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कृत्रिम झील के लिए रूड़की की टीम आएगी जम्मू

कृत्रिम झील से जम्मू की फिजा बदलने की तैयारी - फोटो सहित

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 06:27 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:27 AM (IST)
कृत्रिम झील के लिए रूड़की की टीम आएगी जम्मू
कृत्रिम झील के लिए रूड़की की टीम आएगी जम्मू

अंचल सिंह, जम्मू

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राज्य प्रशासन एक बार फिर कृत्रिम झील से मंदिरों के शहर जम्मू की फिजा बदलने की तैयारी कर रहा है। इसका दोबारा डिजाइन बनाने के लिए आईआईटी रूड़की से समझौता किया गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद आईआईटी की टीम झील स्थल का निरीक्षण करते मौजूदा स्थिति और पुराने ढांचे का संज्ञान लेते हुए पुन: डिजाइन तैयार करेगी। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा।

तवी नदी में कृत्रिम झील तैयार करने की योजना वर्ष 2009 में कांग्रेस-नेकां सरकार के शासनकाल में शुरु की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पांच दिसबर 2009 को इस परियोजना का नींव पत्थर रखा था। जम्मू कश्मीर सरकार इस पर 57 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर चुकी है। वर्ष 2012 में योजना पूरी होनी थी लेकिन नहीं हुई। उसके बाद संबधित कंपनी को 2013, 2015, 2016, 2017 और 2018 में परियोजना को पूरा करने की अलग-अलग समय सीमा दी गई। कंपनी ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए छह बार मौका दिया गया लेकिन वह नाकाम रही है। वर्ष 2018 से यह परियोजना बंद पड़ी हुई है।

योजना के मुताबिक तवी पुल से एक किलोमीटर नीचे ऑटो-मेकेनिकली ऑपरेटेड गेटेड बैरॉज (एएमओजीबी) बनाया जाना है। इससे तवी नदी में 1500 मीटर लंबी और 600 मीटर चौढ़ी कृत्रिम झील तैयार होनी थी। यह झील जम्मू में पर्यटन के लिए लिहाज से बहुत अहम मानी जा रही थी। प्रोजेक्ट के रुकने के बाद राज्य प्रशासन ने जांच कमेटी भी बनाई थी। अब उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के निर्देशों पर दोबारा प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं। तवी में कृत्रिम झील तैयार करने की योजना जो आटो मैकेनिकल आप्रेटिड गेट बैराज एमओजीबी है, का ठेका जीआर इनफ्रा प्रोजेक्टस लिमिटेड को दिया गया था। अलबत्ता, परियोजना पर कोई उल्लेखनीय काम न होने पर ठेका पिछले वर्ष जून माह में रद किया गया था।

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तवी नदी के तटबंधों के सौंदर्यीकरण का काम अधर में

कृत्रिम झील प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में तवी नदी के तटबंधों के सौंदर्यीकरण का काम होना था। इसके लिए जम्मू विकास प्राधिकरण और साबरमती रीवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्पाेरेशन (एसआरएफडीसी) के बीच एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। इसी योजना के तहत वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद ने तवी नदी पर एक पार्क का उद्घाटन किया था। कृत्रिम झील नहीं बनने से यह प्रोजेक्ट भी फाइलों में घूम रहा है। ----बयान----

राज्य प्रशासन ने प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। हमने आइआइटी रूड़की के साथ कंसलटेंसी की है। एक-दो साल का हाल्ट हो गया था। आइआइटी के साथ दोबारा डिजाइन फाइनल करवाया जाएगा। पुराने ढांचे को भी ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं पर फोक्स किया जाएगा। उसके बाद ही दोबारा काम शुरू हो सकेगा। लागत, फंड्स समेत सभी पहलु देखे जाएंगे। उम्मीद कर सकते हैं कि पांच-छह महीनों में दोबारा काम शुरू हो जाए।

-अशोक शर्मा, चीफ इंजीनियर, सिचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, जम्मू


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