प्रो. चंद्रशेखर की आत्महत्या पर आंदोलन के बीच जुटा के उपाध्यक्ष और महासचिव का इस्तीफा
एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में कक्षाएं शुरू करने व आंदोलन का तरीका बदलने का फैसला किया था लेकिन संगठन के दो सदस्य इससे संतुष्ट नजर नहीं आए थे। इसके बाद अब उप प्रधान प्रो. मनोज भट्ट और महासचिव प्रो. रविंद्र सिंह ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू विश्वविद्यालय के प्रो. चंद्रशेखर की आत्महत्या के मामले में शिक्षकों के आंदोलन के बीच जम्मू यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जुटा) के उपाध्यक्ष और महासचिव ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। जुटा के नेतृत्व में प्रोफेसरों ने हड़ताल तो समाप्त कर दी है, लेकिन वे काले बैज लगाकर कक्षाएं ले रहे हैं। इसके अलावा प्रशासनिक कार्यों में प्रबंधन को सहयोग नहीं दिया जा रहा है।
जुटा ने गत दिनों एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में कक्षाएं शुरू करने व आंदोलन का तरीका बदलने का फैसला किया था, लेकिन संगठन के दो सदस्य इससे संतुष्ट नजर नहीं आए थे। इसके बाद अब उप प्रधान प्रो. मनोज भट्ट और महासचिव प्रो. रविंद्र सिंह ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे प्रो. चंद्रशेखर को न्याय दिलाने में हो रही देरी व जांच के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। जुटा के प्रधान प्रो. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक दोनों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। दोनों को मनाने की कोशिश होगी। हम सबका मकसद दिवंगत चंद्रशेखर के परिवार को न्याय दिलाना है। इसके लिए हम सब आंदोलन चला रहे हैं।
बताते चलें कि साइकोलाजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. चंद्रशेखर की आत्महत्या के मामले में विश्वविद्यालय का टीचिंग स्टाफ आंदोलन की राह पर है। मामले की सीबीआइ जांच की मांग की जा रही है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को हटाने की मांग भी है। विश्वविद्यालय ने कैश कमेटी को भंग कर दिया है जिसकी रिपोर्ट के बाद प्रो. चंद्रशेखर पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी और फिर उन्होंने आत्महत्या कर ली थी।
इस बीच, प्रो. चंद्रशेखर की पत्नी को नौकरी देने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा है। इस समय मामले की जांच पुलिस की विशेष जांच टीम कर रही है। मामला अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय आयोग के पास भी पहुंच चुका है। पिछले दिनों जब जुटा की जनरल हाउस बाडी की बैठक हुई थी तो उसमें भारी हंगामा हुआ था। कुछ सदस्यों ने अपने पुराने मामलों को उजागर किया था।