दर नदी किनारे 13 जुलाई को होगा श्री अमरेश्वर धाम भूमि पूजन-ध्वजारोहण

Amarnath Yatra 2022 श्री अमरेश्वर धाम को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पुकारा जाता है। श्रीनगर के मैसूमा के बाहरी छोर पर ही दशनामी अखाड़ा मंदिर स्थित है और इसके महंत दीपेंद्र गिरी ही श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 09:27 AM (IST)
Amarnath Yatra 2022 : पहलगाम में लिद्दर नदी किनारे 13 जुलाई को होगा श्री अमरेश्वर धाम भूमि पूजन-ध्वजारोहण
श्री अमरेश्वर धाम को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पुकारा जाता है।(File Photo)

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा- 2022 के लिए भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण 13 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में लिद्दर नदी किनारे होगा। इसके साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा आरंभ होगी। अलबत्ता, श्री अमरेश्वर धाम के लिए पवित्र छड़ी मुबारक सात अगस्त को अपने विश्रामस्थल दशनामी अखाड़ा से प्रस्थान करेगी।

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श्री अमरेश्वर धाम को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पुकारा जाता है। श्रीनगर के मैसूमा के बाहरी छोर पर ही दशनामी अखाड़ा मंदिर स्थित है और इसके महंत दीपेंद्र गिरी ही श्री अमरनाथ की पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक हैं। महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि 13 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। अनादिकाल से चली आ रही परम्परा के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा के दिन लिद्दर नदी किनारे श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा के लि भूमि पूजन,नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण का अनुष्ठान होता है। इसके बाद ही तीर्थयात्रा का विधान है।

उन्होंने बताया कि अगर श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा का पुण्य प्राप्त करना है और अगर धर्मानुसार इस तीर्थयात्रा में शामिल होना है तो श्रद्धालुओं केा पहलगाम के रास्ते से ही पवित्र गुफा के लिए यात्रा करनी चाहिए। पहलगाम से पवित्र गुफा तक के मार्ग में विभिन्न जगहों पर कई तीर्थस्थल हैं,जो इस यात्रा से पूरी तरह जुढ़े हुए हैं।

महंत दीपेंद्र गिरी ने बताया कि बुधवार 13 जुलाई को लिद्दर किनारे सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न् करने के बाद हम सभी लोग वापस दशनामी अखाड़ा लौट आएंगे। इसके बाद 28 जुलाई को पवित्र छड़ी मुबारक गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकराचार्य मंदिर में भगवान शंकर का जलाभिषेक करेगी।

इसके अलग दिन 29 जुलाई को मां शारिका भवानी मंदिर में छड़ी मुबारक पूजा करने जाएगी। दशनामी अखाड़ा स्थित श्री अमरेश्वर मंदिर मे पवित्र छड़ी मुबारक की स्थापना 31 जुलाई इतवार को होगी। इसके बाद नागपंचमी के दिन दो अगस्त को दशनामी अखाड़ा में छड़ी पूजन होगा और उसके बाद सात अगस्त को छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान करेगी।

सात और आठ अगस्त केा पहलगाम में ही विश्राम करने के बाद नौ अगस्त को चंदनबाड़ी में छड़ी मुबारक पहुंचेगी। शेषनाग में 10 अगस्त और 11 अगस्त को पंचतरनी में पूजा करने के बाद 12 अगस्त रक्षाबंधन की सुबह पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी और इसके साथ ही वहां विराजमान हिंमलिंग स्वरुप भगवान शंकर के मुख्य दर्शन होंगे। उसी दिन छड़ी मुबारक पहलगाम लौट आएगी।

उन्होंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बीते दिनों हुई अपनी भेंट का जिक्र करते हुए बताया कि हमने छड़ी मुबारक की यात्रा के कार्यक्रम से उन्हें पूरी तरह अवगत कराया है। हमने छड़ी मुबारक और संत महात्माओं की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं देश विदेश से श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा में शामिल होने आ रहे श्रद्धालुओं से आग्रह करता हूं कि वह यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखें। यात्रा शुरु करने से पहला अपना पंजीकरण कराएं और निर्धारित मार्ग से ही यात्रा करें।


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