बकरीद के लिए सजने लगे बाजार
जम्मू में बकरीद के लिए बकरों की बिक्री शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित होने से कुछ दिन तक धारा 144 रहने के बाद जनजीवन पटरी पर लौटते ही बाजार बकरीद की तैयारी में जुट गया है। बकरीद से पहले बाजारों में रौनक बढ़ गई है। मुस्लिम समुदाय के लोग बकरीद की तैयारियों में जुटे हैं। कुर्बानी के लिए लोगों ने बकरों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी है। मुस्लिम बहुल इलाकों में भेड़-बकरों की मंडी में खासी रौनक रही। मस्जिद कमेटियों ने भी बकरीद को ध्यान में रखते हुए खास तैयारियां की हैं। ईद की नमाज अता करने के लिए मस्जिदों व ईदगाह मैदान में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
जम्मू-कश्मीर में बकरीद जिसे ईद-उल-जुहा से भी जाना जाता है, 12 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन सभी मुस्लिम बकरों की कुर्बानी देकर हजरत इस्माइल की दी हुई कुर्बानी को याद करेंगे। हजरत इस्माइल इस दिन अल्लाह को अपनी सबसे अजीज चीज यानी बेटे को कुर्बान करने चले थे। लेकिन अल्लाह ने उनकी ईमानदारी देख बेटे की जगह बकरे को रख दिया था। यही वजह है कि बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन माना जाता है। ईद पर बकरे, भेड़ बेचने दूर-दूर से लोग पहुंचने लगे हैं।
तालाब खटिका, बठिडी, उस्ताद मोहल्ला मस्जिद चौक, मलिक मार्केट आदि में भेड़-बकरों की मंडियां सजना शुरू हो गई हैं। लोगों ने खरीदारी शुरू भी कर दी है। भेड़ की कीमत जहां आठ हजार से 20 हजार से शुरू है वहीं बकरों की कीमत 5 हजार से 12 हजार के करीब है।
कुर्बानी के लिए भेड़, बकरों को खरीदने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। उस्ताद मोहल्ला में 12 हजार की भेड़ खरीदने वाले तारिक ने कहा कि अल्लाह के सजदे में इसकी कुर्बानी देंगे।
डोडा से आए व्यापारी चौधरी सलामत दीन ने कहा कि वे मंडी में बेचने के लिए 10 बकरे, 14 भेड़ें लेकर आए हैं। अक्सर वह इन दिनों काफी भेड़ बकरियां लाते हैं लेकिन इस बार कुछ कम ही जानवर ला सके हैं।