Talab Tillo Fire Incident: कंधे पर स्टार लगने से पहले ही रतन चंद ने पी लिया शहादत का जाम
असलम की मौत से परिवार का कमाने वाला अकेला सहारा भी छीन गया। कुछ दिन पूर्व जब वह घर आया था तो उसने अपने बड़े बेटे को साइकिल लेकर देने का वादा किया था।
जम्मू, अवधेश चौहान। तालाब तिल्लो में टाल में लगी आग बुझाते समय शहादत पाने वाले रतन चंद का परिवार जून माह का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। करीब चार माह बाद रतन चंद के कंधे पर एएसआइ के स्टार लगने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। यह कहना है कि शहीद रतन चंद की पत्नी निशा देवी का। बुधवार सुबह जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके पति आग बुझाते समय इमारत के मलबे में दब गए है तो उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन परिवार वालों ने उम्मीद नहीं छोड़ी। उनकी पत्नी निशा देवी, बेटा विनोद और पुरुषोत्तम भी मलबे में दबे अपने पिता को बाहर निकालने के अभियान के दौरान भगवान से उनके जीवित होने की प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था।
हवलदार रतन चंद पौनी चक के खानपुर इलाके में रहते हैं। गत मंगलवार शाम को ही वह थोड़ी देर के लिए घर आए थे और वह यह कह कर ड्यूटी पर चले गए कि बुधवार दोपहर को घर आएंगे। लेकिन दोपहर को जब उनका शव उनके पैतृक निवास पौनी चक पहुंचा तो क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। हर कोई रतन चंद के परिवार को सांत्वना देने घर पहुंचने लगा। उनके बड़े बेटे विनोद का कहना है कि पापा ड्यूटी के पाबंद थे। उन्हें अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर देने का नेतृत्व सौंपा जाता था। रतन चंद की बेटी अनु की शादी हो चुकी है। जबकि दोनों भाइयों ने पुलिस में फिजिकल टेस्ट पास किया है। रतन चंद के भांजे सन्नी का कहना कि उनकी मां यानि की रतन चंद की छोटी बहन 6 माह पहले ही स्वर्ग सिधार गई थी, जिसका गम परिवार अभी भूला भी नही था कि मामा की आकस्मिक मौत ने संयुक्त परिवार को हिला कर रख दिया है।
बेटे को साइकिल देने का वादा कर आए थे असलम
तालाब तिल्लो में लकड़ी के टाल पर लगी आग पर काबू पाने के दौरान मारे गए फायर एंड इमरजेंसी सर्विस विभाग के सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल मोहम्मद असलम परिवार में अकेला कमाने वाला था। असलम के भाई मोहम्मद जावेद ने बताया कि राजौरी दरहाल क्षेत्र के असलम के पांच बच्चे हैं। घर में पत्नी बच्चों की देखभाल करती है। उसकी पत्नी को असलम की मौत के बारे में अभी तक बताया नहीं गया है। रोजगार कमाने के लिए मोहम्मद असलम अपने घर छोड़ कर जम्मू आ गया था। अब उसकी मौत से परिवार का कमाने वाला अकेला सहारा भी छीन गया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व जब वह घर आया था तो उसने अपने बड़े बेटे को साइकिल लेकर देने का वादा किया था। अब उसके बच्चे को मोहम्मद असलम की मौत की सूचना देने की हिम्मत वह नहीं जुटा पा रहा।
पिता के बाद विमल की भी नौकरी के दौरान मौत
टाल में आग पर काबू पाने के दौरान मलबे में दब कर मारा गया फायर मैन विमल रैना अपने पीछे पांच वर्षीय बच्ची के अलावा पत्नी और विधवा मां को इस दुनिया में अकेला छोड़ गया। विमल के पिता भी दमकल विभाग में तैनात थे। नौकरी के दौरान उनकी मौत हो गई थी, जिसके बाद विमल रैना को एसआरओ के तौर पिता के स्थान पर नौकरी मिली थी। परिवार के सदस्यों के अनुसार विमल जानीपुर मेन स्टाप में अपने परिवार के साथ रहता था। जबकि उसका एक भाई अलग घर में रहता है। 31 वर्षीय विमल कुमार की दुर्घटनावश हुई मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। विमल रैना का परिवार उसकी पिता की मौत के सदमे से उभरा भी नहीं था कि अब विमल की मौत से परिवार की मानो कमर हीं टूट गई है।