पुलवामा के हालात पर कश्मीर नेता भड़के
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पुलवामा में शनिवार को मुठभेड़ में तीन आतंकियों की मौत के बाद भड़की
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पुलवामा में शनिवार को मुठभेड़ में तीन आतंकियों की मौत के बाद भड़की ¨हसा और कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति में सात नागरिकों की मौत पर कश्मीर केंद्रित पार्टियों की सियासत तेज हो गई। नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीर मुख्यधारा की सियासत से जुड़े लोगों ने राज्यपाल प्रशासन पर सवाल उठाए।
पीडीपी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने टवीटर पर लिखा कि कोई भी जांच मारे गए मासूम नागरिकों को ¨जदा नहीं कर सकती। दक्षिण कश्मीर में लोग छह माह से डर के माहौल में जी रहे हैं। क्या यही राज्यपाल शासन से उम्मीद थी? प्रशासन आम लोगों की सुरक्षा करने में नाकाम रहा है। पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। महबूबा ने कहा कि कोई भी मुल्क अपने ही लोगों की हत्या कर जंग नहीं जीत सकता। हम और अपने नौजवानों की लाशों को कंधा देते रहेंगे? एक बार फिर खूनी खेल को बंद करने के लिए सभी से मदद प्रयास करने का आग्रह करती हूं।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह एक बुरा ऑपरेशन था जो घटिया और गलत तरीके से अंजाम दिया गया है। सात नागरिक मारे गए हैं और कई अन्य जख्मी हुए हैं। आप किसी भी तरीके से इसे देखें तो यह घटिया रणनीति से अंजाम दिया ऑपरेशन अथवा इनकाउंटर है। मुठभेड़स्थल पर प्रदर्शन अब एक आम बात हो चली है, यह कोई नई नहीं हैं। हम आज तक इनसे सही तरीके से निपटने में समर्थ क्यों नहीं हो पाए? उमर ने एक अन्य टवीट में लिखा है कि कश्मीर में एक और रक्तरंजित सप्ताहंत। छह प्रदर्शनकारी मारे गए, एक सिपाही ड्यूटी की राह में शहीद। इन लोगों के साथ तीन आतंकी भी मारे गए और सुबह से इस पूरे अभियान में सात लोग मारे गए हैं। कितना भयावह दिन है। संकटग्रस्त कश्मीर में शांति बहाली के लिए राज्यपाल प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। नेकां उपाध्यक्ष ने अन्य टवीट में लिखा है कि राज्यपाल मलिक के पास सिर्फ और सिर्फ एक ही काम था -आम लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाना व कश्मीर में शांति बहाल करना। यही एक काम प्रशासन नहीं कर रहा है। प्रचार और अखबारों में पूरे पूरे पेज के इश्तिाहरों से शांति नहीं आती।
पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि प्रशासन को ऐसे आतंकरोधी अभियानों के परिणाम का जरूर आकलन करना चाहिए। पुलवामा से दिल दहला देने वाली खबरें आ रही हैं। प्रशासन को ऐसे अभियानों का आकलन करना चाहिए। अगर कभी ऐसे किसी अभियान में आम नागरिकों के मारे जाने की जरा भी आशंका हो तो बेहतर है कि ऐसे अभियान को स्थगित कर दिया जाए। मुझे पूरी उम्मीद है कि प्रशासन अपनी रैंबो मानसिकता को अब छोड़ देगा। लोन ने मरने वालों के परिजनों के साथ अपनी संवेदना जताते हुए कहा कि कि मैं खुद से दुआ करता हूं कि वह हमें दुख और पीड़ा के इस दौर से बाहर निकाले। इसके साथ ही मैं उम्मीद करता हूं कि प्रशासन अपनी रैंबो मानसिकता को छोड़गा।