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Ramnagar Children Death Case: दवा का सैंपल फेल, अब दोषियों को कड़ी सजा का इंतजार

जम्मू कश्मीर प्रशासन और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सही दिशा में कार्रवाई कर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 11:23 AM (IST)
Ramnagar Children Death Case: दवा का सैंपल फेल, अब दोषियों को कड़ी सजा का इंतजार
Ramnagar Children Death Case: दवा का सैंपल फेल, अब दोषियों को कड़ी सजा का इंतजार

जम्मू, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित डिजिटल विजन दवा कंपनी में बनी खांसी और जुकाम की दवा के सैंपल फेल हो गए हैं। कोल्ड बेस्ट सीरप दवा में डाई एथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला पदार्थ पाया गया है। सोमवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के स्टेट ड्रग कंट्रोलर की सैंपल की रिपोर्ट आई है। इसके आधार पर हिमाचल स्टेट ड्रग कंट्रोलर की टीम ने सोमवार देर रात ही कंपनी प्रबंधकों के खिलाफ कालाअंब पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा दिया है। दवा कंपनी को सील करने का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, जल्द ही इस मामले में गिरफ्तारियां हो सकती हैं। आरोप है कि कोल्ड बेस्ट सीरप पीने के बाद जम्मू के ऊधमपुर जिले के रामनगर में 12 बच्चों की मौत हो गई थी।

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सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और हिमाचल स्टेट ड्रग कंट्रोलर की टीम ने 15 से 18 फरवरी तक डिजिटल विजन कंपनी में छापेमारी कर सैंपल भरे थे। इसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। जांच टीम ने पाया था कि कच्चा माल चेन्नई से दिल्ली, दिल्ली से अंबाला व अंबाला से कालाअंब में डीलरों द्वारा पहुंचाया गया था। इसके बाद कालाअंब में दवा का उत्पादन किया गया।

वहीं रामनगर के लोगों ने हिमाचल प्रदेश की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है, अब दवा कंपनी के मालिकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर सजा दी जानी चाहिए। रामनगर सिटीजन काउंसिल के प्रधान सुभाष कुडियार, स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष पप्पू वर्मा, पार्षद संजीव जंडियाल, मनोज लैहड़ा, विनय कुमार आदि ने कहा कि हिमाचल में बनी दवा पीने से 12 बच्चों की मौत से हमारे गांवों के लोगों में अभी भी दहशत है। जम्मू कश्मीर प्रशासन और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने सही दिशा में कार्रवाई कर कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी भी पीड़ित दो बच्चे पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती हैं, हालांकि उनकी हालात स्थिर बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि पीड़ित बच्चों के परिवार को मुआवजा दिया जाए।

कब किस टीम ने की जांच

  • 15 जनवरी 2020 : कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर ऊधमपुर, डिस्ट्रिक्ट हेल्थ आफिसर, फिजिशयन और बाल रोग विशेषज्ञ ऊधमपुर ने इस मामले की रामनगर में जाकर जांच की।
  • 16 जनवरी : जम्मू से स्टेट एपीडेमालोजिस्ट के नेतृत्व में एक टीम जांच के लिए रामनगर पहुंची। टीम ने कई सैंपल लिए।
  • 18 जनवरी : केंद्र से एक टीम जांच के लिए रामनगर पहुंची। इस टीम में सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में बच्चों के विशेषज्ञ डॉ. सुमित मेहनदिराता, नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर माइक्रोबायोलाजी डॉ. महेश वागमरे, एपीडेमालोजी की असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. सुनीता कौर, एनआइवी पुणो की माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ. शिल्पा तोमर और डॉ. अविनाश दियोशतवार शामिल थे।
  • 20 जनवरी : रामनगर व ऊधमपुर से कई दवाइयों की दुकानों से ड्रग कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने सैंपल उठाए।
  • 27 जनवरी : पीजीआइ चंडीगढ़ से डॉक्टरों की विशेष टीम जांच के लिए जम्मू पहुंची।
  • 22 फरवरी : पीजीआइ चंडीगढ़ से मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद जम्मू कश्मीर में सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई।

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