कैसे मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, डाक्टरों की कमी से जूझ रहा रामगढ़ उपजिला अस्पताल
सीमांत क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल में प्रमुख डाक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नसीब नहीं हो पा रहीं।
रामगढ़, जेएनएन। उपजिला अस्पताल सीएचसी रामगढ़ में प्रमख डाक्टरों के खाली पडे़ पद प्रशासन व उच्च स्वास्थ्य विभाग की खामियों को दर्शा रहे हैं। सीमांत क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलबध करवाने के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। पिछले कई हफ्तों से उपजिला अस्पताल सीएचसी रामगढ़ में महत्वपूर्ण डाक्टरो की कमीं खल रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इस कमी को पूरा करने के बजाए मौजूदा स्वास्थ्य स्टाफ को शहरों में अटैच कर दिया है।
उपजिला अस्पताल में पेश आ रही डाक्टरों की कमी से अस्पताल प्रबंधन नाखुश है। उपजिला अस्पताल में इन दिनों हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर का अस्थायी पद खाली पड़ा है। इसके अलावा सर्जन, ईएनटी, मेडिकल अधिकारी, बेहोशी विशेषज्ञ सहित अन्य स्टाफ की कमी भी मौजूदा समय की स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर डाल रही है। सीमांत क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल में प्रमुख डाक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नसीब नहीं हो पा रहीं। क्षेत्र के लोगों ने जिनमें सरपंच कुलदीप कुमार, सरपंच यशपाल खजुरिया, सरपंच रूपचंद चौधरी, सरपंच विजय कुमार, सरपंच भारत भूषण अन्य ने कहा कि प्रशासन व उच्च स्वास्थ्य विभाग इन खामियों को दूर करने के वजाय मौजूदा स्वास्थ्य स्टाफ को अन्य जगहों पर अटैचमेंट नीतियों को प्राथमिकता दे रहा है। लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं यकीनी बनाने के लिए जल्द कारगर नीतियां अमल में लाई जाएं ताकि लोगों को हर समय बेहतर सेवा उपलब्ध हो सके।
उच्च विभाग को दिया गया है ब्यौरा
उपजिला अस्पताल सीएचसी रामगढ़ में डाक्टरों व स्टाफ की कमीं को लेकर बीएमओ डा. पलविंदर सिंह ने कहा कि उच्च विभाग को पेश आ रही परेशानियों व कमियों का ब्यौरा दिया गया है। इस दिए गए ब्यौरे पर गौर करना सरकारी व विभागीय स्तर नीतियों पर निर्भर करता है।
क्या कहते हैं मुख्य स्वास्थ्य विभागी अधिकारी
सीएचसी रामगढ़ में प्रमुख डाक्टरों व स्टाफ की कमी को लेकर मुख्य स्वास्थ्य विभागीय अधिकारी सांबा राजेंद्र संबयाल से की गई बात में उन्होंने जल्द कारगार कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उपजिला अस्पताल में खाली पड़े पदों की भरपाई की नीतियां बनाई जा रही हैं, जो जल्द ही अमल में लाई जाएंगी। ग्रामीण स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने की विभागीय स्तर पर कवायद जारी है।