गांव में सन्नाटा, दिलों में दहशत
रोहित जंडियाल, रसाना (कठुआ) सिर्फ 17 घर और 70 लोग। हर किसी के चेहरे पर दहशत का माह
रोहित जंडियाल, रसाना (कठुआ)
सिर्फ 17 घर और 70 लोग। हर किसी के चेहरे पर दहशत का माहौल। सभी की सरकार से सीबीआइ जांच की मांग। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सटे कठुआ में कूटा मोड़ से मात्र दो किलोमीटर दूर स्थित रसाना गांव है। इसी गांव से मात्र दो किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्र में बसे गुज्जर परिवारों में भी दहशत है।
इस साल के शुरू में एक आठ वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आने के बाद से ही गांव के कई लोगों को पूछताछ के लिए पहले पुलिस की विशेष जांच टीम और अब क्राइम ब्रांच की टीम ने उठाया। इस समय आठ लोग हिरासत में हैं। इसके बाद से गांव में दहशत है। लोगों की शिकायत है कि उन्हें बेवजह तंग किया जा रहा है। सीबीआइ की मांग को लेकर लोग धरने पर हैं। वहीं आरोपित सांझी राम के घर में भी सन्नाटा छाया हुआ है। मीडियाकर्मी घर में लगातार आ रहे हैं, लेकिन उनसे बात करने के लिए छोटी बेटी मोनिका वर्मा और भाई नरेश कुमार ही हैं। वे भी घर के बाहर बने देवी स्थान पर बात कर रहे हैं। मोनिका तो बात करते-करते कई बार रो पड़ती है। उसका कहना है कि उन्हें जांच एजेंसी से न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। बस सीबीआइ से जांच हो। उसी में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सांझी राम का भाई नरेश कुमार कैंसर पीड़ित है। गांव में किसी भी घर में कोई नजर नहीं आ रहा। अगर कोई है भी तो वह भी घर के भीतर ही बैठा हुआ है। गांव के प्रवेश द्वार के पास बने मंदिर और तालाब के साथ ही एक पुलिस का जवान हर आने जाने वाले का नाम लिख रहा है। यह सब बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद हुआ है।
वहीं रसाना से कुछ किलोमीटर दूर कूटा मोड़ की एक पहाड़ी पर स्थित पीडि़ता के रिश्तेदार का घर है। तीन दिन पहले ही एक बुजुर्ग, महिला व बच्चों के अलावा अन्य सदस्य कहीं चले गए हैं। जो घर में हैं, वे भी डरे हुए हैं। उन्हें डर जांच एजेंसी का नहीं बल्कि इसका है कि उनके साथ कुछ न हो जाए। घर में मौजूद महिला का कहना है कि पहले तो सब कुछ सामान्य था, लेकिन अब डर लगता है। पीड़िता उनके घर में अक्सर आकर बच्चों के साथ खेलती थी। विश्वास नहीं होता कि उस मासूम के साथ ऐसी द¨रदगी हुई है। बुजुर्ग ने कहा कि रसाना गांव के लोगों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे लेकिन कुछ साल से जमीन देने को लेकर विवाद था। इसी घर के सामने की पहाड़ी पर पीड़िता का घर है। तीन दिन पहले ही पूरा परिवार जा चुका है। मीडिया कर्मियों का वहां आना जारी है। आसपास रहने वाले लोग बताते हैं कि इस बार गर्मियों में यह परिवार दो दिन पहले ही चला गया। दुखद घटना के बाद ली थी बेटी गोद
आठ वर्षीय पीड़िता जिस घर में रह रही थी, वह उनकी गोद ली हुई बेटी थी। उन्होंने अपनी बहन से पीड़िता को दुखद घटना के बाद गोद लिया था। कुछ वर्ष पहले एक हादसे में उनके पांच बच्चों में से एक बेटी व दो बेटों की मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने बहन से बच्ची (जिसकी हत्या व दुष्कर्म हुआ) को गोद लिया था। उस समय उसकी उम्र मात्र कुछ महीने थी। वह इसी घर में पली बड़ी थी।