Jammu Kashmir : अभिनय के क्षेत्र से निकल राजनीति में आई साजरा, बात कम और काम ज्यादा में रखती है विश्वास
प्रख्यात डोगरी कवि अब्दुल कादिर कुंद्रिया के घर जन्मी साजरा कादिर ने सड़क संपर्क स्कूलों में कर्मचारियों की कमी चिकित्सा सहायता मोबाइल स्कूलों जैसी जमीनी समस्याओं पर काम करके अपने लोगों के बीच एक विशाल राजनीतिक स्थान हासिल किया।
जम्मू, सुरेंद्र सिंह : अभिनय के क्षेत्र से निकल कर राजनीति में आई साजरा कादिर आज रियासी जिले का जाना माना नाम बन चुकी है।राजनीति के अभी तक अपने छोट से सफर में ही साजरा ने अपनी छाप छोड़ दी है और लोग भी अब साजरा की एक आवाज पर उठकर खड़े हो जाते हैं।
साजरा मौजूदा समय जिला विकास परिषद रियासी की वाइस चेयरमैन है और वह कभी आतंकवाद का गढ़ माने जाने वाले गुलाबगढ़ इलाके से डीडीसी सदस्य चुनी गई है। पेशे से एक वकील और जुनून से एक कलाकार साजरा ने हाल ही में राजनीति में कदम रखा और पहले ही भाषण में उसका उत्साह और प्रभाव शहर में चर्चा का विषय बना।
वह ऐसी महिला हैं जो "बात कम करो, काम ज्यादा करो" में विश्वास करती हैं।साजरा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ मुहिम छेड़ी और उसे पूरी तरह से बंद करवाया। खुद एक वकील होने के नाते कानून के बारे जानकारी रखने वाली साजरा ने खनन माफिया के साथ सीधे लोहा लिया और संबंधित अधिकारियों को भी उनकी जिम्मेदारी बताई।
प्रख्यात डोगरी कवि अब्दुल कादिर कुंद्रिया के घर जन्मी साजरा कादिर ने सड़क संपर्क, स्कूलों में कर्मचारियों की कमी, चिकित्सा सहायता, मोबाइल स्कूलों जैसी जमीनी समस्याओं पर काम करके अपने लोगों के बीच एक विशाल राजनीतिक स्थान हासिल किया। साजरा का कहना है कि नेता और लोगों के बीच संचार आवश्यक है। “लोगों को अक्सर सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों तक पहुंचने में मुश्किल होती है। उन्हें इसके साथ जोड़ना नेताओं की जिम्मेदारी बनती है।
साजरा का मानना महिलाएं होती है सफल प्रबंधक : साजरा का कहना है कि महिलाएं सफल प्रबंधक होती है क्योंकि वे घर के सभी वित्तीय और घरेलू कामों का प्रबंधन करती है। अगर महिलाओं को मौके दिए जाएंगे तो वे देश को भी कुशलतापूर्वक चलाने में योग्य साबित होंगी।मेरा उद्देश्य महिलाओं को इस बारे जागरूक करना भी है। मैं अकसर महिलाओं के बीच जाकर उन्हें उनकी शक्ति का अहसास करवाती हूं।अधिकतर महिलाएं यही सोचती हैं कि वे मात्र घर ही चला सकती हैं। उनकी इस मानसिकता काे सही करना बहुत आवश्यक है।
गुलाबगढ़ में आदर्श के रूप में देखा जाता है साजरा को : साजरा को गुलाबगढ़ में महिलाएं विशेषकर युवतियां साजरा को एक आदर्श के रूप में देखती हैं। उन्होंने एक थिएटर कलाकार के रूप में शुरुआत की और साथ ही साथ अपनी कानून की डिग्री हासिल की। जुनून और पेशे से गुणों को विकसित करते हुए, वह अंततः राजनीति में उतरीं। इसके अलावा, वह हाल ही में इंटरनेट मीडिया में उस समय लोगों के सामने पहुंची जब उसे रियासी जिले के दूर दराज इलाके में अवैध नदी खनन का विरोध करते देखा गया। कई शिकायतों के बाद भी जब वहां से खनन नहीं रूकवाया गया ताे साजरा ने खुद वहां पहुंच कर जेसीबी को कब्जे में ले लिया। इसके बाद पुलिस व प्रशासन को भी कार्रवाई करनी पड़ी।
काम में जोखिम तो है लेकिन... : साजरा का कहना है कि इस काम में जोखिम तो है लेकिन अपने कर्तव्य के लिए वह जोखिम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगी। कोरोना महामारी के बीच भी साजरा मीलों पैदल सफर कर लाेगों के बीच जाकर उन्हें कोरोना महामारी से बचाव बारे जागरूत करती रही और उसने अपने इलाके में इस महामारी को पहुंचने से काफी हद तक रोकने में मदद भी की।