आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक नहीं हैं नजरबंद : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक किसी भी तरह से नजरबंद नहीं हैं। वह किसी भी जगह आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके घर के बाहर सुरक्षाकर्मी सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं।उनकी पिता की घर पर ही हत्या की गई थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को दावा किया कि आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक किसी भी तरह से नजरबंद नहीं हैं। वह किसी भी जगह आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके घर के बाहर सुरक्षाकर्मी सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। उपराज्यपाल के मीरवाइज के संदर्भ में किए गए दावों की नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने गलत बताया है।
एक विदेश न्यूज चैनल के साथ साक्षात्कार मेें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को प्रशासन ने न हिरासत में रखा है और न नजरबंद किया है। उनके घर के बाहर सुरक्षाकर्मी सिर्फ उनकी और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए तैनात रखे गए हैं। उनके पिता मीरवाइज फारूक को आतंकियों ने उनके घर पर ही कत्ल कर दिया था। उमर फारूक को ही तय करना है कि वह खुद क्या करना चाहते हैं, कैसे रहना चाहते हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2019 में जब कश्मीर में विभिन्न लोगों को हिरासत में लिया गया था तो उस समय भी उन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी नहीं बनाया गया था। हमारी तरफ से उन पर कोई पाबंदी नहीं है।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के दावे को झूठा बताते हुए तंज किया है कि मीरवाइज ठीक उसी तरह से आजाद हैं, जिस तरह से मेरी पार्टी के विभिन्न नेताओं को उनकी सुरक्षा के नाम पर उनके घरों में बंद रखा गया। ठीक उसी तरह जिस तरह खुफिया सूत्रों द्वारा गुपकार स्थित हमारे निवास पर आतंकी हमले का इनपुट प्रदान किए जाने के नाम पर हमारे घर के गेट पर सुरक्षाबलों के ट्रक खड़े कर दिए जाते हैं।
I think LG sahib needs to verify facts. His statements don’t reflect reality.
May I humbly state that the tradition of locking up leaders and then denying is an old worn out tradition. It has been happening for the last 3 decades. https://t.co/6IEq16cLv3— Sajad Lone (@sajadlone) August 19, 2022
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लाेन ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि नेताओं को उनके घरों में नजरबंद रखना, हिरासत में लेना और फिर उससे इन्कार करने की परंपरा अब पुरानी हो चुकी है। उनका बयान सच्चाई पर आधारित नहीं है।