Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: पढ़ें आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी अस्बाह, अब्दुल मुईद और कश्मीर यूनिवर्सिटी के दो राष्ट्रविरोधी प्रोफेसरों की काली करतूतें

अस्बाह अर्जमंद मौजूदा समय में ग्रामीण विकास विभाग निदेशालय में प्रचार विभाग की निदेश पद पर तैनात थी। कश्मीर पंडितों के कत्ल पर खुशी मनाने वाले जेकेएलएफ के कमांडर आतंकी फारूक अहमद डार की पत्नी असबाह उल अर्जमंद खान शादी से पहले तथाकथित मानवाधिकारवादी संगठन के साथ जुड़ी हुई थी।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 08:13 PM (IST)
Jammu Kashmir: पढ़ें आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी अस्बाह, अब्दुल मुईद और कश्मीर यूनिवर्सिटी के दो राष्ट्रविरोधी प्रोफेसरों की काली करतूतें
सरगना मोहम्मद युसुफ शाह उर्फ सल्लाहुदीन के तीसरे पुत्र सैयद अब्दुल मुईद को भी आज सेवामुक्त किया गया है।

जम्मू, जेएनएन। आतंक के ताबूत में कील ठाेकने के अभियान को जारी रखते हुए प्रदेश प्रशासन ने शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना मोहम्मद युसूफ शाह उर्फ सल्लाहुदीन के पुत्र सैयद अब्दुल मुईद और कश्मीरी पंडितों का कसाई कहलाने वाले आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी अस्बाह उल अर्जमंद खान व कश्मीर विश्वविद्यालयों के दो प्रोफेसरों की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में सलिंप्तता के आधार पर सेवाएं समाप्त कर दी हैं। सल्लाहुदीन की दो बेटों की सेवाएं बीते साल समाप्त की गई थी। बिट्टा कराटे इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।

prime article banner

अस्बाह अर्जमंद:

अस्बाह अर्जमंद मौजूदा समय में ग्रामीण विकास विभाग निदेशालय में प्रचार विभाग की निदेश पद पर तैनात थी। कश्मीर पंडितों के कत्ल पर खुशी मनाने वाले जेकेएलएफ के कमांडर आतंकी फारूक अहमद डार की पत्नी असबाह उल अर्जमंद खान शादी से पहले एक तथाकथित मानवाधिकारवादी संगठन के साथ जुड़ी हुई थी। वर्ष 2011 बैच की जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा की अधिकारी अस्बाह उल अर्जमंद जिस मानवाधिकारवादी संगठन के साथ जुड़ी थी। वह कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी एजेंडे का समर्थक था। इसके अलावा वह विदेश में कुछ ऐसे लोगों के साथ लगातार संपर्क में थी जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने भारत की एकता अंखडता का दुश्मन घोषित कर रखा है और यह लोग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के पे रोल पर हैं। उसने पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए भी अपने बारे में गलत जानकारी दी और वह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए पैसा प्राप्त करने और उसे अलगाववादी तत्वों में बांटने में भी कथित तौर पर सक्रिय थी।

प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत की है। इसके मुताबिक अगर कोई भी भी नागरिक राष्ट्र की एकता,अखंडता केा नुक्सान पहुंचाता है या नुक्सान पहुंचाने की गतिविधियों में लिप्त है, या फिर राष्ट्र के खिलाफ द्राेह के षडयंत्र में प्रत्यक्ष परोक्ष तरीके से शामिल है, उसे तत्काल प्रभाव से सरकारी सेवा से मुक्त किया जा सकता है।

सैयद अब्दुल मुईद :

मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना मोहम्मद युसुफ शाह उर्फ सल्लाहुदीन के तीसरे पुत्र सैयद अब्दुल मुईद को भी आज सेवामुक्त किया गया है। वह जम्मू कश्मीर उद्यमशीलता विकास केंद्र जेकेइडीआई सेमपोरा, पांपोर में आइटी विंग में प्रबंधक था। वह करीब छह वर्ष पूर्व जेकेइडीआइ पर हुए आतंकी हमले के समय परिसर में ही मौजद थे। उस समय सुरक्षाबलों ने उसे आतंकियों की गोलियों की परवाह किए बिना सुरक्षित बाहर निकाला था। बाद में जांच के दौरान पता चला कि वह जेकेईडीआइ पर समय समय पर हुए आतंकी हमलों की साजिश में शामिल रहा है।

आज सेवामुक्त किए गए दो प्रोफेसर कश्मीर विश्वविद्यालय से ही संबंध रखते हैं। इनमें एक कंप्यूटर साइंस विभाग में डी श्रेणी में वैज्ञानिक डा मुहित अहमद बट और मैनेजमेंट विभाग में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी शामिल हैं। यह दोनों जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हुए थे और उसके अलावा वह कश्मीर विश्वविद्यालय के भीतर और बाहर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते युवाओं को आतंकी बन, भारत की एकता अखंडता को भंग करने के लिए हथियार उठाने के लिए उकसाते थे।

यह दोनाें ही पाकिस्तानी एजेंडे का प्रचार करते थे। प्रोफेसर माजिद हुसैन खूंखार आतंकी संगठन के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर भी काम करता था। वह जन सुरक्षा अधिनियम के तहत भी जेल जा चुका है। उसके खिलाफ आतंकी गतिविधियों के अलावा हत्या के मामले भी दर्ज हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.