वैष्णो देवी भवन पर चट्टान खिसकने से शिव गुफा बंद, हेलीकाप्टर सेवा तीसरे दिन भी प्रभावित
लगातार तीसरे दिन भी हेलीकाप्टर सेवा बंद रही। त्रिकूट पर्वत पर 3 फीट हिमपात हुआ है तो वही भैरव घाटी पर एक से डेढ़ फीट मां वैष्णो देवी के भवन पर करीब 2 फीट हिमपात हुआ है।
कटड़ा, राकेश शर्मा। विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भवन के नीचले भाग में स्थित पवित्र ऐतिहासिक शिव गुफा श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए बंद कर दी गई है। प्रवेश द्वार पर भारी चट्टान खिसक जाने से गुफा का बंद हो गया है। मां वैष्णो के दर्शन करने के बाद भगवान शिव के दर्शनों के इच्छुक श्रद्धालु गुफा का मार्ग बंद देख काफी उदास भी हुए।
पुजारियों ने बताया कि गत 29 दिसंबर की सुबह उन्होंने गुफा में विधिवत भगवान शिव की पूजा अर्चना की। अभी वे आरती कर गुफा से बाहर ही निकलते थे कि एक भारी चट्टान खिसकर एकाएक प्रवेश द्वार पर आ गिरी इससे गुफा बंद हो गई। पिछले 11 दिनों से बंद शिव गुफा को अभी तक श्रद्धालुओं के लिए नहीं खाेला गया है। वहीं भोले के दर्शनों से वंचित श्रद्धालु इससे काफी मायूस नजर आए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गुफा की ओर जाने वाले मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया है। अभी तक चट्टान को नहीं हटाया गया है।
वहीं श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने बताया कि शिव गुफा के प्रवेश द्वार पर गिरी चट्टान को हटाना आसान नहीं है। इसे हटाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। हाल ही में टिहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी टीएचडीसीएल के विशेषज्ञों की टीम ने इस शिव गुफा का निरीक्षण भी किया। गुफा के दूसरे भाग को नुकसान पहुंचे बिना इस भारी-भरकम चट्टान को हटाया जाएगा। विशेषज्ञों ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। कार्य पूरा होते ही शिव गुफा को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
सनद रहे कि इस गुफा के भीतर अति प्राचीन आप शंभू विराजमान हैं, जिन्हें पूरी तरह से चांदी से सुशोभित किया गया है। श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन करने के उपरांत शिव गुफा में जाकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन करते हैं।
मौसम में हुआ मामूली सुधार, धुंध के कारण तीसरे दिन भी बंद रही हेलीकाप्टर सेवा
पिछले पांच दिनों से चल रहे खराब मौसम में बुधवार को मामूली सुधार हुआ है। आज दिन भर आसमान पर सूर्य और बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल जारी रहा। हालांकि त्रिकूट पर्वत पर अभी भी घनी धुंध छाई रही। बर्फीली हवाएं भी चल रही हैं। लगातार तीसरे दिन भी हेलीकाप्टर सेवा बंद रही। त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटियों पर जहां ढाई से 3 फीट हिमपात हुआ है तो वही भैरव घाटी पर एक से डेढ़ फीट, मां वैष्णो देवी के भवन पर करीब 2 से 3 इंच बर्फबारी दर्ज की गई। खराब मौसम तथा विपरीत परिस्थितियों के बावजूद श्रद्धालु पूरे जोश के साथ अपने परिजनों के साथ यात्रा मार्ग पर आते और जाते नजर आ रहे हैं। बैटरी कार सेवा भी निरंतर श्रद्धालुओं को उपलब्ध होती रही पर आधार शिविर कटड़ा से चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा लगातार तीसरे दिन भी बंद रही। भैरव घाटी में बर्फ गिरने व मार्ग पर फिसलन बढ़ने की वजह से लगातार दूसरे दिन भी पैसेंजर केवल कार सेवा को बंद रखा गया। श्रद्धालुओं को घोड़ा, पिट्ठू अथवा पालकी या फिर पैदल अपने परिजनों के साथ वैष्णो देवी यात्रा करनी पड़ी।
यात्रा मार्ग पर आपदा प्रबंधन दल की तैनाती
आपदा प्रबंधन दल के साथ श्राइन बोर्ड प्रशासन के कर्मचारी तथा अधिकारी यात्रा मार्ग पर तैनात हैं। मार्ग पर गिरी बर्फ को लगातार हटाया जा रहा है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। गर्म पानी, कंबल तथा अंगीठी आदि की व्यवस्था जगह-जगह की गई है। श्रद्धालु इन सेवाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। गत 7 जनवरी यानी मंगलवार को कुल 15000 श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी। आज बुधवार यानी 8 जनवरी को दोपहर 2:00 बजे तक करीब 10000 श्रद्धालु अपना यात्रा पंजीकरण करवा चुके हैं। जारी वर्ष में अब तक करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगा चुके हैं।