रसाना दुष्कर्म कांड पर बोले उमर- दुष्कर्मियों का साथ देने वाले मंत्रियों को बाहर निकाले महबूबा
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नाबालिग के कातिलों का साथ देने वाले भाजपा के दोनों मंत्रियों को महबूबा मुफ्ती को अविलंब अपने मंत्रीमंडल से बाहर निकालना चाहिए।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। रसाना दुष्कर्म व हत्या कांड पर नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अपने तेवर और कड़े करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से दुष्कर्मियों के समर्थन में खड़े होने वाले अपने दो केबिनेट मंत्रियों को मंत्रीमंडल से निष्कासित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री के भाई और पर्यटनमंत्री मुफ्ती तस्सदुक द्वारा रसाना मामले पर व्यक्त टिप्पणी का भी स्वागत किया और कहा कि सियासत में ऐसी इमानदारी बहुत कम देखने को मिलती है। इस बीच, नेकां ने हीरानगर में अपने ब्लाक प्रधान शांति सरुप को भी संगठन से बर्खास्त कर दिया है।
गत रोज ही लंदन से श्रीनगर पहुंचे नेकां के कार्यवाहक प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज यहां नवाए सुब परिसर मे पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद बातचीत में कहा कि नाबालिग से दुष्कर्म के कातिलों का साथ देने वाले, जिन मंत्रियों ने कहा कि यहां जंगल राज है, जिन्होंने नाबालिग के कातिलों के हक में रैलियां की, नाबालिग के कातिलों की गिरफतारी से पुलिस को रोकने और अपनी ही पुलिस पर उंगलियां उठाने वाले राज्य के मंत्रियों को सरकार मे रहने का कोई अधिकार नहीं हैं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नाबालिग के कातिलों का साथ देने वाले भाजपा के दोनों मंत्रियों को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को अविलंब अपने मंत्रीमंडल से बाहर निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु ने सिर्फ कश्मीर मुददे पर बात की थी और महबूबा मुफती ने बड़ी बहादुरी दिखाते हुए उन्हें मंत्रीमंडल से बाहर कर दिया था। लेकिन डा द्राबु का गुनाह उतना बड़ा नहीं था,जितना मंत्रीमंडल में शामिल दो केबिनेट मंत्रियों का। मुख्यमंत्री को अब वही बहादुरी दिखा इन दो मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गत रोज जैसे सत्ताधारी दल के एक प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रियों को निकालने का फैसला प्रधानमंत्री करेंगे, पूरी तरह गलत है। जम्मू कश्मीर के मंत्रियों पर फैसले लेने का, कौन मंत्री होगा और कौन नहीं,यह मुख्यमंत्री का अधिकार है। महबूबा मुफ्ती को फैसला करना होगा कि वह उन मंत्रियों के साथ काम करने को तैयार हैं जो नाबालिग के कातिलों को बचाने में लगे हैं।
उन्हें सियासत में आए ज्यादा देर नहीं हुआ है, उन्हें मंत्री भी बने ज्यादा समय नहीं हुआ है। लेकिन मैं उनकी इमानदारी को सलाम करता हूं, बहुत कम मौके मिलते हैं सियासत में इस तरह की इमानदारी देखने काे। उन्होंने कहा भापजा और पीडीपी इस अपराध में शरीक हैं, उन्होंने यह भी कहा है कि पीडीपी भाजपा के गठबंधन का हिसाब कश्मीरी अपने खून से देंगे। अब महबूबा मुफ्ती क्या करती हैं, यह तो मुझे नहीं पता। लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब मुफ्ती तस्सुदक ज्यादा देर तक हुकुमत में रह सकेंगे। क्योंकि जिस हुकुमत के लिए कश्मीरियों का खून मांगा जा रहा है, उस हुकूमत में रहने का क्या फायदा है। उन्होंने खुद इस हुकुमत में अपने बने रहने पर सवाल उठाए हैं।
इससे पूर्व डा फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई पार्टी की बैठक में रसाना कांड और आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान नागरिक मौतों से पैदा हालात पर नेकां नेताओं ने विस्तार से चर्चा करते हुए अपनी रणनीति को तय किया। इस दौरान पार्टी प्रमुख ने सभी नेताओ व कार्यकर्ताओं को आम लोगों के बीच जाकर राज्य में सत्तासीन भाजपा पीडीपी गठबंधन सरकार की जनविरोधी और सांप्रदायिक नीतियों के प्रति जागरुकता पैदा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही बैठक में हीरानगर में नेकां की ब्लाक इकाई के प्रमुख शांति सरूप को रसाना कांड में दुष्कर्मियों के साथ खड़ा होने के चलते संगठन से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का भी फैसला लिया गया।