बिजली विभाग के पुनर्गठन को मिली मंजूरी, पीडीडी विभाग एसपीटीसी-एसपीडीसी में विभाजित होगा
बिजली विभाग व पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन का स्टाफ पुरानी कारपोरेशनों से होगा। प्रबंधन भर्ती व वित्तीय अधिकारों के बंटवारे संबंधी नियम भी बनाएगा।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर व लद्दाख में बिजली विभाग में सुधारों के लिए राज्य प्रशासनिक परिषद (एसएसी) ने बिजली विभाग, स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड व जम्मू कश्मीर स्टेट पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी।
अब बिजली विभाग के कामकाज और क्षेत्राधिकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर व लद्दाख के बीच विभाजित हो जाएंगे। 31 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनते ही यहां पर जम्मू कश्मीर बिजली अधिनियम समाप्त हो जाएगा। इसके बाद केंद्रीय विद्युत अधिनियम प्रभावी हो जाएगा। ऐसे में बिजली विभाग का पुनर्गठन जरूरी था।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई एसएसी की बैठक में बिजली विभाग का पुनर्गठन किया गया। एसएसी के फैसले के अनुसार पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन, पावर ट्रेडिंग कारपोरेशन व पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की हिस्सेदारी अब राज्यपाल की जगह बिजली विभाग के प्रशासनिक सचिव की होगी।
जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन होगा नाम
स्टेट पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन अपनी कंपनियों के निदेशक मंडल का भी गठन करेगी। स्टेट पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन, स्टेट पावर ट्रेडिंग कारपोरेशन व स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का नाम बदल कर जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन और कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन होगा। इनका प्रभार चेयरमैन के रूप में बिजली विभाग के प्रशासनिक सचिव के पास होगा। वहीं, निदेशकों में केंद्र के बिजली विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बिजली विभाग व पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन का स्टाफ पुरानी कारपोरेशनों से होगा। प्रबंधन भर्ती व वित्तीय अधिकारों के बंटवारे संबंधी नियम भी बनाएगा।