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Kashmir: बिखरने लगा गुपकार एलायंस, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने PAGD से नाता तोड़ा

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लाेन ने मंगलवार को विश्वासघात का आराेप लगाते हुए एलांयस से अलग होने का एलान किया है। अलबत्ता उन्होंने यह जरुर कहा कि वह गुपकार एलायंस से अलग हो रहे हैं उसके मकसद से नहीं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 05:34 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:07 PM (IST)
Kashmir: बिखरने लगा गुपकार एलायंस, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने PAGD से नाता तोड़ा
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन ने पीपुल्‍य एलायंस से अलग होने का एलान किया है।

जम्मू, जेएनएन। आखिरकार वहीं हुआ, जिसकी उम्मीद की जा रही है। जिला विकास परिषद के चुनाव संपन्न होने के बाद ही गुपकार एलायंस बिखरने लगा है। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लाेन ने मंगलवार को विश्वासघात का आराेप लगाते हुए एलांयस से अलग होने का एलान किया है। अलबत्ता उन्होंने यह जरुर कहा कि वह गुपकार एलायंस से अलग हो रहे हैं, उसके मकसद से नहीं। लोन ने डाॅ फारुक अब्दुल्ला को लिखे अपने पत्र में पीएजीडी के घटकों में जारी वर्चस्व और कलह का खुलासा करते हुए कहा कि कोई भी घटक दल किसी दूसरे को नहीं देखना चाहता।

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पीएजीडी के अध्यक्ष डाॅ फारुक अब्दुल्ला को संबोधित करते हुए सज्जाद गनी लोन ने अपने पत्र में लिखा है कि 'आदरणीय डाॅ फारुक साहब मैं यह पत्र हाल ही में संपन्न हुए डीडीसी चुनावों और अपनी पार्टी पीपुल्स कांफ्रेंस के नेताओं के बयानों के संदर्भ में लिख रहा हूं। मेरी पार्टी के नेताओं के जो भी बयान हैं, वह पीएजीडी के घटक दलों द्वारा पीएजीडी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार उतराने पर ही केंद्रित रहे हैं। हमने गत रोज एक बैठक की है और इन मुददों पर विस्तार से चर्चा की'।

पीएजीडी के घटक दलाें में अवश्विास ने बहुत नुक्सान पहुंचाया है

सज्जाद गनी लोन ने अपने पत्र में लिखा है कि आम जनता हमारी गतिविधियों पर नजरें गढ़ाए हुए है। लोग जानते हैं कि हमने अपने राजनीतिक स्वार्थों और वर्चस्व के लिए एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। लोग हमसे सवाल कर रहे हैं कि अगर हम डीडीसी सीट के लिए अगर पीएजडी नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसलों पर अमल नहीं कर सकते तो फिर कैसे किसी बड़े मकसद के लिए यकीन करेंगे। बेशक हमने खुद को और उस जनता को जिसका नुमाइंदा होने का दावा करते हैं, कभी भी दूर न किए जाने वाली क्षति पहुंचायी है। पीएजीडी के घटक दलाें में अवश्विास ने बहुत नुक्सान पहुंचाया है। इस गठजाेड़ में समझौता और कुर्बानी चाहिए। गठजोड़ में शामिल प्रत्येक दल को अपने सहयोगी घटकाें के लिए जमीनी स्तर पर कुर्बानी देने, उसे उसकी जगह देने की जरुरत है लेकिन कोई भी घटक दल किसी दूसरे को जगह नहीं देना चाहता। डीडीसी चुनावों में हम उन लाेगों के खिलाफ नहीं लड़े जिनके खिलाफ पीएजीडी बनी बल्कि हम एक दूसरे के खिलाफ लड़े। पीपुल्स चेयरमैन ने अपने पत्र में डाॅ फारुक अब्दुल्ला को लिखा है कि घटक दलों का एक दूसरे के साथ किया गया विश्वासघात अक्षम्य है।

पीएजीडी की मूल भावना को जमीन पर पूरी तरह लागू करने मे नाकाम रहे हैं

उन्हाेंने अपने पत्र में लिखा है कि पीएजीडी का गठजोड़ एक बड़े मकसद के लिए और पांच अगस्त 2019 की घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ हुआ है। लेकिन हम पीएजीडी की मूल भावना और उसके मकसद को जमीन पर पूरी तरह लागू करने मे नाकाम रहे हैं। हमारे लिए यह चुनाव बहुत अहम था और यह उन लोगों काे एक करारा जवाब देने का मौका था जिन्होंने पांच अगस्त 2019 के फैसले की जमीन तैयार की है। पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार होने वाली यह चुनाव प्रक्रिया बहुत अहम थी। पीएजीडी ने मिलकर चुनाव लड़ा और आम लाेगों को हमसे बहुत उम्मीद थी। हम आंकड़ों व सच्चाई को नहीं छिपा सकते। बहुत सी जगहों पर पीएजीडी के उम्मीदवार अकेले अपने ही दम पर चुनाव लड़े क्योंकि पीएजीडी के अन्य घटक दलाें उनका साथ नहीं दिया। कई जगह पीएजीडी उम्मीदवारोें की हार पीएजीडी के घटकों के छद्म उम्मीदवारों के कारण हुई है।

सज्जाद ने कहा कि हमने सभी पहलुओं पर विचार विमर्श के बाद ही पीएजीडी से अलग होने का फैसला किया है। लेकिन मैं इस बात का यकीन दिलाता हूं कि हमारी पार्टी का कोई भी नेता पीएजीडी के घटक दलों या इसकी नीतियों के खिलाफ कोई बयान नहीं देगा। पीएजीडी का गठन जिस मकसद क लिए हुआ है, उसे हासिल करने के लिए हम हमेशा प्रयासरत रहेंगे।

अक्टूबर 2020 के दूसरे पखवाड़े को हुआ था पीएजीडी का गठन 

पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन जिसे गुपकार एलांयस और पीएजीडी भी कहते हैं, का गठन अक्टूबर 2020 के दूसरे पखवाड़े को हुआ था। इसके घटकों में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट, अवामी नेशनल कांफ्रेंस और माकपा शामिल है। कांग्रेस भी पीएजीडी की समर्थक है लेकिन इसकी सदस्य नहीं है। इसका गठन पांच अगस्त 2019 काे लागू जम्मूकश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को निरस्त करा, जम्मूकश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की संवैधानिक स्थिति बहाल करने के लक्ष्य के लिए हुआ था। डा फारुक अब्दुल्ला इसके अध्यक्ष, महबूबा मुफती उपाध्यक्ष अौर सज्जाद गनी लोन को प्रमुख प्रवक्ता की जिम्मेदारी साैंपी गई।

शु़रु मेें पीएजीडी ने अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली तक चुनावी सियासत से दूर रहने का दावा किया था,लेकिन केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में जिला विकास परिषदों (डीडीसी) के चुनावों का एलान होते ही पीएजीडी ने भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था। पहले ही दिन से कहा जा रहा था कि पीएजीडी में शामिल राजनीतिक दलाें ने जनता के बीच जाने के लिए एक सुरक्षित बहाना तलाशने के लिए ही आपस में गठजोड़ किया है और चुनाव संपन्न होत ही यह बिखरने लगेगा। डीडीसी चुनाव प्रक्रिया बीते माह ही संपन्न हुई है। इन चुनावों में कई जगह पीएजीडी के अधिकृत उम्मीदवार को पीएजीडी में शामिल दलाें के छद्म उम्मीदवार ने ही हरायाहै या उसकी हार की नींव तैयार की है।

डीडीसी चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही पीएजीडी के घटक दलों में मतभेद सार्वजनिक होने लगे। बीते दिनों पीपुल्स कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता मौलाना इमरान रजा अंसारी ने भी एक पत्र लिखकर पीएजीडी के उन घटक दलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी,जिन्होंने पीएजीडी के अधिकृत उम्मीदवारों को हराने का काम किया है। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को अपने संगठन के नेताओं की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था कि वह पीएजीडी से अलग हों या फिर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई को सुनिश्चित बनाएं जिन्होंने पीएजीडी में रहते हुए उसके उम्मीदवारों को हराया है और समझौता तोड़ा है। इस मुददे पर पीपुल्स कांफ्रेंस की कार्यकारी समिति की सोमवार को एक बैठक भी हुई थी और इसमें लिए गए फैसले केबाद ही लोन ने आज डा फारुक अब्दुल्ला काे अपने फैसले से अवगत कराते हुए पत्र लिखा है।


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