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तीन तरफ से गोले दागता है शैतान, ऐसे में पीएम का सीमांत वासियों के लिए पुल का तोहफा बनेगा वरदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन फरवरी को जम्मू दौरे के दौरान पाकिस्तान की गोलाबारी के साए में जीने के आदी परगवाल के लोगों को बड़ी राहत देंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 09:31 AM (IST)
तीन तरफ से गोले दागता है शैतान, ऐसे में पीएम का सीमांत वासियों के लिए पुल का तोहफा बनेगा वरदान
तीन तरफ से गोले दागता है शैतान, ऐसे में पीएम का सीमांत वासियों के लिए पुल का तोहफा बनेगा वरदान

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तान परगवाल क्षेत्र में तीन तरफ से गोले दागता है और चौथी ओर चिनाब नदी का तेज बहाव है। ऐसे में परगवाल में चिनाब नदी पर बनने वाला इंदरी-पत्तन पुल सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन फरवरी को जम्मू दौरे के दौरान पाकिस्तान की गोलाबारी के साए में जीने के आदी परगवाल के लोगों को बड़ी राहत देंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के साथ ही चिनाब नदी पर इंदरी-पत्तन पुल बनाने का अभियान जोर पकड़ लेगा। परगवाल में जब पाकिस्तान लोगों पर तीन तरफ से गोले दागता है तो सुआ नंबर वन से सटी क्षेत्र की एकमात्र सड़क बंद हो जाती है। ऐसे में क्षेत्र के करीब 25 गांवों के लोग गोलाबारी में फंसकर रह जाते हैं।

गत वर्ष सेना ने गोलीबारी में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला था। कई बार सेना चिनाब पर अस्थायी पुल बनाती है, लेकिन यह कुछ ही दिनों तक रहती है। क्षेत्र की सजवाल, गुढ़ा मन्हासा, राजपुरा पडी, परगवाल, अप्पर परगवाल व मोलु भलवाल पंचायतों के लोग दो दशकों से स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री 209 करोड़ की लागत वाले करीब दो किलोमीटर लंबे इस पुल का नींव पत्थर रखेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से अहम इस पुल को बनाने का ठेका चंडीगढ़ की विनय के गुप्ता कंपनी को दिया गया है। पुल को दो साल के अंदर बनाना है।

इस समय पुल के निर्माण स्थल पर कार्य चल रहा है।परगवाल क्षेत्र चिनाब के पार स्थित खौड़ सब डिवीजन का हिस्सा है। ऐसे में छोटे मोटे सरकारी कार्यो के लिए भी लोगों को 40 किलोमीटर सफर तय कर घूमकर जाना पड़ता है। इसमें पूरा दिन लग जाता है। अब पुल बनने से यह दूरी करीब दस किलोमीटर से भी कम रह जाएगी। लोग करीब पंद्रह मिनट में एसडीएम कार्यालय पहुंच पाएंगे।

क्षेत्रवासी रमेश कुमार ने बताया कि पुल नहीं होने से सीमा पर जीवन और अधिक कठिन हो गया है। पुल बनने पर लोग गोलाबारी और बाढ़ में नहीं फंसेंगे। पुल के निर्माण का जिम्मा संभालने वाली चंडीगढ़ की विनय के गुप्ता कंपनी ने बिना समय गंवाए परगवाल के सजवाल गांव में एक आधार स्तंभ बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। चिनाब के पार इंदरी-पत्तन में जल्द काम शुरू हो जाएगा। पहले ठेका 206 करोड़ का था, लेकिन समय बीतने के साथ यह 209 करोड़ रुपये का हो गया है।

पुल बनने से प्लांवाला, ज्योडि़यां व खौड़ क्षेत्र के लोगों को सीधा लाभ होगा। सैन्य दृष्टि से भी यह पुल अहम होगा। सेना अस्थायी पुल बनाती है, जिसे पानी के तेज बहाव के कारण खोलना पड़ता है।

मोदी सरकार का तोहफा होगा यह पुल : जुगल किशोर भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि यह पुल मोदी सरकार का सीमांत वासियों के लिए बड़ा तोहफा होगा। कई बार लोग गोलाबारी में 12-12 घंटे फंसे रहते हैं। उन्हें बचकर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता है। कांग्रेस की सरकारों ने इस पुल को लेकर लोगों को सिर्फ ख्वाब दिखाए। इस दौरान निहित स्वार्थ के कारण दो बार टेंडर भी रद किए गए। ऐसे में वर्ष 2014 में मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों को विश्वास दिलाया था कि भाजपा सरकार इस पुल का निर्माण करेगी। सांसद ने बताया कि उन्होंने पुल को लेकर कई बार भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी भेंट की। उन्होंने पूरा सहयोग दिया और इस पुल को बनाने की मंजूरी मिल गई।

क्षेत्र में विकास को तेजी देने के लिए इस पुल को अहम करार देते हुए जुगल किशोर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया है कि दो साल के अंदर लोग इस पुल का इस्तेमाल कर पाएं। नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी यह पुल अहम होगा। सेना और सीमा सुरक्षाबल जरूरत पड़ने पर इस पुल का इस्तेमाल कर त्वरित कार्रवाई कर सकेगी। 


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