Avalanche Alert: कश्मीर में हिमस्खलन-बर्फानी तूफान की संभावना को देख सेना ने जवानों को अलर्ट किया
वहीं जम्मू की बात करें तो यहां दो दिनों तक हुई बर्फबारी और बारिश के बाद आज बुधवार को दूसरे दिन भी खिली धूप से लोगों ने राहत की सांस ली।
जम्मू, जेएनएन। पिछले 48 घंटों में कशमीर में भारी बर्फबारी हुई है। पहाड़ी इलाकों में 6 फीट तक बर्फ जम चुकी है। अभी भी भारी बर्फबारी और बर्फानी तूफान और हिमस्खलन की संभावना बनी हुई है। पिछले दो दिनों के दौरान कश्मीर में 13 से अधिक हिमस्खलन की घटनाएं घट चुकी है जिसमें छह जवानों सहित 12 लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं। यही नहीं कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे सैन्य शिविरों, बंकर को भी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में सेना ने मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों को अलर्ट कर दिया है। वहीं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रशासन ने भी छह जिलों में हिमस्खलन की संभावना को देते हुए अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सचेत रहने को कहा है।
वहीं जम्मू की बात करें तो यहां दो दिनों तक हुई बर्फबारी और बारिश के बाद आज बुधवार को दूसरे दिन भी खिली धूप से लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग, लेह-श्रीनगर और पुंछ से कश्मीर को जोड़ने वाला मुगल रोड अभी भी बंद है। बनिहाल से कश्मीर जाने वाली रेल सेवा और हवाई सेवा गत मंगलवार को दोपहर बाद बहाल कर दी गई थी।
कश्मीर में बर्फबारी अभी भी हो रही है। पिछले 48 घंटों के दौरान कुपवाड़ा, बडगाम, गुलमर्ग आदि इलाकों में 13 से अधिक हिमस्खलन की घटनाएं पेश आई। इस दौरान सेना और बीएसएफ के छह जवान शहीद जबकि छह नागरिक की मौत हुई है। अभी भी नियंत्रण रेखा के नजदीकी पहाड़ी इलाकों में हिमस्खलन और बर्फानी तूफान की संभावना बनी हुई है। सेना ने जवानों को अलर्ट रहने को कहा है। सैन्य प्रवक्ता का कहना है कि इन विपतियों के बीच भी सेना घाटी में हिमस्खलन और हिमपात से प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद कर रही है। बर्फ में फंसे 30 से अधिक लोगों की जानें बचाई गई। यही नहीं उन तक महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता भी पहुंचाई जा रही है। अभी भी सेना की चिकित्सा टीमें इन इलाकों में सक्रियता से काम कर रही है। सेना की इस त्वरित कार्रवाई की वजह से कई लोगों की जानें बच पाई।
वहीं बर्फबारी से तापमान में आई गिरावट के चलते हाड़ कंपाने वाली ठंड का प्रकोप जारी है। श्रीनगर समेत अधिकांश इलाकों में रात का तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है। डल झील सहित अन्य प्राकृतिक स्रोतों का पानी जम चुका है। बर्फबारी के कारण वादी के सैकड़ों इलाके जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं, हालांकि बर्फ हटाने का काम निरंतर जारी है। बिजली-पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह से प्रभावित है।
मौसम विभाग ने वीरवार से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते मौसम के मिजाज फिर तीखे होने की संभावना जताई है। उनके अनुसार शुक्रवार शाम तक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव रहेगा। इस बीच वादी के अधिकांश इलाकों में फिर से बर्फबारी हो सकती है। यही वजह है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख प्रशासन ने छह जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। यहां बर्फबारी, बर्फीला तूफान और हिमस्खलन की संभवना जताई जा रही है।