Pulwama Attack : पूरा नहीं हुआ है पुलवामा हमले का बदला, मास्टरमाइंड जेइएम कमांडर समीर अभी जिंदा
Pulwama Attack जुलाई में त्राल में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ लंबू के साथ मारा गया आतंकी गाजी रशीद था। वह भी पाकिस्तान का रहने वाला था। लंबू जैश सरगना अजहर मसूद के करीबियों में एक था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पुलवामा फिदायीन हमले को देश कभी भूल नहीं सकता। फरवरी 2019 में आतंकियों द्वारा किए गए फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस खबर ने पूरे देश को दहला दिया था। हर कोई यही चाहता था कि इस हमले के पीछे जो कोई भी है, उसे खत्म कर देना चाहिए। सुरक्षाबलों ने भी ऐसा ही किया। एक-एक कर घाटी में अलग-अलग मुठभेड़ों में सभी आतंकियों को मार गिराया गया।
इसी साल 31 जुलाई को सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू जोकि जैश सरगना मसूद अजहर के परिवार का सदस्या था और पुलवामा हमले के साजिशकर्ता समीर भट को मारने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने पुलवामा हमले का बदला ले लिया है। पर पुलवामा हमले का बदला अभी पूरा नहीं हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद कमांडर समीर भट अभी जिंदा है और कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए साजिशें रच रहा है।
जुलाई में त्राल में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मोहम्मद इस्माइल अल्वी उर्फ लंबू के साथ मारा गया आतंकी गाजी रशीद था। वह भी पाकिस्तान का रहने वाला था। लंबू जैश सरगना अजहर मसूद के करीबियों में एक था।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने स्वीकार किया कि 31 अगस्त को पुलवामा जिले में त्राल के ऊपरी इलाके में नागबेरन में हुई मुठभेड़ में जैश कमांडर लंबू के साथ जो दूसरा आतंकी मारा गया था, वह समीर डार नहीं है। वह गाजी रशीद ही था। उन्होंने बताया कि समीर डार के स्वजन ने शव को पहचानने से इन्कार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि शव समीर डार का नहीं है। इसके अलावा अगस्त की शुरुआत में ही गुलाम कश्मीर में और बहावलपुरा में स्थित जैश के कैंपों में और गुलाम कश्मीर में गाजी रशीद के स्वजन ने उसकी मौत पर गायबाना नमाज ए जनाजा अदा की थी। यह जानकारी भी हमें अपने सूत्रों से मिली थी। इसलिए लंबू के साथ मारा गया दूसरा आतंकी गाजी रशीद ही था। अलबत्ता, उन्होंने 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले के चंद दिनों बाद सुरक्षाबलों द्वारा गाजी रशीद को मार गिराने संबंधी दावे पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की।
2016 से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है समीर
समीर एक गर्म दिमाग वाला लड़का है। कहा जाता है कि वर्ष 2018 में आतंकी हमले में मारे गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी पटेल की हत्या के पीछे भी उसकी का हाथ था। समीर वर्ष 2016 में उस समय आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हुआ जब वह पुलिस की हिरासत से रिहा हुआ। उसे पुलिस ने 24 मार्च 2016 में पथराव के आरोप में गिरफ्तार किया था। 29 मार्च को उसे रिहा कर दिया गया। वह उस दौरान भी हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करता था। रिहा होने के बाद वह संगठन में पूरी तरह से शामिल हो गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बीच उसके संगठन के नेतृत्व के साथ मतभेद हो गए और वह हिजबुल मुजाहिदीन को छोड़ जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया।