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कारगिल में चूतक पावर प्रोजेक्ट को नीमो बाजगो प्रोजेक्ट से जोड़ने से भड़का जनआक्राेश

वहीं कारगिल में लोगों के गुस्से को देखते हुए एनएचपीसी ने स्पष्ट किया है कि फैसले से लोगों के आर्थिक हिताें को कोई नुकसान नही होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:44 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 05:21 PM (IST)
कारगिल में चूतक पावर प्रोजेक्ट को नीमो बाजगो प्रोजेक्ट से जोड़ने से भड़का जनआक्राेश
कारगिल में चूतक पावर प्रोजेक्ट को नीमो बाजगो प्रोजेक्ट से जोड़ने से भड़का जनआक्राेश

जम्मू, राज्य ब्यूरो: लद्दाख में चूतक पावर प्रोजेक्ट को लेह के नीमो बाजगो पावर प्रोजेक्ट से जोड़े जाने के फैसले के खिलाफ कारगिल जिले में गुस्सा भड़क गया है। लोगों को लग रहा है कि इस फैसले से उनके राेजगार के साधन छिन जाएंगे। लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए कार्रवाई जारी है।

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इस फैसले की मांग को लेकर कारगिल जिले में रोष के चलते नेशनल हाइड्रो पावर कोरपोरेशन (एनएचपीसी) ने लोगों के गुस्से को बेबुनियाद बताया है। लोगों में रोष है कि प्रोजेक्ट को लेह के नीमा बाजगो प्रोजेक्ट से जाेड़ने से मुख्यालय कारगिल से स्थानांतरित होकर लेह चला जाएगा। इससे कारगिल के लोगों के आर्थिक हितों को नुकसान होगा। ऐसे में कारगिल में प्रभाव रखने वाली इमाम खुमैनी मेमारियल ट्रस्ट भी मैदान में आ गई। वहीं फैसला वापस लेने के लिए कारगिल हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिराेज खान ने लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर को पत्र लिखा है।

वहीं कारगिल में लोगों के गुस्से को देखते हुए एनएचपीसी ने स्पष्ट किया है कि फैसले से लोगों के आर्थिक हिताें को कोई नुकसान नही होगा। एनएचपीसी ने स्पष्ट किया है कि कारगिल के मिंजी स्थित चूतक पावर प्रोजेक्ट के बेराज, पावर हाउस, स्टाेर में अधिकारियों, कर्मचारियों की तैनाती पर कोई असर नही पड़ेगा। वहां पर स्टोर, ट्रांसपोर्ट, मेडिकल सर्विस, सेफ्टी, आवासीय, गैर आवासीय बुनियादी ढांचा बरकरार रहेगा। पहले की तरह से वाहन भी किराए पर लिए जाएंगे।

वहीं लोगों के आर्थिक हितों को नुकसान होने की संभावना को भी नकारते हुए नेशनल हाइड्रो पावर कोरपोरेशन ने लोगों को सूचित किया है कि कांट्रेक्ट के तहत इस पावर प्रोजेक्ट पर तैनात लोग पहले की तरह से काम करते रहेंगे। ऐसे में वर प्रोजेक्ट को लेह के नीमो बाजगो पावर प्रोजेक्ट से जोड़े जाने के फैसले से उनके रोजगार पर कोई असर नही पड़ने वाला है। कारगिल के सुरू नदी पर इस प्रोजेक्ट के निमार्ण का कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था। इसक बिजली उत्पादन की क्षमता 44 मैगावाट है।


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