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Jammu Kashmir DDC Chunav: अनुच्छेद-370 से आरंभ हुई मोर्चाबंदी, अब 'जमीन की लूट' पर जंग

ऐसे हालात में भाजपा की ओर से जारी चुनावी घोषणा पत्र में भाजपा ने भूमि घोटालों का भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने का मुद्दा अहम है। पार्टी का दावा है कि भूमि घोटालों की जांच जारी रहेगी व घोटाले करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करवाने के लिए दवाब बनाया जाएगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 09:11 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 09:11 PM (IST)
Jammu Kashmir DDC Chunav: अनुच्छेद-370 से आरंभ हुई मोर्चाबंदी, अब 'जमीन की लूट' पर जंग
वन भूमि अतिक्रमण के मामले में अब कुछ और सूचियां का जारी किया जाना तय है।

विवेक सिंह, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए सियासी जंग और तीखी होती जा रही है। चुनाव की घोषणा के साथ अनुच्छेद-370 की समाप्ति और पूर्ण राज्य के दर्जे पर आरंभ हुई खींचतान अब जमीन की लूट के इर्द-गिर्द सिमटती दिखाई दे रही है।

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रोशनी घोटाले में हो रहे नित नए पर्दाफाश के बाद भाजपा ने हमले तेज कर दिए हैं। इसके चलते कश्मीरी दल और पीपुल्स एलायंस अब सवालों के घेरे में है। वहीं, पहले से ही गुटों में बंटी कांग्रेस अभी तक प्रचार में कहीं दिखाई नहीं दे रही है। बता दें कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव है और शनिवार को पहले चरण का मतदान होना है।  

प्रदेश भाजपा ने अपना चुनाव प्रचार अनुच्छेद-370 हटने के बाद प्रदेश में शुरू हुए तेज विकास को मुद्दा बनाकर शुरू किया था। वहीं, विरोधी दलों के गठबंधन पीपुल्स एलायंस ने अपनी सारी सियासत इसके विरोध पर केंद्रित कर दी। खासकर युवाओं के लिए रोजगार और संपत्ति के अधिकार को मुद्दा बनाया गया।

इसी दौरान प्रदेश में प्रशासन के 25 हजार करोड़ के रोशनी घोटाले और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का पर्दाफाश होने से सारे मुद्दे ही बदल गए। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों, एक दर्जन से अधिक पूर्व मंत्रियों, नेताओं और उनके करीबी लोगों के नाम भूमि घोटाले के साथ जुडऩे के बाद भाजपा ने जमीन की लूट को चुनाव का मुख्य मुद्दा बना लिया है। ऐसे में भ्रष्टाचार पर घिरे सभी कश्मीरी दल भी बैकफुट पर आ गए हैं।

गुरुवार को भाजपा द्वारा जारी चुनावी संकल्प पत्र में भूमि घोटाले और पीपुल्स एलायंस को कई मोर्चे पर घेरने का प्रयास किया गया है। पार्टी का दावा है कि भूमि घोटालों की जांच जारी रहेगी और घोटाले करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करवाने के लिए दवाब बनाया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर कश्मीरी दल केवल अनुच्छेद-370 की वापसी का नारा दे रहे हैं।  

भाजपा ने उतारी केंद्रीय नेताओं की फौज :

भाजपा की ओर से पहले चरण के प्रचार में उतरे केंद्रीय मंत्रियों में अनुराग ठाकुर, जनरल वीके ङ्क्षसह, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेंद्र ङ्क्षसह, राज्य प्रभारी तरूण चुग, सांसद सईद जफर इस्लाम और हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने अपने प्रचार को फारूक अब्दुल्ला जैसे नेताओं व गुपकार गैंग को घेरने पर केंद्रित कर दिया।

इनके अलावा अन्य राज्यों के दर्जनों नेताओं को भी प्रचार में उतारा गया। एनसी और पीपुल्स एलायंस से समझौता कर चुनाव में उतरी कांग्रेस अब भी किसी केंद्रीय नेता के इंतजार में है। फारूक और उमर अब्दुल्ला का कोरोना मरीज के संपर्क में आने के बाद प्रचार से हट जाना भी पीपुल्स एलायंस के लिए झटके से कम नहीं है। वहीं, अपने बयान के कारण विवादों में आईं महबूबा को भी कई नेताओं के पार्टी छोडऩे से झटके लगे हैं।

 'रोशनी' की चपेट में आ चुके हैं दर्जनों बड़े नेता :

अब तक प्रदेश में करीब पांच हजार लोगों के नाम रोशनी घोटाले व सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने जैसे मामलों सामने आ चुके हैं। इसके बाद पूर्व मंत्री व कांग्रेस के नेता ताज मोहिउद्दीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वन भूमि अतिक्रमण के मामले में अभी कुछ और सूचियों का जारी होना तय है। फारूक व उमर अब्दुल्ला और उनके करीबियों पर भी जमीन कब्जाने के आरोप लगे हैं। ऐसे में उनके लिए बचाव कर पाना आसान नहीं है।

 कश्मीर में कम दिखी सक्रियता :  

प्रचार के लिए उतरी भाजपा के दिग्गज नेताओं टीम जम्मू तक ही अधिक सीमित दिखाई दे रही है। कश्मीर में इन नेताओं के कम ही कार्यक्रम रखे गए हैं। साफ है भाजपा पहले जम्मू के अपने गढ़ को ही मजबूत बना लेना चाहती है।


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