Jammu Kashmir: अब सारा अब्दुल्ला देखेंगी अपने भाई उमर का ट्वीटर हैंडल
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरह ही पीएसए के तहत हिरासत में रखी गई महबूबा मुफ्ती का ट्वीटर एकाउंट भी उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती संभाल रही हैं।
श्रीनगर, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट अब अपने भाई के ट्विटर हैंडल को चलाएंगी। आज मंगलवार को उमर अब्दुल्ला के ट्वीटर हैंडल की शुरूआत करते हुए सारा ने उमर के ट्वीटर पर फालोअर्स के लिए यह संदेश लिखा कि ट्रैक पर नजर रखने के लिए वह अस्थायी तौर पर इस एकाउंट को संभाल रही हैं। जैसे ही उमर रिहा होंगे यह एकाउंट पर उनका अपडेट आ जाएगा।
उमर अब्दुल्ला ने अपने एकाउंट पर अंतिम अपडेट सात अगस्त को डाला था। उससे पहले उमर ने पांच अगस्त जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था उस दौरान तीन संदेश डाले थे जिसमें उन्होंने केंद्र की इस कार्रवाई पर हैरानगी जाहिर करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की थी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरह ही पीएसए के तहत हिरासत में रखी गई महबूबा मुफ्ती का ट्वीटर एकाउंट भी उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती संभाल रही हैं। पांच अगस्त के बाद महबूबा को भी जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर में नजरबंद कर दिया था। उसके ठीक 46 दिन बाद 20 सितंबर 2019 को महबूबा मुफ्ती के ट्वीटर एकाउंट से उनकी बेटी इल्तिजा ने यह जानकारी दी कि उनकी मां जो कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री हैं और जिनका यह ट्विटर हैंडल है, उन्हें पांच अगस्त से हिरासत में रखा गया है। ऐसे में वे ट्विटर अकाउंट नहीं चला पा रही हैं। अब यह अकाउंट मेरे द्वारा चलाया जाएगा।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 6 फरवरी को पीएसए लगा दिया था क्योंकि दोनों की नजरबंदी हिरासत की अवधि इसी दिन खत्म हो रही थी। पुलिस ने डॉजियर में लिखा कि उमर अब्दुल्ला का जनता पर खासा प्रभाव है। यदि वह बाहर आते हैं तो इससे अशांति का वातावरण फैल सकता है। इसी तरह पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के लिए कहा कि उन्होंने राष्ट्रविरोधी बयान दिए और वे अलगववादियों की समर्थक हैं।
प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में पीएसए के तहत उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सारा अब्दुल्ला पायलट ने अपनी याचिका में कहा है कि उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी का आदेश गैरकानूनी हैं। सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में उनके भाई से किसी प्रकार का खतरा होने का सवाल ही नहीं है।