इमरान के सुलह के बयान पर सचेत रहें सुरक्षा एजेंसियां
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. चमन लाल गुप्ता
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. चमन लाल गुप्ता ने कहा है कि पाकिस्तान जब भी सुलह की बात करता है तो पाक सेना हमले करवाकर शांति के प्रयासों में बाधा डालती है। ऐसे में इमरान खान के सुलह संबंधी बयान पर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
प्रो. चमन लाल ने कहा कि शांति के प्रयासों के बाद पहले कारगिल में हमला फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर यात्रा के बाद पठानकोट में हमला हुआ था। सोमवार को रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि पुराने अनुभव को याद रखते हुए कड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत है। पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों का आरोप है कि सेना की शह पर चुनाव में बहुत धांधली हुई है। ऐसे में इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद सेना का प्रभाव बढ़ना तय है। सेना की शह पर ही जम्मू कश्मीर में खूनखराबा करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाते हैं। इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के काम करने के तरीके में बदलाव नहीं आएगा।
प्रो. चमन लाल पाकिस्तान से बातचीत में जल्दबाजी करने पर जोर देने वाली नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस व अलगाववादियों पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि ये दल बताएं कि उनके सत्ता में रहते जब कश्मीर में ¨हसा चरम पर थी तो बातचीत क्यों नहीं करवाई। जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और कोई भी इसे नकार नहीं सकता। सांप्रदायिक आधार पर हुए विभाजन और उसके बाद खुली सीमा ने भी कश्मीर में हालात खराब करने वालों के मंसूबों को शह दी है। ऐसे हालात में दोनों देशों के नेतृत्व को सोच विचार कर लोगों को पास लाने की कोशिश करनी चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि अगर पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी एकजुट हो सकते हैं। चीन की दीवार टूट सकती है तो भारत व पाकिस्तान पास क्यों नहीं आ सकते हैं। आतंकवाद से शांति व खुशहाली नहीं सिर्फ मुश्किलें पैदा होती हैं।