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स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ जीवन संभव

एक इंसान कम से कम एक पेड़ के संरक्षण की जिम्मेदारी ले तो पर्यावरण सुरक्षित होगा और लोगों का भला भी होगा।

By Edited By: Published: Mon, 28 May 2018 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 02:56 PM (IST)
स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ जीवन संभव
स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ जीवन संभव

जम्मू, जागरण संवाददाता। मानवता यही है कि हम सृष्टि को बचाएं। इस सृष्टि में रहने वाले जीवों की रक्षा करें। यही कुछ विचार मन में थे, जिसने अनुज वर्मा को लोगों की भीड़ से अलग पहचान दिलाई। वह पर्यावरण के संरक्षण में जुट गए।

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अपने जज्बे के कारण ही वह बहुत जल्दी पर्यावरण के प्रहरी के रूप में पहचाने जाने लगे हैं। अब अधिक से अधिक लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जहां ज्यादा पेड़ कट रहे हैं, वहां की आवाज को उठा रहे हैं। दूसरी ओर इन पेड़ पौधों के फल को जल्दी पकाने या कीटों के प्रबंधन के लिए खतरनाक पेस्टीसाइड के छिड़काव को रुकवाने के लिए मुहिम चलाई है। दूरदराज क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के जरिये उन्होंने जम्मू क्षेत्र में पेस्टीसाइड छिड़काव की वास्तविक तस्वीर पेश कर सरकार की आंखें खोली हैं।

ऐसे में सरकार को अनेकों जगह छापेमारी करनी पड़ी और पेस्टीसाइड का स्तर जांचने के लिए मजबूर होना पड़ा। सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। अनुज का कहना है कि इंसान का सच्चा साथी तो पेड़ ही है, मगर इस सच्चे साथी का आज इंसान दुश्मन बन गया है। एक तो पेड़ काटने में जुटा है, वहीं खतरनाक पेस्टीसाइड का इस्तेमाल कर मानवता की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है। इसलिए समाज के लोगों को जागरूक करने की बहुत जरूरत है। वह इस दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले एक साल से पर्यावरण के दर्जनों कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं और अनेकों प्लेटफार्म पर पर्यावरण संरक्षण की बात रख चुके हैं।

अनुज वैसे सरकारी विभाग में अधिकारी हैं, मगर उनको शुरू से ही पर्यावरण के प्रति लगाव रहा है। जब पर्यावरण से अनदेखी बढ़ती गई तो वह खुलकर सामने आ गए। पर्यावरण को बचाने की मुहिम को बल देने के लिए उन्होंने वी दि हयूमन संस्था का गठन किया, जिसके सदस्यों की संख्या बढ़ रही है। आज करीब 70 सदस्य संस्था से जुड़ चुके हैं। हाल ही में दिल्ली में इस संस्था को फास्ट ग्रोविंग एनजीओ के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

अनुज का कहना है कि हम लोग ही तो पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं। अगर नहीं किया तो इसके परिणाम भी इंसान को ही भुगतने पड़ेंगे। इसलिए संस्था ने दूरदराज के क्षेत्रों में घूमकर पर्यावरण की टोह लेनी शुरू कर दी है। जहां पेड़ नहीं हैं या कम हैं वहां लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। अनुज ने कहा कि आने वाले समय में संस्था जम्मू के स्कूलों में बच्चों को पेड़ लगाने और पालने के प्रति जागरूक करने का मन बनाया है। इसलिए जल्दी ही कमेटियों का गठन भी किया जा रहा है।

पर्यावरण व लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार को भी सख्ती बरतनी होगी क्योंकि जम्मू क्षेत्र में पेड़ पौधों व फसलों पर पेस्टीसाइड का जमकर इस्तेमाल होने लगा है। इसे रोकना होगा। जीव जंतुओं के लिए जंगलों को बचाना होगा। एक इंसान कम से कम एक पेड़ के संरक्षण की जिम्मेदारी ले तो पर्यावरण सुरक्षित होगा और लोगों का भला भी होगा।


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