अगले साल ट्रेन से जाएं दिल्ली से कश्मीर, जानिए बेहद महत्वपूर्ण इस परियोजना में क्या है खास
दिल्ली को रेल यातायात से कश्मीर तक जोड़ने में केवल कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का काम ही बचा है। इसी सेक्शन के बीच दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब दरिया पर बनाया जा रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। सब कुछ सुचारू और योजनाबद्ध तरीके से चला तो अगले साल आप देश की राजधानी दिल्ली से ट्रेन पकड़कर सीधे कश्मीर पहुंच सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना को हर हाल में अगले साल तक पूरा करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। मौजूदा समय में ट्रेन जम्मू तवी से आगे माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा तक चलती है। कटड़ा से बनिहाल के बीच रेल ट्रैक व टनल निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बनिहाल से आगे श्रीनगर और बारामुला तक पहले से ट्रेन चल रही है। ऐसे में दिल्ली को रेल यातायात से कश्मीर तक जोड़ने में केवल कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का काम ही बचा है। इसी सेक्शन के बीच दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब दरिया पर बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए केंद्र शासित जम्मू कश्मीर समेत 16 राज्यों में नौ परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए संबंधित मुख्य सचिवों के साथ 31वीं प्रगती बैठक की। उन्होंने पिछड़े जिलों को विकास के मानकों पर राष्ट्रीय औसत के स्तर पर लाने के लिए एक समय सीमा भी तय करने पर जोर दिया है। बैठक में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव भी शामिल हुए। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
यह बेहद महत्वपूर्ण परियोजना : बैठक में प्रधानमंत्री ने ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर जारी काम का जायजा लेते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में आर्थिक-सामाजिक उन्नति का एक नया दौर शुरू होगा। इसलिए इस पर तेजी से काम होना चाहिए। यह परियोजना अगले साल तक हर हाल में पूरी की जाए।
दुनिया के सबसे दुर्गम रेल ट्रैक में से एक
- 345 किलोमीटर जम्मू-बारामुला रेल मार्ग का हिस्सा है ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला लिंक
- 135 किलोमीटर बनिहाल से बारामुला तक ट्रैक शुरू हो चुका है।
- 79 किलोमीटर जम्मू से कटड़ा तक रेल सेवा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में कर चुके हैं लोकार्पण।
- 136 किलोमीटर ऊधमपुर-बनिहाल के बीच रेल लिंक का निर्माण कार्य जारी है। यह दुनिया के सबसे दुर्गम रेल ट्रैक में से एक होगा। इसमें से 25 किलोमीटर ऊधमपुर से कटड़ा ट्रैक पहले से चल रहा है।
- कटड़ा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन रेलवे लाइन में से 97 किलोमीटर रेलवे लाइन पहाड़ों को काटकर बनाई गई है, जो सुरंगों से गुजरेगी। सिर्फ 14 किलोमीटर ही सुरंगों से बाहर रेल लाइन होगी।
- 97 किलोमीटर लंबी सुरंगों में से 67 किलोमीटर बन चुकी हैं। इसके साथ ही 30 किलोमीटर लंबी बचाव सुरंगें भी तैयार हो चुकी हैं।
- 37 टनल का किया जा रहा है निर्माण
- 27 पुल होंगे इस रेल लिंक में
- 350 मीटर ऊंचा चिनाब नदी पर बनने वाला आर्क ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा पुल होगा। इसकी ऊंचाई एफिल टावर से भी अधिक है।
- इस सेक्शन की कुल अनुमोदित लागत 21653 करोड़ है। गत सिंतबर माह के अंत तक इस सेक्शन में जारी काम पर 13285 करोड़ खर्च किए जा चुके थे।
- बनिहाल-कटड़ा सेक्शन में में आठ बड़े स्टेशन हैं, जिनमें से पांच जिला रियासी में रियासी, सलाल, डुग्गा और बेसिंदाधार और तीन जिला रामबन में संगलदान, सुंबढ़ और अरपिंचाला हैं।
- कटड़ा-बनिहाल रेलवे लाइन के निर्माण का जिम्मा उत्तरी रेलवे की निगरानी में कोंकण रेलवे कारपोरेशन और इरकान ने संभाल रखा है।
- 11 किलोमीटर लंबी होगी पीर पंजाल टनल। यह सड़क मार्ग पर बनी टनल से 440 मीटर नीचे होगी और बर्फबारी से प्रभावित नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य में जारी अन्य योजनाओं की भी जानकारी ली
आकांक्षी योजनाओं की दी जानकारी : आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत राज्य में जारी योजनाओं के तहत जिला कुपवाड़ा में उच्च घनत्व व पैदावार वाले सेब व अखरोट के नए पेड़ लगाने के संदर्भ में अपनाई जा रही उत्कृष्ट विधियों व तरीकों के अलावा प्रदर्शन के 49 मानकों के बारे में भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिलों को विकसित बनाए जाने को एक राष्ट्र सेवा करार देते हुए कहा कि विकास दर की राष्ट्रीय औसत पर पिछड़े जिलों को लाने के लिए समयबद्ध तरीके से काम करना होगा। उन्होंने युवा और ऊर्जावान अधिकारियों को आकांक्षी जिलों में नियुक्त करने पर भी जोर दिया।
जम्मू कश्मीर में दो ई-मंडियों के जारी काम की समीक्षा : बैठक में प्रधानमंत्री को नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट प्लेटफार्म पर हुई प्रगति से भी अवगत कराया। इससे किसानों को अपनी फसल का उचित दाम प्राप्त करने में मदद मिल रही है। इसके तहत किसानों के खातों में बिना किसी बिचौलिए के ई-पेमेंट के जरिए पैसा जा रहा है। बैठक में जम्मू कश्मीर में दो एकीकृत ई-मंडियों की स्थापना पर जारी काम की समीक्षा भी की गई।
नया स्टार्टअप माडल तैयार करने का निर्देश : प्रधानमंत्री ने बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय को मांग एकत्रीकरण के लिए विशेषकर एक राज्य से दूसरे राज्य में कृषि उत्पादों के हस्तांतरण के लिए ई-माडल के आधार पर मिलकर लाजस्टिक स्पोर्ट का एक नया स्टार्टअप माडल तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को एक साथ आकर सुचारू संचालन के लिए एक आम, एकीकृत मंच का उपयोग करना होगा।