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शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलें आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत

आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत आतंकियों द्वारा मारे गए सेना के सिपाही औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात की। औरंगजेब सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के जवान थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 01:49 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 05:25 PM (IST)
शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलें आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत
शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलें आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत

श्रीनगर, जेएनएन। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत आतंकियों द्वारा मारे गए सेना के सिपाही औरंगजेब के परिजनों से मुलाकात की। वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले स्थित शहीद औरंगजेब के घर गए और उनके परिवार को दिलासा दिया। औरंगजेब सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के जवान थे।

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जानकारी हो कि आतंकियों ने पुलवामा से औरंगजेब का अपहरण कर लिया था जब वह ईद मनाने अपने घर जा रहे थे। इसके बाद 14 जून को उनका गोलियों से छलनी शव बरामद हुआ था। जनरल बिपिन रावत का उस परिवार से मिलना औरंगजेब के परिवार वालों के लिए एक बड़ी संवेदनशील पहल होगी। इससे कश्मीर में तैनात हमारे जवानों और अफसरों के हौसले भी बुलंद होंगे।

सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को बीते दिनों अगवा किया गया था, जिसके बाद आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी। आतंकियों ने उस वक्त औरंगजेब का अपहरण किया, जब वह ईद की छुट्टी लेकर अपने घर पुंछ लौट रहे थे। औरंगजेब उस कमांडो ग्रुप का हिस्सा थे, जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था। 16 जून को उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी।

इसके अलावा वहां शुजात बुखारी नाम के एक पत्रकार को भी मार दिया गया था। आतंकियों द्वारा अंजाम दी गईं दोनों घटनाओं की वजह कश्मीर समेत देश के बाकी हिस्सों के लोगों में काफी नाराजगी है। उनके पिता मोहम्मद हनीफ और भाई केंद्र सरकार को अल्टिमेटम देते हुए कह चुके हैं कि मोदी सरकार आतंकियों को मारकर बेटे की शहादत का बदला ले वरना वह खुद बदला लेंगे। औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ खुद भी सेना में रह चुके हैं। 

उधर जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान महीनेभर तक आतंक रोधी ऑपरेशन रोकने की मियाद केंद्र सरकार ने खत्म कर दी है। इसी के साथ राज्य में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑलआउट एक बार फिर से शुरू हो गया है। एक महीने के 'सीजफायर' के दौरान राज्य में आतंकी वारदातों में तेजी और 28 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए केंद्र ने इसे आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया था।

बता दें कि सेना ने भी केंद्र से ऑपरेशन रोकने की मियाद नहीं बढ़ाने की अपील की थी। ऑपरेशन रोकने के दौरान राज्य में आतंकी घटनाओं में वृद्धि ही हुई वहीं, पत्रकार शुजात बुखारी और जवान औरंगजेब की हत्या के बाद स्थिति ज्यादा खराब हुई। 'रमजान सीजफायर' के दौरान आतंकियों द्वारा ग्रेनेड फेकने और सुरक्षाबलों पर हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई थी।


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