Jammu Kashmir: रियल कश्मीर फुटबाल क्लब ने दिखाई बदलते कश्मीर की तस्वीर
रियल क्लब में इस समय स्काटलैंड जिम्बाबे नाइजीरिया कीनिया ब्रिटेन से खिलाड़ी हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख पंजाब उत्तर-पूर्वी राज्यों और कोलकाता से भी खिलाड़ी हैं।
जम्मू, रोहित जंडियाल। एक खेल ने कश्मीर की तस्वीर बदल दी है। अलगाववादियों और आतंकवादियों की दहशत को दरकिनार कर कश्मीरी मुस्लिम शमीम मेराज और कश्मीरी पंडित संदीप चट्टू ने मिलकर हिंदू-मुस्लिम एकता का ऐसा बीज बोया, जिसने कश्मीर को नई पहचान दी है। दोनों ने विपरीत हालात में रियल कश्मीर फुटबॉल क्लब का गठन किया। आज यह पूरे देश में चर्चित क्लब है।
संदीप और मेराज कहते हैं कि हमने युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा में लगाकर मजहब की दीवार फुटबॉल से गिरा दी है। हमारा मकसद नए कश्मीर को फुटबॉल का स्वर्ग बनाना है। संदीप चट्टू और शमीम दोस्त हैं। वर्ष 2014 में कश्मीर में विनाशकारी बाढ़ ने कई लोगों की जिंदगी छीन ली थी। उस समय कई बच्चे गलियों में बैठे रहते थे। उनमें कई बच्चे नशा करने लगे थे। यह देख दोनों दोस्तों ने उनके लिए कुछ करने की ठानी। उन्होंने बच्चों को खेलने के लिए फुटबॉल दिया। यहीं से नया रास्ता खुल गया। दोनों ने देखा कि कुछ दिनों में सैकड़ों बच्चे फुटबॉल लेकर छोटे-छोटे मैदानों में खेल रहे हैं। चट्टू का कहना है कि उन्हें लगा कि बच्चों में फुटबॉल खेलने को लेकर जबरदस्त उत्साह है। 2016 में रियल फुटबॉल क्लब की नींव रखी। इसके बाद पूरे कश्मीर से जुझारू खिलाडिय़ों को परखकर एक टीम तैयार की जिसने अपने खेल से खलबली मचा दी। बता दें कि कश्मीर के युवा फुटबाल के दीवाने हैं। फुटबाल के मैचों को देखने के लिए युवाओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
लोग कहते थे पंडित-मुस्लिम कैसे साथ
लोगों को यह दुर्लभ घटना लगती थी कि मुस्लिम बहुल कश्मीर में एक पंडित और मुसलमान ने मिलकर फुटबॉल क्लब बनाया।कई लोगों ने इसमें सहयोग किया, तो कुछ ने मजाक भी उड़ाया, लेकिन स्थानीय लोगों ने प्यार और आशीर्वाद ने इस काम को आसान बना दिया।
कई देशों से हैं खिलाड़ी
रियल क्लब में इस समय स्काटलैंड, जिम्बाबे, नाइजीरिया, कीनिया, ब्रिटेन से खिलाड़ी हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, पंजाब, उत्तर-पूर्वी राज्यों और कोलकाता से भी खिलाड़ी हैं। संदीप का कहना है कि क्लब में सांस्कृतिक विविधता है। खिलाडिय़ों में सिर्फ फुटबॉल को लेकर उत्साह है। अलग-अलग जगहों से होने के बावजूद एक टीम की तरह खेलना अच्छा लगता है।
कई कंपनियों ने किए करार
इस क्लब ने बहुत जल्दी ख्याति प्राप्त कर ली। कई बड़ी कंपनियों ने इसके साथ करार किया है। राज्य प्रशासन भी कश्मीरी खिलाडिय़ों के जज्बे को देख टीम की मदद भी कर रही है। रियल कश्मीर क्लब पर बनी डाक्यूमेंटरी फिल्म को भी अवार्ड मिला था।
हर जगह हैं फैन
तीन साल में ही इस फुटबॉल क्लब ने देश-विदेश में समर्थक बना लिए। पहले ही साल में राष्ट्रीय फुटबॉल लीग में रियल कश्मीर तीसरे स्थान पर रहा। टीम के सदस्य दानिश राणा को कश्मीर का रोनाल्डो कहा जाता है। मट्टू का कहना है कि डुरंड कप में खेल के दौरान बच्चे बैनर लेकर टीम का उत्साह बढ़ा रहे थे। कोलकाता में ईस्ट बंगाल और मोहन बागान में हुए मैच में उन्हें समर्थन मिला था। स्कॉटलैंड और यूरोप तक में उनके क्लब के समर्थक हैं।
इस साल भी बेहतर की उम्मीद
दोनों का कहना है कि इस साल के सीजन में उन्हें बेहतर करने की उम्मीद है। इस क्लब ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया है। कश्मीर में भी शांति स्थापित हो रही है। उम्मीद है कि फुटबॉल जहां हर धर्म और संस्कृति से संबंध रखने वाले खेलते हैं। वे कश्मीर में शांति बहाली में और मदद करेगा।