वादी में गणतंत्र दिवस समारोह शांति व सुरक्षा के माहौल में हुआ संपन्न
खुफिया तंत्र के आधार पर सुरक्षा एजेंसियों को सचेत किया था कि महिला आत्मघाती श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह स्थल पर हमला कर सकती है।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । कश्मीर वादी में गणतंत्र दिवस समारोह शांति व सुरक्षा के माहौल में संपन्न हुआ।कश्मीर वादी में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आत्मघाती हमले को अंजाम देने आई संदिग्ध महिला मानव बम को उसके एक साथी के साथ पुलिस ने गुरुवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है। इस बीच, शुक्रवार को पूरी वादी में गणतंत्र दिवस समारोह शांति व सुरक्षा के माहौल में संपन्न हुआ, कहीं भी आतंकियों को अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने का मौका नहीं मिला।
गत 23 जनवरी को पुलिस ने खुफिया तंत्र से मिली सूचनाओं के आधार पर सभी सुरक्षा एजेंसियों को सचेत किया था कि महिला आत्मघाती श्रीनगर में गणतंत्र दिवस समारोह स्थल पर या उसके आसपास हमला कर सकती है। यह महिला सादिया अनवर शेख है जो यरवदा (पुणो, महाराष्ट्र) की रहने वाली है। महिला आत्मघाती के कश्मीर में दाखिल होने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर थीं। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने विशेष दल बनाया, जिसे गुरुवार की रात को सफलता मिली और एक बड़ा आतंकी हमला टल गया। अतिरिक्त महानिदेशक (जम्मू कश्मीर पुलिस) मुनीर अहमद खान ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस समारोह स्थल पर समारोह के संपन्न होने के बाद एक संक्षिप्त बातचीत में बताया कि दो दिनों से हम लगातार मानव बम को तलाश कर रहे थे। जो भी सूचनाएं उपलब्ध थीं, सभी पर काम किया गया और गुरुवार देर रात हमने एक संदिग्ध महिला को उसके एक साथी संग पकड़ लिया। अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा कि खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उससे पूछताछ की जा रही है। हम यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या यह महिला सही मायनों में ही मानव बम थी या नहीं। इसे किसने कश्मीर में आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया, कश्मीर में या देश के अन्य हिस्सों में इसका हैंडलर कौन है। हम इस महिला के बारे में सभी तथ्यों को खंगाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम बनाया है। हालांकि मुनीर अहमद खान ने पकड़ी गई महिला के नाम की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि सादिया अनवर शेख से 2015 में भी पुणो में मुंबई एटीएस ने पूछताछ की थी। उस समय वह 12वीं की छात्र थी और इंटरनेट के जरिये आइएस (इस्लामिक स्टेट) के एक हैंडलर के साथ संपर्क में आने के बाद सीरिया जाने की योजना बना रही थी। एटीएस ने काउंसलिंग के बाद उसे छोड़ दिया था।