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Jammu Kashmir: अभिभावकों की समस्याओं को सुनने के लिए 18 जुलाई को वेबिनार आयोजित करेगा स्कूल शिक्षा विभाग

प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों से कहा गया है कि वे अपनी शिकायतें विभाग की वेब साइट पर पंजीकृत करवा सकते है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 06:42 PM (IST)
Jammu Kashmir: अभिभावकों की समस्याओं को सुनने के लिए 18 जुलाई को वेबिनार आयोजित करेगा स्कूल शिक्षा विभाग
Jammu Kashmir: अभिभावकों की समस्याओं को सुनने के लिए 18 जुलाई को वेबिनार आयोजित करेगा स्कूल शिक्षा विभाग

जम्मू, राज्य ब्यूरो। अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने मार्च माह में आदेश जारी कर प्राइवेट स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के लिए कहा था। साथ में यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि फीस मासिक ली जाए। कोई वार्षिक चार्ज नहीं लिया जाए।

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हालांकि अधिकतर स्कूल इस आदेश को मान रहे है लेकिन फिर भी कई शिकायतें आ रही थी। विभाग ने इस पूरे मामले पर गौर करते हुए अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के लिए 18 जुलाई को वेबिनार आयोजित करने का फैसला किया है। इसके जरिए स्कूल शिक्षा विभाग की निदेशक अनुराधा गुप्ता सीधे तौर पर अभिभावकों से जुड़ेगी। इसके लिए प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के अभिभावकों से कहा गया है कि वे अपनी शिकायतें विभाग की वेब साइट पर पंजीकृत करवा सकते है।

जारी आदेश के तहत प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन से भी कहा गया है कि वे भी वेबिनार से जुड़ कर अपनी बात को रख सकते है। निदेशक अनुराधा गुप्ता का कहना है कि हमारी कोशिश है कि विभाग के आदेश का पालन सुनिश्चित बनाया जा सके। इस समय कोरोना के हाालात चल रहे है। किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। विभाग ने सारे पहलुओं पर विचार विमर्श करने के बाद मार्च में आदेश जारी किया था। कोई भी स्कूल बच्चों को आन लाइन शिक्षा से महरूम नहीं कर सकता है।

बताते चले कि पिछले कुछ दिनों से जम्मू पेरेंटस एसोसिएशन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को जोरशोर से उठा रही है। एसोसिएशन के सदस्य ताे विभाग की निदेशक के मुट्ठी स्थित कार्यालय भी चले गए और वहा पर विरोध प्रदर्शन किया था। शिक्षण संस्थान 31 जुलाई तक बंद रखने के आदेश दिए गए है। जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है, इसे देखते हुए लगता है कि संस्थान आगे भी बंद रह सकते है। अभिभावकों की समस्याओं को सीधे सुनने से काफी समस्याओं का समाधान होगा।


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