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रूबिया सईद अपहरण कांड में सुनवाई शुरू

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण और एयरफोर्स के पांच अधिकारियों की हत्या मामले में आरोप तय या खारिज करने पर मंगलवार को टाडा कोर्ट जम्मू में बहस शुरू हुई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:29 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:29 AM (IST)
रूबिया सईद अपहरण कांड में सुनवाई शुरू
रूबिया सईद अपहरण कांड में सुनवाई शुरू

जेएनएफ, जम्मू : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण और एयरफोर्स के पांच अधिकारियों की हत्या मामले में आरोप तय या खारिज करने पर मंगलवार को टाडा कोर्ट जम्मू में बहस शुरू हुई।

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इस मामले में मुख्य आरोपित यासीन मलिक को सुनवाई के लिए वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था। दूसरे आरोपित शौकत बख्शी को भी उत्तर प्रदेश की जेल से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया। टाडा कोर्ट जम्मू ने तीस साल पुराने इस केस में आरोप तय या खारिज करने पर बहस शुरू करवाई। दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना पक्ष रखा। अब कोर्ट ने बहस के लिए अगली तारीख दो मार्च निर्धारित करते हुए जेल अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर संभव हो तो यासीन मलिक व शौकत बख्शी को अगली सुनवाई पर जम्मू में पेश किया जाए। सुरक्षा कारणों से ऐसा संभव न होने पर दोनों को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाए। घर जाते समय कुछ बंदूकधारियों ने किया था रूबिया का अपहरण

डॉ. रूबिया सईद अपहरण केस में सीबीआइ चालान के मुताबिक श्रीनगर के सदर पुलिस स्टेशन में आठ दिसंबर 1989 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार डॉ. रूबिया सईद मिनी बस में ललदद अस्पताल श्रीनगर से नौगाम स्थित अपने घर जा रही थी। तभी कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उसका अपहरण कर लिया था। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद 18 सितंबर 1990 को जम्मू की टाडा कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया था। आतंकियों की फायरिग में पांच एयरफोर्स अधिकारियों की हुई थी मौत

दूसरे चालान के मुताबिक 25 जनवरी 1990 की सुबह करीब साढ़े सात बजे रावलपोरा में किराये पर रह रहे एयरफोर्स अधिकारी एयरफोर्स की गाड़ी के लिए सनत नगर क्रॉसिग पर खड़े थे। तभी आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। उस समय वहां एक महिला समेत करीब 40 एयरफोर्स अधिकारी मौजूद थे, जो गंभीर रूप से घायल हो गए। दो अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य ने बाद में दम तोड़ दिया। सीबीआइ ने जांच पूरी करने के बाद यासीन मलिक व अन्य के खिलाफ टाडा कोर्ट जम्मू में चालान पेश किया था। रूबिया सईद अपहरण मामले में तीस साल से चल रहा ट्रायल

डॉ. रूबिया के अपहरण और एयरफोर्स के पांच अधिकारियों की हत्या मामले में तीस साल से ट्रायल चल रहा है।

इस मामले की सुनवाई पहले टाडा कोर्ट जम्मू में चल रही थी। वर्ष 2008 में आरोपितों ने इस केस का ट्रायल श्रीनगर टाडा कोर्ट में शिफ्ट करने की मांग को लेकर आवेदन दायर किया, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया। इसके बाद आरोपितों ने हाईकोर्ट की श्रीनगर विग में यही आवेदन दायर किया। इस पर हाईकोर्ट की श्रीनगर विग ने ट्रायल कोर्ट (जम्मू टाडा कोर्ट) में जारी सुनवाई पर रोक लगा दी। इसके बाद मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई। सीबीआइ ने मार्च 2019 में इस केस की जम्मू में सुनवाई करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में आवेदन दिया। 13 मार्च 2019 को चीफ जस्टिस गीता मित्तल के निर्देश पर जम्मू में इस केस की दोबारा सुनवाई शुरू हुई। अप्रैल 2019 में यासीन मलिक ने केस ट्रायल श्रीनगर शिफ्ट करने की मांग को लेकर दोबारा आवेदन किया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे ठुकरा दिया। अप्रैल 2019 के बाद से जम्मू में इस केस की सुनवाई चल रही है, लेकिन कभी आरोपितों के वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से पेश न किए जाने तो कभी वकीलों की हड़ताल के चलते सुनवाई स्थगित होती रही है।


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