Jammu Kashmir: लापरवाही या अव्यवस्था... गुम हो रहे हैं क्वारंटाइन में फंसे लोगों के सैंपल
जम्मू से लेकर ऊधमपुर और बनिहाल तक देखने को मिल रही है और दर्जनों लोग यह शिकायतें कर रहे हैं। फिर आनन-फान में रिपोर्ट घोषित हो जाती है। ऐसे में पूरी व्यवस्था ही सवालों में आ रही है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू कश्मीर में दूसरे राज्यों से लोग लगातार पहुंच रहे हैं और क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था पर अधिकारी कठघरे में हैं। अब आ रहे लोगों की कोरोना जांच और सैंपल लेने की प्रक्रिया ही विवादों में फंसती जा रही हैं। सैकड़ों लोगों के सैंपल लैब तक पहुंचने से पहले ही गुम हो रहे हैं। ऐसे लोग दस से बीस दिन तक क्वारंटाइन केंद्रों में फंसे हैं। अब उनका गुस्सा भड़ने के बाद दोबारा से उनके सैंपल लिए जा रहे हैं।
अप्रैल के अंतिम सप्ताह से अब तक 80 हजार से अधिक लोग ट्रेनों और निजी वाहनों के माध्यम से जम्मू कश्मीर लौट चुके हैं और यह सिलसिला अनवरत जारी है। इन सबके सैंपल लेकर अलग-अलग लैब में भेजा जा रहा है। अपने वाहनों से लौट रहे लोगों को लखनपुर में ही रोक लिया जाता है और वहां से उन्हें क्वारंटाइन केंद्रों में भेज दिया जाता है। सैकड़ों लोगों के सैंपल तो लिए गए पर जांच रिपोर्ट आई ही नहीं। ऐसे लोग जम्मू के एक निजी होटल के अलावा राधास्वामी सत्संग भवन अरनिया और बटोत के पास बने एक क्वारंटाइन केंद्र में रह रहे हैं। 14 मई को लौटे 31 लोगों को राधास्वामी भवन में रखा गया। 15 मई को उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए, लेकिन जब चार दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं आई तो उन्हें बताया गया कि उनके सैंपल गुम हो गए हैं।
अब फिर से उनके सैंपल लिए जाएंगे। उन्होंने हंगामा किया किया तो सभी की रिपोर्ट वीरवार शाम को आ गई। यही स्थिति जम्मू के एक निजी होटल में 14 मई से अटके 12 लोगों की है। उनके टेस्टों की रिपोर्ट भी जब नहीं आई तो अब उनसे यही कहा जा रहा है कि उनके फिर से सैंपल लिए जाएंगे। ऊधमपुर जिले के रामनगर व रामबन के बटोत में भी इसी तरह की शिकायतें हैं। जम्मू से लेकर ऊधमपुर और बनिहाल तक देखने को मिल रही है और दर्जनों लोग यह शिकायतें कर रहे हैं। फिर आनन-फान में रिपोर्ट घोषित हो जाती है। ऐसे में पूरी व्यवस्था ही सवालों में आ रही है।
हर आने वाले का होता है टेस्ट : सरकार ने नियम बनाए हैं कि दूसरे प्रदेशों से आ रहे सभी लोगों के सैंपल लेकर उनकी जांच की जाएगी। चाहे वे ट्रेन से आएं या फिर बस से। जांच की रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाता है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें घर पर क्वारंटाइन के लिए भेज दिया जाता है।
केस एक : 4 मई को हिमाचल प्रदेश से लौटकर 82 लोग ऊधमपुर के रामनगर में पहुंचे थे। उन्हें रामनगर के टाउनहॉल में क्वारंटाइन किया गया और सैंपल लिए गए। दस दिन तक भी रिपोर्ट नहीं आई तो उनका धैर्य जवाब दे गया और वह भूख हड़ताल पर बैठ गए। उसके बाद अधिकारी जागे और फिर से सैंपल लिए गए। अगले ही दिन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव बता दी गई और उन्हें घरों में भेज दिया गया।
केस दो : एक मई को 104 लोग रामबन के धारगुंड में बने क्वारंटाइन केंद्र में पहुंचे। बीस दिन बाद भी उनकीटेस्ट रिपोर्ट नहीं आई। इस सेंटर में रह रहे बिलाल का कहना है कि वे अपने घर जाने के लिए आए थे, लेकिन 20 दिन से रिपोर्ट के इंतजार में यहीं अटके हैं। विरोध के बाद वीरवार को इनके फिर से सैंपल लिए गए। अब दावा किया जा रहा है 24 घंटे में उनके टेस्ट की रिपोर्ट आ जाएगी।
केस तीन : 14 मई को जम्मू के एक होटल में 12 लोग आए थे। एक सप्ताह से उनकी रिपोर्ट भी नहीं आई। उन्होंने जब शिकायत की तो उन्हें भी यही कहा गया कि शायद उनके सैंपल कहीं गुम न हो गए हों। उनके सैंपल भी वीरवार को फिर से लिए गए।
केस चार : राजौरी का रहने वाला अमन 14 मई को दिल्ली से जम्मू अपने दोस्तों के साथ आया था। उसे राजौरी जिले में ही क्वारंटाइन किया गया। उसके दोस्तों के सैंपलों की रिपोर्ट तो दो दिन में आ गई, लेकिन उसके परिजन अभी भी रिपोर्ट के लिए भटक रहे हैं। चीफ मेडिकल ऑफिसर से लेकर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कार्यालय के पास कोई जानकारी नहीं दे रहा।
- बटोत के पास एक क्वारंटाइन केंद्र से 104 लोगों के सैंपल लेकर भेजे थे लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। इन लोगों के सैंपल शायद मिल नहीं पा रहे हें। हमने फैसला किया है कि इनके सैंपल फिर से लिए जाएंगे और दो दिनों में इसकी रिपोर्ट भी आ जाएगी। - डा. मोहम्मद फरीद, सीएमओ रामबन