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Jammu Kidnapping Case : अपहरण करने के बाद अपने साथी के अाधार कार्ड प्रूफ पर होटल में रूका था संजय

पांचवी कक्षा के छात्र अनिरूद्ध शर्मा अपहरणकांड मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने बेश्क बच्चे की सकुशल रिहाई और फिरौती की रकम को बरामद कर लिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 12:15 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 12:16 PM (IST)
Jammu Kidnapping Case : अपहरण करने के बाद अपने साथी के अाधार कार्ड प्रूफ पर होटल में रूका था संजय
Jammu Kidnapping Case : अपहरण करने के बाद अपने साथी के अाधार कार्ड प्रूफ पर होटल में रूका था संजय

जम्मू, [ अवधेश चौहान ]। 6 मई को अपहरण का मास्टर माइंड संजय उस शाम शहर के एक होटल में मौजूद था। जहां रात गुजारने के बाद वहां से अमृतसर भाग निकला। संजय इतना शातिर है कि उसने शहर के ज्यूल चौक स्थित होटल में कमरा लिया था, वहां उसने अपना आधार कार्ड नही बल्कि अपने साथी बलबीर का आधार कार्ड इस्तेमाल किया। होटल के रिसेप्शन वालों की यह गलती रही कि उन्होंने बलवीर के फोटो से उसकी शक्ल की पहचान नही की। अगर ऐसा हो जाता तो उसका झूठ पकड़ा जाता और संभवता गिरफ्तारी भी हो सकती थी। अगर पुलिस सर्तक होती तो अपहरणकांड के बाद होटलों की तलाशी लेती। पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को हल्के से लिया। पुलिस को जब पता चल गया था कि संजय अपहरणकांड का सरगना है तो उसका फोटो सोशल मीडिया पर जारी किया जा सकता था। जिससे उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकती थी। शातिर संजय ने अपहरण के बाद सभी साथियों से दूरियां बढ़ा ली और खुद अंडर वर्ल्ड डान की तरह साथियों को दिशा निर्देश देता रहा। पुलिस ने होटल में कुछ रिसेप्शनिस्ट जिन्होंने संजय को कमरा दिया था को गवाह बना लिया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में उसकी तस्वीरे निकाली हैं।

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पुलिस ने संजय और उसकी दो साल की बच्ची को जाने दिया

पांचवी कक्षा के छात्र अनिरूद्ध शर्मा अपहरणकांड मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने बेश्क बच्चे की सकुशल रिहाई और फिरौती की रकम को बरामद कर लिया है। अब पुलिस को मास्टरमांइड संजय की सरगर्मी से तलाश है। पुलिस ने संजय की पत्नी और उसकी दो साल की बच्ची जिसे पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बैठाया हुआ था को, भी जाने दिया। पुलिस को उम्मीद थी कि पत्नी और बेटी की खातिर शायद संजय उसे या फिर उसके पकड़े गए सहयोगियों को फाेन करे। लेकिन अपहरण के 11 दिन बाद भी पत्नी का कोई फोन नही आया। पुलिस को भी पता चल चुका है कि शातिर अपराधी है, उसने अपने फोन स्विच आफ रखे हैं। आरोपित न तो एसटीडी बूथ या फिर किसी और के नंबर से फोन नही कर रहा क्योंकि उसे मालूम है कि अगर वह किसी के भी फोन से बात करेगा तो उसकी लोकेशन का पता चल जाएगा और पुलिस उस तक पहुंच जाएगी। पुलिस का दावा है कि एक न एक दिन संजय उनकी गिरफ्त में होगा। संजय की पत्नी जल्लोचक्क इलाके में रहती है। उसके घर के बाहर पुलिस ने नजर रखी हुई है।

पत्नी से पूछताछ में पुलिस को मिले हैं, अहम सुराग

संजय की पत्नी ने पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। अनिरूद्ध के अपहरण से पहले संजय बडी ब्राह्म्णा के दस्साल इलाके में रहने वाले जोगेंद्र शर्मा का मकान का एक कमरा लिया था। उसने जोगेंद्र काे यह कह कर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की थी कि उसकी बच्ची के दिल में छेद है। लेकिन पुलिस का दावा है कि ऐसी कुछ नही है। पत्नी ने पूछताछ में बताया कि संजय खूब पैसा कमाने अौर बच्ची को पढ़ाने लिखाने की बात करता था। अनिरूद्ध के छह मई को अपहरण से पहले ही संजय ने यह कह कर जोगेंद्र का मकान छोड़ा था कि वह बेटी के इलाज के लिए चंदीगढ़ जा रहा है, लेकिन चंदीगढ़ जाने के बजाए उसने जल्लोंचक्क में किराए पर मकान ले लिया। यानि कि उसके दिमाग में अपहरण की योजना कुछेक दिनों में बनी नही बनी थी, बल्कि एक माह से योजना बनाई जा रही थी।

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