आतंकवाद पर भारी सुरक्षाबलों का जोश, 106 आतंकवादी मारे, 7 दिन में घुसपैठ की 3 बड़ी कोशिशें की नाकाम
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में अब तक आतंकवाद संबंधी साठ मामलों में 106 आतंकवादी मारे गए हैं। वहीं उनके मंसूबों को नाकाम बनाते हुए 29 सुरक्षाकर्मियों ने शहादत पाई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में जारी आतंकवाद पर सेना, सुरक्षाबलों का जोश भारी पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण से उपजे हालात के बीच देश के खिलाफ काम करने वाली ताकतों पर सटीक प्रहार कर जारी वर्ष में अब तक 106 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। यही नहीं पिछले सात दिनों के दौरान सीमा पर तैनात सतर्क भारतीय जवानों ने पाकिस्तान से घुसपैठ की तीन बड़ी कोशिशों को नाकाम बनाते हुए सात आतंकवादियों को मार गिराया।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा आतंकवादियों पर किए जा रहे कड़े प्रहारों ने पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के आकाओं को चिंता में डाल दिया है। कश्मीर में आतंकियों की संख्या कम हो रही है और नए कश्मीर में बदले माहौल की वजह से अब आतंकी संगठनों में पिछले सालों के मुकाबले भर्ती प्रक्रिया भी अब कम दर्ज की जा रही है।
जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने की मुहिम में तेजी के बीच पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ करने की कोशिशें भी जारी हैं। ऐसे हालात में जून महीने के पहले सप्ताह में सेना ने नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की तीन बड़ी कोशिशों को नाकाम बनाते हुए छह आतंकवादियों को मार गिराया। पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने की मंशा से ही सीमा पर भारी गोलाबारी की जा रही है। दुश्मन की इस रणनीति को अच्छी तरह से समझने वाली सेना ने नियंत्रण रेखा पर अपने सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत बना दिया है। यही कारण है कि आतंकवादियों को फैंसिंग के पास मार गिराया जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में अब तक आतंकवाद संबंधी साठ मामलों में 106 आतंकवादी मारे गए हैं। वहीं उनके मंसूबों को नाकाम बनाते हुए 29 सुरक्षाकर्मियों ने शहादत पाई है। आतंकवादियों को तलाश कर उन्हें मार गिराने की मुहिम के तहत वे अब तक सिर्फ 12 नागरिकों को ही निशाना बना पाए हैं। इस समय उत्तरी कश्मीर में आतंकवाद पर सटीक प्रहार कर रहे सेना, सुरक्षाबलों का मनोबल बहुत उंचा है।
इस अभियान की कमान संभाल रहे सेना की पंद्रह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू का कहना है कि बेहतर तालमेल से आतंकवाद पर करार आघात किया जा रहा है। लोगों का सहयोग न मिलने से आतंकवादी हताश हो गए हैं। वे हताशा में उत्तरी कश्मीर में सक्रियता दिखाकर घुसपैठ की ताक में बैठे आतंकवादियों का मनोबल बढ़ाने की नाकाम कोशिशें कर रहे हैं।