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    Jammu : सड़कों पर हिचकौलों से मिलेगी निजात, अधिकारी होंगे जवाब तलब; प्रमुख सचिव को सख्ती करने के दिए निर्देश

    By anchal singhEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 10:49 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सरकार ने 74वें संशोधन को लागू करते हुए नवंबर 2020 में एक आदेश जारी कर 577 सड़कें शहरी स्थानीय निकायों के अधीन लाई थीं। इनमें 213 सड़कें जम्मू नगर निगम को दी गईं जिनकी चौड़ाई 5.5 मीटर से थी।

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    फोटो ऐप पर डालें और फिर विभाग के संबंधित अधिकारी कार्रवाई करते हुए फौरन इन्हें ठीक करवाएं।

    जम्मू, अंचल सिंह : जम्मू नगर निगम अधीनस्थ क्षेत्रों में अगर सड़कों पर गड्ढे दिखे तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तलब किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को जवाब देना होगा। लापरवाही साबित होने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। वर्क कल्चर का पाठ पढ़ाने के साथ अधिकारियों को जवाबदेय बनाने के लिए जम्मू नगर निगम सख्ती करने जा रहा है।

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    यह पहल नवनिर्वाचित मेयर राजेंद्र शर्मा करने जा रहे हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं कि वे शहर की सड़कों को गड्ढों से मुक्त बनाएं। कहीं भी कोई गड्ढा नजर नहीं अाना चाहिए। संबंधित अधिकारियों को जवाब तलब करें ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके।

    वहीं प्रमुख सचिव ने मेयर को भरोसा दिलाया कि जल्द शहर की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त बना दिया जाएगा। इतना ही नहीं एक मोबाइल ऐप भी शुरू करेंगे जिसका उपयोग आम नागरिक भी कर पाएंगे। जहां कहीं भी गड्ढा मिले, उसकी फोटो ऐप पर डालें और फिर विभाग के संबंधित अधिकारी कार्रवाई करते हुए फौरन इन्हें ठीक करवाएं।

    घोषणा तो हुई अमल नहीं : जनवरी 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए अभियान छेड़ने की घोषणा की थी लेकिन यह घोषणा कागजी पुलिंदा ही साबित हुई। फिलहाल जम्मू-कश्मीर की शायद ही कोई सड़क होगी जहां गड्ढे न हों। विशेष दूरदराज क्षेत्रों की सड़कों की हालत ज्यादा खराब है। जम्मू शहर की सड़कों पर भी कई सथानों पर गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं।

    पीडब्ल्यूडी की 213 सड़कें निगम के अधीन : जम्मू-कश्मीर सरकार ने 74वें संशोधन को लागू करते हुए नवंबर 2020 में एक आदेश जारी कर 577 सड़कें शहरी स्थानीय निकायों के अधीन लाई थीं। इनमें 213 सड़कें जम्मू नगर निगम को दी गईं जिनकी चौड़ाई 5.5 मीटर से थी। वहीं श्रीनगर नगर निगम को 364 सड़कें सौंपी गईं। इनके साथ ही सरकार ने विभाग के 165 पद भी जम्मू नगर निगम को दिए हैं। यह स्टाफ डेपुटेशन के आधार पर निगम के अधीन काम कर रहा है।

    बाहरी राज्यों में काम कर रहा है ऐप : मेरठ लोक निर्माण विभाग पहले से ही ऐसे मोबाइल ऐप को उपयोग में ला रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर इस ऐप के जरिये 24 घंटों में गड्ढों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस ऐप में मोबाइल की लोकेशन ऑन होनी चाहिए। फोटो खींचते ही ऐप स्वयं गड्ढों की लोकेशन ले लेगा और विभाग को कार्रवाई करने में सुविधा होगी। हरियाणा सरकार ने भी 2020 में यह पहल की थी। वहां गड्ढे की फोटो सेंड करने के 96 घंटों में संबंधित ठेकेदार को इसे ठीक करने का प्रावधान रखा गया है। ऐसा नहीं होने पर ठेकेदार को प्रतिदिन एक हजार रुपये जुर्माना रखा गया है।

    नपे जाएंगे अधिकारी : मेयर राजेंद्र शर्मा का कहना है कि जनता के प्रतिनिधि नीति बनाने के लिए चुने जाते हैं। इन्हें लागू करना अधिकारियों का काम है। हम व्यवस्था को पारदर्शी व जवाबदेय बनाने के लिए काम कर रहे हैं। जो अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी। किसी से कोई निजी रंजिश नहीं। काम होना चाहिए। व्यवस्था बनाई जा रही है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द विभाग के अधिकारी गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए काम शुरू करेंगे। जल्द ही ऐप भी लांच करवाएंगे ताकि सड़क हादसों में भी कमी लाई जा सके। निगम के अधीन आने वाली सभी सड़कों की हालत सुधारी जाएगी।संबंधित अधिकारियों को जवाबदेय बनाना होगा तभी सुविधाएं जनद्वार तक पहुंचेंगी।