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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों में छुपा हुआ नायाब पर्यटन स्थल सरथल, अनदेखी का हो रहा शिकार

Jammu Kashmir News 15 साल पहले लखनपुर से बनी के सरथल तक करीब 175 किलोमीटर क्षेत्र को विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग ने लखनपुर-सरथल टूरिज्म डेवलपमेंट अथारिटी का गठन किया था। अथारिटी ने 10 साल तक काम भी किया लेकिन अब वह निष्क्रिय है। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghPublished: Wed, 08 Feb 2023 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 07:58 AM (IST)
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों में छुपा हुआ नायाब पर्यटन स्थल सरथल, अनदेखी का हो रहा शिकार
जम्मू-कश्मीर की हसीन वादियों में छुपा हुआ नायाब पर्यटन स्थल सरथल

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इन क्षेत्र में भी कश्मीर की तरह पर्यटन की दृष्टि से मनमोहक नजारे हैं। एक बार जो पर्यटक आता है, उसका बार-बार आने का मन करता है, लेकिन सुविधाओं का अभाव उसके कदम रोक देता है। आलम यह है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आज तक सिर्फ हवा हवाई बातें ही हुई, जमीनी स्तर पर कुछ होता दिखाई भी नहीं दे रहा है। पर्यटकों की राह में सबसे बड़ा रोड़ा जर्जर सड़कें हैं। पहाड़ी क्षेत्र बनी, बसोहली व बिलावर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रकृति ने अपनी ओर से अपार खजाना लुटाया है। मानो मां ने खुद प्रकृति की रचना की हो।

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एक तरफ बिलावर उपजिले में मां सुकराला देवी तो दूसरी ओर माता बाला सुंदरी। इतना ही नहीं, भगवान बिलकेश्वर खुद बैठे हैं, लेकिन इन धार्मिक पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए भी राज्य सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। अगर पर्यटक स्थल सरथल की बात की जाए तो सिर्फ मई व जून माह में ही पर्यटकों की रौनक रहती है, वह भी अधिकांश आसपास क्षेत्र के ही लोग घूमने के लिए आते हैं।

15 साल पहले लखनपुर से बनी के सरथल तक करीब 175 किलोमीटर क्षेत्र को विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग ने लखनपुर-सरथल टूरिज्म डेवलपमेंट अथारिटी का गठन किया था। अथारिटी ने 10 साल तक काम भी किया, लेकिन अब वह निष्क्रिय है। उसके साथ दो अन्य अथारिटी पूर्व सरकार में बनाई गई, जो अभी तक काम ही नहीं कर पाई।

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इतना ही नहीं, कुछ ऐसी ही सरकारी उपेक्षा की शिकार है शिवालिक मनमोहक की पहाड़ियों पर बैठी माता बाला सुंदरी, जिसे केबल कार परियोजना से जोड़ने की मांग स्थानीय लोग पिछले दो दशकों से करते आ रहे हैं। बावजूद राज्य सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। उधर, पर्यटक सरथल में देशभर से गर्मियों के सीजन पर्यटक पहुंचते हैं और हसीन वादियां और पानी के झरने का जमकर लुत्फ उठाते हैं, लेकिन जब बर्फबारी होती है तो पर्यटक सरथल की बर्फीली पहाड़ियों पर आना चाहते हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण आने से रोक देता है।

भले ही सरकार ने लखनपुर-सरथल डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया, उसके बाद अब वसोहली वनी डिपार्टमेंट अथॉरिटी का गठन किया, ताकि पर्यटक सरथल में 12 महीने आ जा सके लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा। यह सब कुछ मात्र फाइलों में ही दबकर रह गया है।

सरथल में पर्यटकों के लिए बर्फ के दिनों में ना ही सरकार की तरफ से रहने, खाने और बैठने की सुविधा प्रदान करवाई जाती है, बल्कि वहां तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क मार्ग तक नहीं है। पर्यटक बर्फबारी के दिनों में कश्मीर की तरह बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए आना चाहते हैं, अगर जाने अनजाने में कोई पर्यटक अभी जाता है तो उन्हें आधे रास्ते से ही मुंह मोड़ना पड़ा है। इसके लिए स्थानीय लोग भी बीते एक दशक से लगातार मांग कर रहे हैं कि सर्दी के दिनों में पर्यटकों को पूरी सुविधाएं दी जाए, क्योंकि इससे क्षेत्र का विकास होगा लेकिन अभी भी ऐसा कुछ भी दिख नहीं रहा।

सरथल की बर्फीली वादियों मानो रो-रो कर कह रही है कि कोई तो बर्फ के दिनों में भी उनके पास लुत्फ उठाने के लिए आए। गर्मी के दिन में वहां पर प्रतिदिन रात हो या दिन लगातार पर्यटकों की सीटियां सुनाई देती है, वहीं क्रिकेट टूर्नामेंट होते रहते हैं। स्थानीय लोग भी बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ वहां का नजारा लेते हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण सर्दी के दिनों में अभी तक भी पर्यटकों के लिए कोई सुविधा नहीं मिल पा रही।

सरथल की बर्फीली पहाड़ियां, जहां पर्यटक नहीं पहुंच पाते

स्थानीय लोग भी तलाशते हैं वैकल्पिक मार्ग लखनपुर मुख्य प्रवेश द्वार से बसोहली, बनी की सड़क बदहाल है। बसोहली तक करीब 75 किलोमीटर और वहां से बनी तक 86 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन मार्ग की हालत इतनी दयनीय है कि स्थानीय लोग भी वैकल्पिक मार्ग वाया पंजाब दुनेरा के अटल सेतु से जाना पसंद करते हैं। बसोहली-बनी मार्ग प्रत्येक बरसात में बार-बार भूस्खलन के कारण प्रभावित रहता है। यहां डबल रोड का काम दो दशक से जारी है, जो अभी पूरा नहीं हुआ। बनी-सरथल 20 किलोमीटर मार्ग भी दयनीय है। इस कारण पर्यटक इधर का रुख नहीं करते। कोई सरकारी टैक्सी या अन्य सुविधाएं भी इन पर्यटन स्थलों को जाने के लिए नहीं हैं और न ही टूरिस्ट गाइड है।

फिल्मों की शूटिंग के लिए बेहतर है सरथल बनी स्थित सरथल, सेवन फाल खड़कल, लोहांग, ढग्गर, भंडार, छत्रगलां, चलाधार,जोड़े माता, दौले माता, खयार प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है। ढग्गर में होने वाली बर्फबारी से स्कीइंग का नजारा लिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कोई प्रयास नहीं हुए। बनी में पांच साल से बालीवुड की और छोटे पर्दे की फिल्मों की शूङ्क्षटग भी होने लगी है, लेकिन अब कोरोना के चलते दो साल से बंद है।

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यह सुविधाएं मिलें, तो बढ़ेंगे पर्यटक

यदि पर्यटन विभाग सरथल में पर्यटकों के रात में ठहरने के लिए सुविधा प्रदान करवाएं। शौचालय की सुविधा भी बनाई जानी चाहिए। साथ ही बनी से सरथल तक और वहां से बसोहली तक अच्छी सड़क बन जाए तो पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। टूरिस्ट टैक्सी परमिट और बसों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। यहां अभी करीब एक लाख पर्यटक साल में आ रहे हैं, सुविधाएं बढ़ें तक यह संख्या तीन गुना बढ़ जाएगी। इससे रोजगार भी बढ़ेगा और साथ लगते पंजाब, हिमाचल प्रदेश से से काफी संख्या में पर्यटक आएंगे। साथ ही लखनपुर-बसोहली मार्ग सुविधाजनक बनाने से कश्मीर जाने वाले पर्यटक भी इधर आएंगे।

स्थानीय लोगों ने रखी अपनी राय

पर्यटन स्थल सरथल में बर्फ के दिनों में पर्यटकों के आने-जाने की सुविधा के लिए कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक सर्दी के दिनों में पर्यटकों के लिए वहां पर कोई भी सुविधा नहीं दी गई। सरकार को चाहिए कि अगर वहां का विकास करना है तो बर्फ के दिनों में पर्यटकों के लिए वहां पर सुविधा होनी चाहिए। - तौहिद मलिक, सरपंच, लोआंग नार्थ

जिस प्रकार से कश्मीर के गुलमर्ग, भद्रवाह समेत कई दूसरे क्षेत्र में पर्यटकों के लिए बर्फ के दिनों में सुविधा रहती है, उसी प्रकार अगर सरथल में भी पर्यटकों के लिए सुविधा दी जाए तो इससे ना सिर्फ पर्यटकों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार के साधन बढ़ेंगे। - ठाकुरदास, सरपंच, चलोग

पर्यटन स्थल सरथल किसी भी कश्मीर और गुलमर्ग की हसीन वादियों से कम नहीं है, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण अभी भी यहां का विकास कोसों दूर है। यही कारण है कि बर्फ के दिनों में पर्यटक वहां पर नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए सरकार को चाहिए कि वहां पर बर्फ के दिनों में भी सुविधा प्रदान की जाए। - राकेश गुप्ता, सरपंच, बनी

पर्यटन स्थल सरथल का विकास बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ बनी के लिए, बल्कि पूरा जिला के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां पर दूसरे राज्य से भी काफी संख्या में लोग आते हैं, इसके लिए यहां पर विकास करने और सर्दी के मौसम में मार्ग सुचारू करने को पहल देना चाहिए। पर्यटकों की सुविधा के लिए जिला उपायुक्त से भी बात की जाएगी। -रीता देवी, सदस्य, जिला विकास परिषद, कठुआ

पर्यटन स्थल सरथल के लिए इस समय ग्राफ विभाग द्वारा मार्ग के विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है। जब ज्यादा बर्फ या बारिश होती है तो मार्ग के ऊपर से भूस्खलन की आशंका बनी रहती है, जैसे ही मार्ग का विस्तारीकरण और मार्ग ब्लैक टॉप हो जाता है तो सरथल में भी बर्फ के दिनों में पर्यटकों को आने जाने की अनुमति दी जा सकती है। वहां पर आने के लिए भी पर्यटकों के लिए टूरिस्ट विभाग की तरफ से टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन मार्ग की समस्या के कारण अभी तक वहां पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है। -सतीश शर्मा, एसडीएम, बनी

पर्यटक स्थल सरथल में जिस प्रकार से गर्मी के मौसम में पर्यटक पहुंचते हैं, इसी प्रकार से सर्दी के मौसम में भी पर्यटक पहुंच सकते हैं इसके लिए वहां पर पर्यटकों को सभी प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए और जब तक वहां पर सरकार की तरफ से रहने व बैठने की सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी, तब तक पर्यटकों का जाना असंभव है। इसलिए सरकार को इसकी तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए। - सुशील कुमार, सरपंच, गति


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