Jammu Kashmir: कौन बनेगा करोड़पति में कल नजर आएंगे मेंढर के सरबजीत सिंह, अमिताभ बच्चन से साझा किया आतंकवाद का दर्द
मैं जिस क्षेत्र से हूं उस क्षेत्र में हमेशा ही धमाकों व गोलियों की आवाज सुनी है। अपनों को खोने का दर्द भी महसूस किया है। सरबजीत सिंह ने कहा कि पिता चिकित्सा विभाग में सरकारी कर्मचारी थे। माता-पिता का सपना था कि हम दोनों भाई अच्छे मुकाम पर पहुंचें।
पुंछ, भूपेंद्र सिंह : भारत-पाक नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले की मेंढर तहसील के गांव गोल्द के सरबजीत सिंह जल्द ही सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ आतंकवाद का दर्द साझा करते नजर आएंगे। पेशे से शिक्षक और आतंकवाद का दंश झेल चुके सरबजीत का कौन बनेगा करोड़पति में चयन होने के बाद उन्हें हाट सीट पर बैठकर सवालों का जवाब देने का भी मौका मिला। उनका शो 27 सितंबर को प्रसारित होगा।
दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में सरबजीत ने कहा कि मैं जिस क्षेत्र से हूं, उस क्षेत्र में हमेशा ही धमाकों व गोलियों की आवाज सुनी है। अपनों को खोने का दर्द भी महसूस किया है। सरबजीत सिंह ने कहा कि मेरे पिता चिकित्सा विभाग में सरकारी कर्मचारी थे। मेरे माता-पिता का सपना था कि हम दोनों भाई अच्छे मुकाम पर पहुंचें। उनके मार्ग दर्शन में हम कड़ी मेहनत में जुट गए, लेकिन आतंकवाद हमारे रास्ते की रुकावट बन गया।
वर्ष 2004 में मेंढर में आतंकियों द्वारा किए गए बम धमाके में मेरे भाई की मौत हो गई। इसके अलावा आए दिन सीमा पार से गोलाबारी और आतंकवाद के डर से हम लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए और मेंढर से जम्मू चले गए, लेकिन पिता जी ने हार नहीं मानी। आतंकवाद और गोलाबारी के बीच वह मेंढर में लोगों की सेवा करते रहे। वहीं से मुझे मुश्किल हलात में आम लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिलती रही। माता पिता के सहयोग से अकेला मेहनत कर अपने लक्ष्य का पीछा करता रहा। वर्ष 2013 में शिक्षा विभाग में मेरी नियुक्ति के बाद दोबारा मेंढर में सेवा करने का अवसर मिला। उसके बाद मैं फिर मेंढर आ गया। यहां पर मेरे परिवार के अन्य सदस्य भी रह रहे हैं।
सवालों के जवाब देना यादगार पल रहा :
सरबजीत ने बताया कि अप्रैल-मई माह में मैंने कौन बनेगा करोड़पति की प्रश्न प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उसमें मेरा चयन हो गया। इसके बाद मैंने मुंबई जाकर इस शो में हिस्सा लिया और अब सोमवार को यह शो प्रसारित होगा। उन्होंने बताया कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हाट सीट पर बैठकर उनके पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देना यादगार पल रहा, जो जीवनभर याद रहेगा।
गांव में खुशी का माहौल :
वहीं, गोल्द गांव के लोगों को जब इस बात की जानकारी मिली कि सरबजीत सिंह कौन बनेगा कोरोड़पति में आ रहे हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव वालों ने बताया कि सरबजीत बचपन से ही पढ़ाई के साथ हर कार्य में निपुण थे और खेलकूद के साथ अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। कड़ी मेहनत के कारण उन्होंने अपने परिवार के साथ हमारे गांव का नाम ऊंचा किया है।