Jammu Kashmir: आई बरसात-मदद के लिए सेना भी तैयार, वायुसेना हेलीकॉप्टर के साथ मुस्तैद
जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के साथ सरहदों की हिफाजत में मुस्तैद सेना ने बरसात शुरू होते ही आम लोगों की मदद के लिए भी अपने पूरे साजो-सामान के साथ तैयारी कर ली है। सेना मदद का हाथ बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के साथ सरहदों की हिफाजत में मुस्तैद सेना ने बरसात शुरू होते ही आम लोगों की मदद के लिए भी अपने पूरे साजो-सामान के साथ तैयारी कर ली है। भूस्खलन हो या बाढ़, उफनती नदियों में फंसी जिंदगी को बचाना हो या बंद रास्तों को खोलने की चुनौती, सेना मदद का हाथ बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
गांदरबल में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लोगों की मदद को आगे आई सेना
प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले पहाड़ी प्रदेश जम्मू कश्मीर में हर साल बरसात भारी तबाही मचाती है। नदी-नलों में बाढ़ से घरों, पुलों व सड़कों को भारी नुकसान पहुंचता है। भूस्खलन या पहाड़ दरकने से कुछ इलाके तो कई-कई दिन तक जिला मुख्यालयों से कट जाते हैं। ऐसे में संकट की हर घड़ी में सेना स्थानीय प्रशासन के साथ खड़ी नजर आती है।
इस बार भी पहाड़ी इलाकों में सेना की स्थानीय यूनिटें तो मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात से निपटने लिए वायुसेना के हेलीकाप्टर तैयार हैं। सभी को जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। लगभग हर साल जम्मू एयरफोर्स स्टेशन से हेलीकाप्टर अचानक बाढ़ आने पर तवी नदी में फंसे लोगों को बचाने के लिए उड़ान भरते हैं।
कश्मीर के गांदरबल जिले के वाटलर गांव में गत सोमवार को बादल फटने के बाद स्थानीय नाले में आई बाढ़ से करीब 43 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। लोगों की मदद करने के लिए सेना ने तड़के पांच बजे ही राहत अभियान छेड़ दिया। सेना ने गांव में एकत्र हुए मलबे को हटाने के साथ रास्ता खोलने में भी मदद की।
त्वरित कार्रवाई के लिए बनाए हैं दल :
बरसात के दिनों में लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने के लिए सेना ने विशेष दल भी बनाए हैं। जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया गया है। यह दल सूचना मिलते ही तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हो जाते हैं। इसके साथ तीन हेलीकाप्टर भी इसके लिए अलग से तैयार रखे गए हैं।
लोगों को बचाने के लिए हाजिर हैं सेना :
जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि सेना के जवान कठिन हालात में कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित हैं। वे मौसम की चुनौतियां का सामना करने के साथ प्रदेश में लोगों को बचाने के लिए भी हाजिर रहते हैं। चाहे सड़क हादसे हों या बिगड़ा मौसम, सेना के जवान आवाम की मदद करने के लिए मैदान में हैं।