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कश्मीर में आइएसआइएस की मौजूदगी से इंकार, कुछ युवक विचारधारा से प्रभावित

राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में कुछ युवक आइएसआइएस की विचारधारा से प्रभावित हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 03:03 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 03:03 PM (IST)
कश्मीर में आइएसआइएस की मौजूदगी से इंकार, कुछ युवक विचारधारा से प्रभावित
कश्मीर में आइएसआइएस की मौजूदगी से इंकार, कुछ युवक विचारधारा से प्रभावित

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को कश्मीर घाटी में आइएसआइएस की मौजूदगी से इनकार तो किया, लेकिन यह भी कहा कि कश्मीर में कुछ युवक जरुर इसकी विचारधारा से प्रभावित हैं। कई युवकों में जिहादी धर्मांधता बढी है।

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बातचीत में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि यहां पहले भी कई युवक आइएसआइएस के झंडे लहराते रहे हैं, जिससे यह अभास हो कि कश्मीर में इस आतंकी संगठन का बहुत बड़ा जनाधार है। इसके समर्थक बहुत हैं। लेकिन मैं यहां एक बार फिर दोहराता हूं कि आइएसआइएस की मौजूदगी की कोई बड़ी नहीं है,लेकिन हकीकत यह है कि बहुत से लोग इसकी विचारधारा से प्रभावित हो जिहादी धर्मांधता की तरफ बढ़े हैं और इससे इंकार नहीं किया जा सकता।

यहां कुछ तत्व हैं जो युवाओं में यथासंभव इस तरह की जिहादी मानसिकता को बढ़ाने में जुटे हुए हैं।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कश्मीर की सीविल सोसाइटी एक खुली और उदार सोच वाली है। यहां लोगों मेे दूसरी संस्कृतियों, पंरपराओं और अन्य धर्माें के प्रति आस्था का भाव है। लेकिन बीते कुछ समय अथवा सालों से कई तत्व स्थानीय युवाओं में धर्मांध जिहादी मानसिकता को पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं और वह किसी हद तक कामयाब भी रहे हैं और गत दिनों हमें जामिया मस्जिद में इसका असर भी देखने को मिला।

गौरतलब है कि गत सप्ताह जामिया मस्जिद के भीतर कुछ नकाबपोश युवकों ने आइएसआइएस के झंडे लहराते हुए भड़काऊ नारेबाजी भी की थी। कश्मीर में जारी आतंकरोधी अभियानों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में बहुत से आतंकी मारे गए हैं, लेकिन इस दौरान हमारे पुलिस के कई जवानों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों व जवानों ने भी वीरगति को प्राप्त किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में हालात पर काबू पाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों का सहयोग व आपसी समन्वय सराहणीय रहा है। उन्होंने कहा कि बीते साल कश्मीर में आतंकी हिंसा बीते सालों की तुलना में ज्यादा रही है। पाकिस्तान निरतंर रियासत में हालात बिगाड़ने की अपनी साजिशों पर काम करता रहा है। वह स्थानीय युवाओं को गुमराह कर, आतंकवाद के रास्ते पर चलने के लिए उकसाता रहा है।

राज्य पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य पुलिस ने बहुत बेहतर काम किया है और उम्मीद है कि यही जोश और जज्बा 2019 में भी रहेगा।

उन्होंने कहा कि तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों में राज्य पुलिस ने यथासंभव संयम बरता है और यही कारण है कि 97 आतंकरोधी अभियानों में 83 अभियानों में किसी तरह की नागरिक जनक्षति नहीं हुईहै। उन्होंने कहा कि आतंकियों को मार गिराना एक सफलता जरुर है,लेकिन एक जानी नुक्सान हमेशा पीड़ादायक होता है, उस पर खुशी नहीं होती। आतंकी हो, आम नागरिक हो या सुरक्षाकर्मी, किसी की भी मौत पीड़ादायक ही होती है। 


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