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    LoC पर श्योक टनल समेत 125 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को क्या चेतावनी दी?

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 02:18 PM (IST)

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अच्छी सड़कें और संचार से सीमा पर सैनिक मजबूत हैं। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर श्योक टनल समेत 125 विकास प्रोज ...और पढ़ें

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    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अच्छी सड़कें और संचार से सीमा पर सैनिक मजबूत हैं (फोटो: जागरण)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अच्छी सड़कों, रियल टाइम संचार, सेटेलाइट स्पोर्ट, सर्वेलांस नेटवर्क व लाजिस्टिक स्पोर्ट से देश के सीमाओं पर आज हमारे सैनिक मजबूती के साथ खड़े हैं।

    सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को मोदी सरकार की प्राथमिकता करार देते हुए कहा रक्षामंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद जवाब देने के लिए चले आपरेशन सिंदूर को एतिहासिक बनाने में मजबूत कनेक्टिविटी ने मुख्य भूमिका निभाई।

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    पाकिस्तान को दबे शब्दों में चेतावनी देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि करने को तो हम बहुत कुछ कर सकते थे। लेकिन हमारी सेनाओं ने पराक्रम के साथ धैर्य का भी परिचय दिया।

    उतना ही किया जितना जरूरी था। इतना बड़ा ऑपरेशन इस लिए संभव हो पाया क्योंकि हमारी कनेक्टिवटी मजबूत है। सेनाओं ने कार्रवाई करने को सही समय पर अपनी साजो सामान पहुंचाया।

    सेना के बलिदानियों को श्रद्घांजलि देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देशसेवा करते के लिए जान दी है।

    उन्होंनें कहा कि यह पहली बार है कि जब सीमा सड़क संगठन ने एक साथ 125 प्रोजेक्ट देश को समर्पित किए हैं। पूर्वी लद्दाख में रविवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब श्योक से श्योक टनल समेत देश के 7 प्रदेशों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में बने 125 विकास प्रोजेक्टों का लोकापर्ण करने के बाद रक्षामंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया।

    दुनिया जानती है कि हमने आतंकवादियों का क्या हाल किया। सेनाओं को साहयोग देने के लिए लोगों को आभार जताते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह जुड़ाव ही हमे विश्व में एक अलग पहचान दिलाता है।

     

    रक्षामंत्री ने कहा है सीमा पर जवान के जीवन का एक एक मिनट, एक एक सैकेंड महत्वूपर्ण है। इस लिए संपर्क को सिर्फ नेटवर्क, आप्टिकल फाइबर तक सीमित न करते हुए इसे सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि स्मार्ट फैसिंग, एकिकृत कमान सिस्टम, सर्वेलांस सिस्टम की मजबूती साबित करती है कि कनेक्टिवी व सुरक्षा अब एक दूसरे से अलग नही रह गए हैं। सीमांत क्षेत्रों का बहु उद्देशीय विकास सबको प्रभावित करता है।

    रक्षामंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण श्योक टनल समेत लोकार्पित की गई 125 सामरिक दृष्टि से अहम परियोजनाएं सेनाओं की गतिशीलता को बढ़ाएंगे व जरूरत पड़ने पर अग्रिम इलाकों तक पहुंचान आसान होगा। देश को लोकर्पित की गई विकास की परियोजनाओं में 28 सड़कें व 93 पुल शामिल हैं।

    रक्षामंंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मजबूत होने के साथ सशस्त्र सेनाओं की सामरिक क्षमता में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। श्योक टनल शुरू होने से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर साल भर निर्बाध आवाजाही संभव होने से सेना की तैनाती व लाजिस्टिक स्पोर्ट को बल मिला है।

    रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर सीमा सड़क संगठन के के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सीमांत ई क्षेत्रों में सड़क, पुल और सुरंगों का तेज़ी से निर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, इनसे सीमांत क्षेत्रों में विकास को भी बल मिलेगा।

    उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करेंगी अपितु स्थानीय आबादी को बेहतर परिवहन सुविधाएं, पर्यटन बढ़ोतरी व आर्थिक विकास का अवसर भी देंगी।

    श्योक से 125 महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के उद्घाटन समारोह में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा व सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर के जीओसी समेत अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वहीं देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल व केंद्रीय मंत्री डा जितेन्द्र सिंह वीडिया कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।

    इसी बीच राजनाथ सिंह ने श्योक दौरे के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के सुरक्षा हालात की की समीक्षा भी की।

    उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र के ज़मीनी हालात, सुरक्षा चुनौतियां व उनका सामना करने के लिए की गई तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने सर्दियों की चुनौतियों के बीच दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम बनाने के लिए मोर्चा संभाल रहे भारतीय सेना के जवानों का मनोबल भी बढ़ाया।

    भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिछले पांच सालों में कई गुणा मजबूत हुई है। सीमा सड़क संगठन ने सीमा से सटे इलाकों में नई सड़कों व पुलों का निमार्ण कर क्षेत्र में सेना की गतिशीलता को बढ़ाया है।

    ऐसे में रविवार को लेाकार्पित की गई विकास की 125 परियोजनाओं ने अग्रिम सैन्य चौकियों तक सेना तक सेना की गतिशीलता को बढ़ाकर आपरेशनल तैयारियों को तेजी दी है।

    भारतीय सेना इस समय लद्दाख में मौसम की चुनौतियों काे झेलते हुए चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा व पाकिस्तानी से लगती नियंत्रण रेखा पर किसी भी प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।

    रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के लद्दाख दौरे से क्षेत्र में सेना की आपरेशनल तैयारियों को बल मिला है। इस समय सेना ने सर्दियों के महीनों की जरूरत के लिए लद्दाख में साजो, सामान की पूरी स्टॉकिंग की है।