जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाकों में राजभवन का हेलीकॉप्टर भी पहुंचाएगा स्वास्थ्य सेवाएं
जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाकों में राजभवन का हेलीकॉप्टर भी पहुंचाएगा स्वास्थ्य सेवाएंउपराज्यपाल ने सर्दी में आपात परिस्थितियों में हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल की इजाजत दी कश्मीर के सभी जिला मुख्यालयों में 15 तक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के दुर्गम इलाकों के लोगों के लिए सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधी आपात परिस्थितियों में मदद के लिए राजभवन के हेलीकॉप्टर भी इस्तेमाल किए जाएंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को इसकी इजाजत दे दी है।
उन्होंने किसी भी आपात स्थिति से निपटने और बर्फ हटाने का काम बिना रुकावट जारी रखने के लिए कश्मीर के प्रत्येक जिला मुख्यालय में 15 अक्टूबर तक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का भी निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने नागरिक सचिवालय में सर्दी के दौरान कश्मीर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में नागरिक सेवा व सुविधाओं को बहाल रखने की तैयारियों पर उच्चस्तरीय बैठक की है।
उन्होंने उन्होंने बिजली विभाग को बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए कार्यबल गठित करने को कहा है। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को सड़क संपर्क, आवश्यक वस्तुओं व बिजली-पेयजल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने के लिए प्रभावी और त्वरित तंत्र विकसित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि टंगडार, गुरेज, केरन व मच्छल समेत प्रदेश के कई इलाके सर्दी में जिला मुख्यालयों से कट जाते हैं। इन इलाकों के लिए केंद्र सरकार की हेली सेवा हमेशा उपलब्ध है, लेकिन स्वास्थ्य चिकित्सा संबंधी आपात परिस्थितियों में अधिकारी राजभवन की हेलीकॉप्टर सेवा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
उपराज्यपाल के निर्देश-बर्फबारी में सड़क संपर्क बनाए रखने के लिए अधिकारियों को पर्याप्त मशीनरी का इंतजाम हो।-जिन गलियों और सड़कों से मशीनों द्वारा बर्फ नहीं हटाई जा सकती, वहां कुशल श्रमिकों की सेवा ली जाए। दूरदराज के इलाकों में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखे जाएं।-पानी, जलाने के लिए लकड़ी, राशन, दवा व अन्य मौलिक सुविधाओं की कमी नहीं हो।-रसोई गैस का पर्याप्त भंडारण हो, एंबुलेंस सेवा तैयार रखी जाए।