चार कमरों में चल रहीं आठ कक्षाएं
संवाद सहयोगी सांबा जिन स्कूलों में बच्चे नहीं होते वहां पर कमरे भी पर्याप्त और शिक्षक सि
संवाद सहयोगी, सांबा : जिन स्कूलों में बच्चे नहीं होते, वहां पर कमरे भी पर्याप्त और शिक्षक सहित अन्य सुविधाएं भी भरपूर होती हैं, परंतु गांव स्तर पर जिन स्कूलों में छात्रों की काफी संख्या होती है वहां पर न तो पूरे शिक्षक और न ही कमरे जैसी मूलभूत सुविधाएं होती हैं। सांबा जिला के विजयपुर जोन के मिडिल स्कूल में लगभग 120 के करीब छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस स्कूल में कुल सात कमरे हैं, जिनमें तीन कमरों की हालत इतनी दयनीय है कि वे पूरी तरह से असुरक्षित हैं और उनमें बच्चों को नहीं बैठाया जाता है। वहीं, चार कमरों में आठ कक्षाएं चलती हैं, जिससे एक कमरे में दो कक्षाओं को चलाना पड़ता है। ऐसी हालत में ये बच्चे किस तरह से कस्बों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों से मुकाबला कर पाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है।
पिछले कई वर्षो से स्कूल के तीन कमरे व उसके आगे का बरामदा पूरी तरह से असुरक्षित है, परंतु किसी ने भी न तो उसकी सुध ली और न ही उसे तोड़कर वहां पर और कमरे बनाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए। क्षेत्र की पंच पोली देवी ने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर मनानू में स्थित इस स्कूल की हालत देख पता चलता है कि सरकार सरकारी स्कूलों में क्या सुविधाएं दे रही है।
क्षेत्र निवासी सुख¨वद्र, परवीन चौधरी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस स्कूल में शिक्षकों की कमी को दूर करे व जो असुरक्षित तीन कमरे व उसका बरामदा है, उसे तुड़वाकर वहां पर अत्यधिक कमरे बनाए जाएं, ताकि शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
सांबा जिला के चीफ एजुकेशन ऑफिसर रामपाल ने कहा कि मिडिल स्कूल मनानू में जो असुरक्षित कमरे हैं, इसको लेकर वह एक-दो दिन में रिपोर्ट लेंगे और फिर उसके बाद वहां की समस्या को दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वहां पर शिक्षकों की कमी को भी दूर करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।