विटामिन ए की कमी से लाखों बच्चे खो देते हैं रोशनी : प्रो. धर
जागरण संवाददाता जम्मू जम्मू जम्मू विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित 14वें जेके साइंस कांग्रेस का
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू : जम्मू विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित 14वें जेके साइंस कांग्रेस का दूसरा दिन विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के नाम रहा। इस सत्र में हर कोई प्रतिनिधि कुलपतियों को सुनना चाहता था।
चार कुलपतियों ने विश्वविद्यालय के खचाखच भरे ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह सभागार में प्रासंगिकता के विषयों पर बातचीत की। सत्र को दो उप सत्रों में विभाजित किया गया था।
पहले उप सत्र के दौरान जम्मू विवि के कुलपति प्रो. मनोज धर ने उच्च मूल्य वाले पौधों में मेटाबोलिक इंजीनियरिग पर बात की। कहा कि कैसे उन्होंने पिछले 15 वर्ष स्कूल ऑफ बायोटेक्नॉलॉजी, जेयू में विकासशील देशों के गरीबों में विटामिन ए की कमी की समस्या को दूर करने के लिए एक अनुसंधान दल विकसित किया। उन्होंने कहा कि हर साल लाखों बच्चे विटामिन ए की कमी के कारण आंखों की रोशनी खो देते हैं या बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि मानव के लिए इस महत्वपूर्ण विटामिन का स्त्रोत या तो पशु उत्पाद या फल और सब्जियां हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हमारी भोजन की थाली में कैरोटेनॉइड से भरपूर फलों, सब्जियों या खाद्य पदार्थो की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। कैरोटेनॉइड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए केसर, टमाटर और गाजर के चयापचय इंजीनियरिग में उनके वैज्ञानिक योगदान पर प्रकाश डाला। हिमालयी भूविज्ञान का शोध जरूरी
कश्मीर विवि के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने हिमालय का उदय, चुनौतियां विषय पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों के लिए हिमालयी भूविज्ञान में गहन शोध करना अनिवार्य है। प्रो. तलत अहमद ने कहा कि भूकंप में प्लेट टेक्टोनिक्स की प्रमुख भूमिका होती है। उन्होंने पृथ्वी की वर्तमान आकृति की उत्पत्ति, सीमाओं के प्रकार, दोष और टेथिस महासागर की भूमिका के बारे में भी बात की। उनके अनुसार हिमालय अभी भी बढ़ रहा है। जैव विविधता का संरक्षण हो
श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिन्हा ने जैव विविधता, संरक्षण और सतत विकास विषय पर विचार व्यक्त किया। इससे पहले 14वें जेके साइंस कांग्रेस के संयोजक प्रो. नरेश पाधा ने कांग्रेस के दौरान विशेष कुलपति सत्र के महत्व को रेखांकित किया। भूगोल विभाग की डॉ. शशि प्रभा ने समारोह की कार्यवाही का संचालन किया। इसके अलावा, प्रो. एके सिन्हा कुलपति छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय, नवी मुंबई ने जलवायु स्मार्ट प्रौद्योगिकी और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संसाधनों को बनाए रखने के बारे में बात की।
कश्मीर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो. •ागर रेशी ने पारिस्थितिक आनुवांशिक और एपिजेनेटिक दृष्टिकोण से जैविक आक्रमण के बारे में प्रकाश डाला। अन्य वक्ताओं में प्रो. जगबीर सिंह कीर्ति, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, प्रो आरके सिन्हा, थापर यूनिवर्सिटी पटियाला, डॉ. नंदू बी, चूरे, पुणे विश्वविद्यालय और प्रो. एएन गिल ने भी विचार व्यक्त किए। पिछले सत्र में 16 विभिन्न विषयों के 200 से अधिक अनुसंधान विद्वानों ने अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञों के समक्ष अपना काम प्रस्तुत किया।
दूसरे उप-सत्र में कलस्टर विवि की कुलपति प्रो. अंजू भसीन ने पार्टिकल फिजिक्स, नॉलेज एंड टेक्नोलॉजी फॉर ड्राइवर, शेयरिग विद सोसाइटी विषय पर बात की। उन्होंने कहा कि जम्मू के विश्वविद्यालय के भौतिकविदों सहित भारतीय वैज्ञानिक भी प्रयोगों में लगे हुए हैं।