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Jammu Kashmir: विवादों में घिरी कलस्टर विवि के वीसी की नियुक्ति के लिए बनी सर्च कमेटी

प्रो. तलत अहमद का कहना है कि हमने पत्र लिखकर यह कहा है कि कलस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर की काउंसिल के सदस्य होने के नाते वह सर्च कमेटी के सदस्य नहीं बन सकते।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 11:04 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 11:04 AM (IST)
Jammu Kashmir: विवादों में घिरी कलस्टर विवि के वीसी की नियुक्ति के लिए बनी सर्च कमेटी
Jammu Kashmir: विवादों में घिरी कलस्टर विवि के वीसी की नियुक्ति के लिए बनी सर्च कमेटी

जम्मू, राज्य ब्यूरो : कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू और कलस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के नए वीसी की नियुक्ति के लिए बनी सर्च कमेटी विवादों में घिर गई है। आरोप है कि सर्च कमेटी का गठन यूनिवर्सिटी काउंसिल के नियमों के तहत नहीं हुआ है।

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उच्च शिक्षा विभाग के सचिव ने कुछ दिन पहले जम्मू और श्रीनगर की कलस्टर यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया था। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया। इसमें जम्मू यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. मनोज धर और कश्मीर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. तलत अहमद को बतौर सदस्य शामिल किया गया।

सूत्रों ने बताया कि गठन के बाद से ही कमेटी विवादों उस समय में आ गई जब कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू और कलस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के वीसी ने उपराज्यपाल जीसी मुमरू को पत्र लिखकर कहा है कि वे पद से हटने के लिए तैयार हैं। हमें सरकार के फैसले की पहले ही जानकारी दे देनी चाहिए थी। मार्च में हमारी एक्सटेंशन और डेपुटेशन को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए था। कलस्टर विवि जम्मू की वीसी प्रो. अंजु भसीन और कलस्टर विवि श्रीनगर के वीसी डॉ. शेख जावेद अहमद को जनवरी 2017 में पांच साल के नियुक्त किया गया था। उनका यह भी कहना है कि सर्च कमेटी का गठन श्रीनगर और जम्मू कलस्टर यूनिवर्सिटी एक्ट 2016 के नियमों के तहत होना चाहिए था। कमेटी में दो सदस्य वह हैं जो कलस्टर विवि जम्मू और श्रीनगर की काउंसिल से जुड़े हैं।

कश्मीर और जम्मू विवि के वीसी ने सदस्य बनने से हाथ खींचे: जम्मू यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर मनोज धर और कश्मीर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर तलत अहमद ने भी उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सर्च कमेटी का सदस्य बनने में असमर्थता जताई है। दोनों का कहना है कि वे कलस्टर यूनिवर्सिटी जम्मू और श्रीनगर की काउंसिल के सदस्य हैं तो ऐसे में सर्च कमेटी के सदस्य कैसे बन सकते हैं। प्रो. तलत अहमद का कहना है कि हमने पत्र लिखकर यह कहा है कि कलस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर की काउंसिल के सदस्य होने के नाते वह सर्च कमेटी के सदस्य नहीं बन सकते।

नौकरशाह को चेयरमैन बनाने पर सवाल: शिक्षाविदों और वरिष्ठ प्रोफेसरों का कहना है कि विश्वविद्यालयों के कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप काफी बढ़ गया है। वाइस चांसलरों के लिए बनाई गई सर्च कमेटी का चेयरमैन स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया है। विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को कम किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के पैनल को वीसी के चयन का हक दिया जाना चाहिए। वीसी का चयन करने वाले कमेटी का चेयरमैन नौकरशाह को बनाना उचित नहीं है। विश्वविद्यालय को पूरी स्वायत्तता मिले।


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