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Jammu: सर्व शक्ति सेना ने कहा- धर्मार्थ चेरिटेबल ट्रस्ट में हुए घपलों की हो सीबीआई जांच

यह उम्मीद थी कि यूटी बनने के बाद केंद्र सरकार गरीब जनता की सुनेगी परंतु यह अफसोस की बात है कि इन कर्मचारियों की आवाज केंद्र के कानों तक नहीं पहुंच रही। उन्होंने इन कर्मचारियों के समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी मांगों को पूरा करवाया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 07:57 PM (IST)
Jammu: सर्व शक्ति सेना ने कहा- धर्मार्थ चेरिटेबल ट्रस्ट में हुए घपलों की हो सीबीआई जांच
काफी भूमि बेची जा चुकी है जो मंदिर की संपत्ति थी।

जम्मू, जागरण संवाददाता: धर्मार्थ ट्रस्ट के पूजारी सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं और प्रशासन कुंभकरिणी नींद में सोया हुआ है। वे ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में ट्रस्ट में चल रहे घपले की जांच सीबीआई से करवाने की जरूरत है।

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यूटी बनने के बाद केंद्र सरकार से उम्मीदें बढ़ गई हैं। फिर भी हड़ताल पूजारियों की सुनी नहीं जा रही है। यह ठीक नहीं है। यह कहना है कि सर्व शक्ति सेना जम्मू-कश्मीर के प्रधान राजन गुप्ता का। सोमवार को यहां पत्रकरों को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा कि ट्रस्ट के कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर आ चुके हैं। कई दिनाें के बाद भी न तो उपराज्यपाल और न ही स्थानीय प्रशासन ने उनकी सुध ली है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के यूटी बनने के बाद दूरियां कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। ट्रस्ट के कुछ कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा। पांच से सात साल काम करने वाले ट्रस्ट के कर्मचारियों को 7-8 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। अगर वे वेतन बढ़ाने की मांग करते हैं तो ट्रस्ट प्रबंधन उन्हें सस्पेंड कर देता है। यह तो कानून का उल्लंघन है।

यह उम्मीद थी कि यूटी बनने के बाद केंद्र सरकार गरीब जनता की सुनेगी परंतु यह अफसोस की बात है कि इन कर्मचारियों की आवाज केंद्र के कानों तक नहीं पहुंच रही। उन्होंने इन कर्मचारियों के समर्थन की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी मांगों को पूरा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में घपलेबाजी चल रही है। काफी भूमि बेची जा चुकी है जो मंदिर की संपत्ति थी।

लिहाजा सीबीआई जांच होनी चाहिए और जिन पूजारियों को निलंबित किया गया है, उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। श्री माता वैष्णो देवी की तर्ज पर जम्मू के सभी मंदिरों के लिए एक बोर्ड का गठन होना चाहिए। इस मोके पर राकेश काक, गुलशन सांदरा, राकेश वर्मा, परमजीत सिंह, रवि कुमार, रोहित आदि माैजूद थे। 


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