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अधिकारी के सामने ही आपस में भिड़े सरपंच व डीडीसी सदस्य

संवाद सहयोगी बिश्नाह बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का जायजा लेने बिश्नाह पहुंचे जिला उ

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 07:30 AM (IST)
अधिकारी के सामने ही आपस में भिड़े सरपंच व डीडीसी सदस्य
अधिकारी के सामने ही आपस में भिड़े सरपंच व डीडीसी सदस्य

संवाद सहयोगी, बिश्नाह : बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों का जायजा लेने बिश्नाह पहुंचे जिला उपायुक्त जम्मू अंशुल गर्ग के सामने ही खैरी पंचायत के सरपंच विजय सैनी और जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य डीडीसी धर्मेन्द्र कुमार आपसे में भिड़ गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बड़ी मुश्किल से दोनों को शांत करवाया।

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बुधवार को खैरी पंचायत में सरपंच विजय सैनी किसानों सहित सड़क पर खड़े होकर जिला उपायुक्त जम्मू को अपनी दास्तान सुनाना चाहते थे। जैसे ही उन्होंने जिला उपायुक्त जम्मू को ज्ञापन देना चाहा तो जिला उपायुक्त ने उन्हें अनदेखा कर आगे बढ़ गए। इस पर सरपंच विजय सैनी आग बबूला हो गए और अपनी गाड़ी लेकर मियां चक गांव के पास पहुंच गए। उन्होंने अपनी गाड़ी सड़क के बीचोबीच लगाकर रास्ता बंद कर दिया। इस पर डीडीसी धर्मेन्द्र कुमार रास्ता खुलवाने पहुंचे, ताकि जिला उपायुक्त जम्मू की गाड़ी निकल सके। इसी बीच जिला उपायुक्त जम्मू के सामने ही सरपंच विजय सैनी व डीडीसी सदस्य धर्मेन्द्र कुमार में तू तू मैं मैं हो गई जो दु‌र्व्यवहार में बदल गई। यह सारा माजरा देख रहे जिला उपायुक्त जम्मू अंशुल गर्ग चुपचाप अपनी गाड़ी में बैठे रहे। इसी बीच सरपंच विजय सैनी अंशुल गर्ग की गाड़ी के पास पहुंचे और कहा कि किसानों का प्रतिनिधिमंडल आपसे मिलना चाहता था, लेकिन आपने अनदेखा कर दिया। ऐसे में कौन किसानों की परेशानियां सुनेगा। सरपंच विजय सैनी व डीडीसी सदस्य धमेंद्र में तकरार बढ़ती गई। काफी समय तक बहस के बाद डीडीसी धर्मेन्द्र कुमार व सरपंच विजय सैनी को अलग किया गया। उसके बाद अंशुल गर्ग गाड़ी से नीचे उतरे और सरपंच विजय सैनी से बातचीत की। उन्होंने किसानों की परेशानियों को भी सुना। उन्होंने विजय सैनी से कहा कि अगर हम आपकी पंचायत में नहीं रुके हैं तो उसका मतलब यह नहीं कि वहां के किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। इसलिए आपस में झगड़ा छोड़ कर आप सब किसानों की बात करें। इसके बाद मामला शांत हुआ।

मेरी अनदेखी की गई : सरपंच

सरपंच विजय सैनी ने कहा कि किसान जिला उपायुक्त जम्मू को अपना दुखड़ा सुनाना चाहते थे और उनको मगाल गांव लेकर जाना चाहते थे, लेकिन कुछ लोगों ने अड़चन डाल दी। इसलिए जिला उपायुक्त जम्मू ने उनकी अनदेखी कर आगे बढ़ गए।

मार्ग रोकना उचित नहीं : डीडीसी

डीडीसी सदस्य धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि कार्यक्रम पंचायत मजुआ व मगाल में तय था, लेकिन सरपंच की ओर से सड़क में खड़ा होने या रास्ता रोकना तो उचित नहीं है। जिला उपायुक्त से मिलना ही था तो मुझसे या तहसीलदार से पहले बात कर ली जाती तो बेहतर होता। ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा

जागरण संवाददाता, जम्मू : 23 अक्टूबर को जम्मू, सांबा और अन्य जिलों में मूसलधार बारिश और भारी ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार फारूक खान ने अधिकारियों के साथ बैठक की। सचिवालय में हुई इस बैठ में कृषि निदेशक केके शर्मा, जम्मू के बागवानी निदेशक राम सेवक, अतिरिक्त सचिव बाबूराम भगत आदि लोग मौजूद रहे। सलाहकार ने खड़ी और काटी गई धान की फसल के बारे विस्तार से जानकारी हासिल की। उन्हें बताया गया कि प्राकृतिक आपदा से धान की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

सलाहकार ने अधिकारियों से नुकसान का आकलन करने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को प्रभावित गांवों में जाकर फसल को हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। सलाहकार ने बीमा कंपनियों को पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को दावो का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।

वर्ष 2019 में खराब हुई फसल का बकाया भी जारी करे सरकार

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : बार्डर किसान यूनियन ने पिछले दिनों बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की फसल के लिए सरकार से जल्द मुआवजा जारी करने की मांग की है। इसको लेकर यूनियन ने बुधवार को उपराज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन रामगढ़ के तहसीलदार फारूख हुसैन को सौंपा। इस मौके पर यूनियन के प्रधान स. मोहन सिंह भट्टी ने कहा कि पिछले तीन सीजन में किसानों को फसल खराब होने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बीते रबी व खरीफ सीजन तथा मौजूदा खरीफ सीजन को जोड़कर हर किसान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। पिछली बार सरकार ने सात सौ रुपये से भी कम राशि मुआवजे के तौर पर दी थी। वह भी सभी किसानों को नहीं मिली। इसलिए उनकी मांग है कि इस बार प्रति कनाल किसानों को न्यूनतम छह हजार रुपये मुआवजा दिया जाए। उन्होंने वर्ष 2019 में खराब हुई फसल का बकाया भी किसानों को तुरंत जारी करने की मांग की है। सरकार से बिजली का बिल माफ करने, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर लिए गए बैंक कर्ज को माफ करने की भी मांग की गई। उन्होंने कहा कि यदि किसान ने इस बार किसानों को धोखा दिया तो जम्मू कश्मीर में इतना बड़ा आंदोलन खड़ा होगा, जिसकी सरकार ने कल्पना भी नहीं कर सकती है। इस मौके पर यूनियन के सदस्य चौधरी प्रेमपाल, गुरमेल सिंह, रविद्र कुमार, अर्जुन सिंह, बचन सिंह, बलजीत सिंह, सरपंच करनैल सिंह, जगीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।


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