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Jammu Kashmir : ग्राहकों की मांग को समझा तो मजबूत हुए रिश्ते

किसी भी कारोबार में कामयाबी के लिए विश्वास व पेशेवर प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण पहलू होते हैं और इन्हीं का पालन करते हुए पुरी एक्सक्लूजिव आठ दशक में सफलता की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ता रहा। शहर में एक प्रमुख ब्रांड के तौर पर पुरी एक्सक्लूजिव को किसी पहचान की जरूरत नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:36 PM (IST)
Jammu Kashmir : ग्राहकों की मांग को समझा तो मजबूत हुए रिश्ते
पुरी एक्सक्लूजिव को किसी पहचान की जरूरत नहीं है

जम्मू ललित कुमार । किसी भी कारोबार में कामयाबी के लिए विश्वास व पेशेवर प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण पहलू होते हैं और इन्हीं का पालन करते हुए पुरी एक्सक्लूजिव आठ दशक में सफलता की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ता रहा। आज शहर में एक प्रमुख ब्रांड के तौर पर पुरी एक्सक्लूजिव को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। पुरी एक्सक्लूजिव में आज तीसरी पीढ़ी काम कर रही है और कई परिवार ऐसे हैं जिनकी तीसरी पीढ़ी उनसे कपड़ा खरीदने पहुंचती है। पुरी एक्सक्लूजिव के मालिक विरेंद्र पुरी व अशोक पुरी का मानना है कि ग्राहकों के साथ उन्होंने जो पारिवारिक संबंध रखे, उसी कारण पीढ़ी दर पीढ़ी उनका कारोबार सफलता की सीढिय़ां चढ़ता गया।

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विरेंद्र पुरी के अनुसार उनके पिता राधे शाम पुरी ने वर्ष 1945 में रघुनाथ बाजार के साथ लगती एक गली में दुकान से अपना सफर शुरू किया था। वर्ष 1964 में उन्होंने बाजार में दुकान शुरू की और 2004 में इस दुकान को एक बड़े शोरूम का रूप दिया। वर्ष 2014 में गांधी नगर में उन्होंने शोरूम खोला और आज उनकी तीसरी पीढ़ी कारोबार में हाथ बंटा रही है।

लॉकडाउन में जब दुकानें बंद थीं, तब भी अपने ग्राहकों से संपर्क बरकरार रखा

विरेंद्र पुरी बताते हैं कि लॉकडाउन में जब दुकानें बंद थीं, तब भी उन्होंने अपने ग्राहकों से संपर्क बरकरार रखा। अप्रैल के महीने में शादियां थीं और उनके कई ग्राहकों को इस सादे समारोह के लिए परिधानों की आवश्यकता थी। ऐसे में उन्होंने ग्राहकों को घर तक कपड़े पहुंचाए। पुरी बताते हैं कि जब लॉकडाउन खुला, तब भी लोग घरों से बाहर निकलने से घबराते थे। ऐसे में उन्होंने इंस्टाग्राम व फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कारोबार शुरू किया। उनके पास जो भी नई वैरायटी आती थी, उसे उन्होंने सोशल मीडिया पर अपलोड किया। लोगों ने काफी पसंद किया।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही उन्हेंं आर्डर मिलते रहे

सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही उन्हेंं आर्डर मिलते रहे, जो अभी भी जारी है और वो इस प्लेटफार्म से भी अपने ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं। पुरी बताते हैं कि इस महामारी के दौरान उन्होंने अपने ग्राहकों को घर बैठे कपड़े सिलवाने की सुविधा भी दी। पुरुषों के लिए होम सॢवस दी। उनके टेलर घर पर जाकर मॉप लेते थे और कपड़े तैयार करके ग्राहकों के घर पहुंचाए जाते रहे। ग्राहकों को कपड़े की क्वालिटी व पुरी एक्सक्लूजिव पर विश्वास था और इसी विश्वास से उन्हेंं कोरोना महामारी में भी कारोबार को आगे बढ़ाने का साहस मिला। पुरी बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल अपने ग्राहकों के संपर्क में रहने व उनकी जरूरत को पूरा करने के साथ जरूरतमंदों की मदद करने के लिए भी इस्तेमाल किया गया। लॉकडाउन में पुरी एक्सक्लूजिव सोशल मीडिया पर रहा ताकि अगर उनका कोई ग्राहक किसी समस्या में है तो उसकी मदद की जा सके। इसका फल हमें ग्राहकों के प्यार के रूप में मिला जिससे हमारे रिश्ते और मजबूत हुए

लॉकडाउन ने एक बात जरूरत समझा दी कि मुसीबत में रिश्ते ही काम आते हैं

विरेंद्र पुरी का कहना है कि इस लॉकडाउन ने एक बात जरूरत समझा दी कि मुसीबत में रिश्ते ही काम आते हैं। लॉकडाउन में समाज के लोग ही एक-दूसरे के काम आए। मुसीबत में फंसे कई लोगों की मदद के लिए व्यापारी ही सामने आए। इसने यह सिखा दिया कि विदेशी कंपनियां सिर्फ पैसा कमाने ही आती हैं। जरूरत के समय में अगर कोई मदद के लिए सामने आएगा तो वो अपने लोग ही होंगे। इसलिए हमारा तो यह मानना है कि लोगों, विशेषकर युवाओं को अपने स्थानीय बाजार में ही खरीदारी करनी चाहिए। आज ऑनलाइन शापिंग का बड़ा ट्रेंड है लेकिन इस लॉकडाउन में ऑनलाइन बिक्री करने वाली कोई कंपनी किसी की मदद के लिए आगे नहीं आई। इससे सबको यह सबक लेना चाहिए कि हमें अपने शहर के छोटे-छोटे दुकानदारों को ही मजबूत करना चाहिए।

विदेशी कंपनियों से खरीदारी कुछ देर के लिए सस्ती व अच्छी तो दिखती है

अगर हम स्थानीय स्तर पर खरीदारी करेंगे तो पैसा स्थानीय स्तर पर ही घूमेगा और एक परिवार से दूसरे परिवार तक पहुंचेगा और सबमें खर्च की क्षमता बढ़ेगी। विदेशी कंपनियों से खरीदारी कुछ देर के लिए सस्ती व अच्छी तो दिखती है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम छोटे कारोबारी को खत्म कर देगा जिसका सीधा असर स्थानीय स्तर पर होगा। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने शहर के छोटे दुकानदारों को मजबूत करें। विरेंद्र पुरी कहते हैं कि केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की बात करती है, लेकिन सरकारी स्तर पर भी छोटे कारोबारियों को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। 


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