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Kashmir : 75 वर्ष बाद पहली बार लाल चौक पर सनातन का जयघोष,जय श्रीराम-भारत माता के जयघोष गूंजे

यात्रा के संयोजक संत नर्मदानंद बाबा ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में निकाली जा रही राष्ट्र गौरव यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह देश के वीर सैनानियों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाएगी।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Fri, 04 Nov 2022 01:28 PM (IST)Updated: Fri, 04 Nov 2022 02:09 PM (IST)
Kashmir : 75 वर्ष बाद पहली बार लाल चौक पर सनातन का जयघोष,जय श्रीराम-भारत माता के जयघोष गूंजे
यात्रा में तिरंगा और भगवा ध्वज साथ-साथ चलेंगे परंतु राष्ट्रध्वज चार इंच ऊपर होगा और भगवा चार इंच नीचे रहेगा।

श्रीनगर, जेएनएन : ऐतिहासिक लाल चौक में घंटाघर के नीचे शुक्रवार को राष्ट्रध्वज के साथ भगवा पताका लहराते हुए संत-महात्मा जमा हुए। कुछ ही देर में वहां जय हिंद-वंदेमातरम, जय श्रीराम और भारत माता जयघोष गूंजने लगे। राष्ट्रगान भी हुआ। भगवान श्री राम जानकी, श्री लक्ष्मण और वीर हनुमान की मूर्तियों का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन हुआ।

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आजादी के 75 वर्ष के बाद यह पहला अवसर था जब लाल चौक में सनातन हिंदू संस्कृति में आस्था रखने वाले संत महात्मा निर्भय होकर राष्ट्र ध्वज और भगवा पताका लहराते हुए नजर आए। यह सिर्फ राष्ट्रध्वज लहराने तक सीमित नहीं था बल्कि यह राष्ट्र गौरव पदयात्रा का शुभारंभ था, जिसका आयोजन संत नर्मदानंद बाबा ने किया है। राष्ट्र गौरव पदयात्रा अयोध्याधाम में संपन्न होगी।

लाल चौक के बाद पदयात्रा ने श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण किया और डल झील किनारे गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकराचार्य मंदिर भी पहुंची। संक्षिप्त बातचीत में यात्रा के संयोजक बाबा नर्मदानंद ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में निकाली जा रही यात्रा मार्ग के स्वाधीनता संसेनानियों को समर्पित है। यह राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाएगी। यह लोगों में सनातन संस्कृति, एकता और राष्ट्रीय गौरव और तिरंगे के प्रति जागरुकता पैदा करेगी।

तिरंगे में सबसे ऊपर भगवा रंग ज्ञान का प्रतीक है और सफेद शांति का, हरा रंग सुख समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। राष्ट्र गौरव पद यात्रा में तिरंगा और भगवा ध्वज साथ साथ चलेंगे। राष्ट्रध्वज चार इंच ऊपर होगा और भगवा चार इंच नीचे रहेगा। भारत में सुरक्षा, शांति और खुशहाली का वातावरण बने, भारत विश्वगुरु बने ,इसी उद्देश्य के साथ् यह यात्रा शुरू की गई है। यह यात्रा लोगों के बीच राष्ट्रीय गौरव की भावना को जागृत करने के लिए भी है।

सभी संप्रदायों के लोग मिलकर आगे आएं : कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं की वापसी और हालात के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में बाबा नर्मदानंद ने कहा कि अगर हमें कश्मीर का विकास करना है तो यहां सिर्फ कश्मीरी हिंदू ही नहीं बल्कि सभी भारतवंशी, पूरे भारतवर्ष के नागरिक रहने चाहिए, सभी संप्रदायों के लोग अगर मिलकर सद्भाव के साथ रहेंगे तो ही कश्मीर में विकास होगा, पूरे राष्ट्र का विकास होगा।

कश्मीर के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय : कश्मीर के विकास के लिए जरूरी है कि यहां औद्योगिक निवेश हो और यहां अच्छे स्कूल-कालेज हों। यात्रा में शामिल स्वामी चिदम्बरानंद ने कहा कि राष्ट्र गौरव पदयात्रा का लालचौक से शुभारंभ होना कश्मीर के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय है। आज सनातन धर्म और संस्कृति और पूरा राष्ट्र गौरवान्वित है। संतों की यात्रा पूरे भारतवर्ष में प्रत्येक नागरिक में धर्म और राष्ट्रीय गौरव के प्रति गर्व की भावना को जगाएगी। लगभग 75 दिन तक चलने वाली यह यात्रा 14 जनवरी को अयोध्या में संपन्न होगी।

क्या कहते हैं वादी के लोग : लाल चौक में स्थित एक इलेक्ट्रानिक शोरूम के मालिक हाजी अब्दुल रशीद लोन ने कहा कि यहां रामनवमी और जनमाष्टमी के अवसर पर पहले भी हिंदुओं के जुलूस निकलते रहे हैं। यहां लाल चौक में मंदिर भी है जिसमें सुबह शाम पूजा होती है,लेकिन मैंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी इस तरह से लाल चौक में या फिर घंटाघर के नीचे इस तरह से खुलेआम कभी किसी संत-महात्मा को पूजा करते नहीं देखा। यहां संत-महात्माओं द्वारा तिरंगा लहराने का यह पहला अवसर है। लाल चौक से कुछ ही दूरी पर कोर्ट रोड पर रहने वाले एक हिंदू नागरिक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मेरी उम्र आज 68 साल हो चुकी है,लेकिन यहां कभी भी इस तरह से खुलेआम तिरंगा लहराना, भगवा पताका लहराना और भगवान श्री राम की पूजा करना पहले संभव नहीं था और न कभी ऐसा करने की कोई हिम्मत जुटा पाया था। यह कश्मीर में सनातन संस्कृति के फिर से मजबूत होने और लोगों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना को दर्शाता है।


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